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Gold Silver Rate in 2026: तेजी या मंदी... नए साल में क्या रहेगा सोना-चांदी का भाव?

साल 2025 के अंत में चांदी ने जबरदस्त उतार-चढ़ाव के साथ नए रिकॉर्ड बनाए हैं. विश्लेषकों के मुताबिक, सप्लाई संकट और ग्रीन एनर्जी डिमांड 2026 में कीमतों को और ऊपर ले जा सकती है. मोतीलाल ओसवाल और केडिया एडवाइजरी ने ₹3 लाख प्रति किलो तक का लक्ष्य दिया है. हालांकि, बीच में 30% तक की तेज गिरावट का खतरा भी बना हुआ है. वहीं, सोने में भी जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा. ऐसी उम्मीद है कि सोना 1.60 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर सकता है.

Gold Silver Rate in 2026: तेजी या मंदी... नए साल में क्या रहेगा सोना-चांदी का भाव?
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( Image Source:  Sora_ AI )

Gold Silver price forecast 2026: साल 2025 में सोने और चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिली. दोनों की लगातार बढ़ती कीमतों ने लोगों को हैरान कर दिया है. चांदी तो इन दिनों निवेशकों के लिए सबसे बड़ी पहेली बन चुकी है. कभी तेज उछाल, तो कभी अचानक गिरावट... साल 2025 के आखिरी दौर में चांदी की चाल सामान्य तेजी से बिल्कुल अलग नजर आ रही है. इसी उतार-चढ़ाव के बीच बाजार में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 2026 में सोने-चांदी की कीमतें फिसलेंगी या फिर नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाएंगी?

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चांदी की आंख-मिचौली

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतें 84 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गईं. हालांकि इस तेजी के बावजूद बाजार में भारी अस्थिरता देखने को मिली. भारतीय बाजार में भी चांदी ने नया इतिहास रचते हुए ₹2,33,311 प्रति किलो का ऑलटाइम हाई छुआ, जबकि दिन का निचला स्तर ₹2,33,279 रहा. यानी ऊंचे स्तरों पर भी कीमतें बेहद संवेदनशील बनी रहीं.


स्ट्रक्चरल ट्रांसफॉर्मेशन की शुरुआत?

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, यह उतार-चढ़ाव किसी तात्कालिक कारण का नतीजा नहीं है, बल्कि सालों से चली आ रही आपूर्ति की कमी इसकी असली वजह है. रिपोर्ट में 2025 के अंत में कॉमेक्स (COMEX) में आए 'वॉल्ट ड्रेन संकट' का जिक्र है, जहां सिर्फ चार दिनों में रजिस्टर्ड स्टॉक्स का करीब 60% डिलीवरी के लिए क्लेम कर लिया गया.


इसके अलावा, दुनिया के सबसे बड़े सिल्वर रिफाइनर चीन द्वारा 1 जनवरी 2026 से नए एक्सपोर्ट लाइसेंसिंग नियम लागू किए जाने से वैश्विक सप्लाई और सख्त होने की आशंका जताई जा रही है. इसी आधार पर मोतीलाल ओसवाल ने 'गिरावट पर खरीदारी' की रणनीति अपनाने की सलाह दी है और ₹2,46,000 प्रति किलो (घरेलू), 77 डॉलर प्रति औंस (वैश्विक) का टारगेट तय किया है.


2026 में चांदी गिरेगी या उड़ेगी?

तेजी के इस रुझान को और मजबूत करते हुए ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी का मानना है कि चांदी की तेजी अभी शुरू ही हुई है. कियोसाकी ने 2026 में चांदी की कीमत 70 डॉलर से 200 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना जताई है और निवेशकों से इसे खरीदने की अपील भी की है.

डिजिटल युग की धातु बनी चांदी

केडिया एडवाइजरी ने चांदी को स्वच्छ ऊर्जा, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और डेटा सेंटर्स के लिए बेहद अहम बताते हुए इसे 'डिजिटल एज मेटल' करार दिया है. एडवाइजरी ने अपना लॉन्ग टर्म टारगेट बढ़ाकर ₹3,00,000 प्रति किलो कर दिया है. हालांकि, चेतावनी भी साफ है. केडिया एडवाइजरी के मुताबिक, रास्ता आसान नहीं होगा और 28% से 30% तक का फ्लैश क्रैश भी देखने को मिल सकता है, खासकर अगर ETF आधारित मांग कमजोर पड़ती है.


क्या चांदी 130 डॉलर तक पहुंचेगी?

InvestingNews.com के अनुसार, फर्स्ट मैजेस्टिक सिल्वर के सीईओ कीथ न्यूमेयर का मानना है कि चांदी 100 डॉलर-130 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकती है. हालांकि, विश्लेषक फिलहाल इसे लेकर सतर्क हैं और मानते हैं कि सप्लाई संकट बना रहने पर 100 डॉलर का स्तर ज्यादा यथार्थवादी लक्ष्य हो सकता है.


सोना 1.5 लाख के पार?

रिपोर्ट के अनुसार, अगर वैश्विक सप्लाई संकट, ग्रीन एनर्जी की मांग और डॉलर में कमजोरी का ट्रेंड जारी रहता है, तो 2026 में चांदी ₹3 लाख प्रति किलो और सोना ₹1.5–1.6 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर सकता है. पिछले साल 31 दिसंबर को सोना 78 हजार 950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था, जो आज 1 लाख 40 हजार के पार पहुंच गया है. नए साल यानी 2026 में इसकी कीमत 1.60 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के पार पहुंच सकती है.

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