क्या है रूस की ओरेश्निक मिसाइल, जिसका दुनिया के किसी भी देश के पास कोई जवाब नहीं?

What Is Oreshnik Missile: रूस के पास एक ऐसी मिसाइल है, जिसका दुनिया के किसी भी देश के पास कोई जवाब नहीं है. इस मिसाइल का हमला न्यूक्लियर बम जैसा ही होता है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी मिसाइल से पिछले महीने यूक्रेन पर हमला किया था. इस मिसाइल का नाम है- ओरेश्निक. आइए आपको इस मिसाइल की रेंज, स्पीड और खासियतों के बारे में बताते हैं...;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 20 Dec 2024 7:11 PM IST

What Is Oreshnik Missile in Hindi: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इस जंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पिछले महीने रूस ने खुलासा किया कि वह अगले साल यानी 2025 से बेलारूस में एक घातक और नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक तैनात करेगा. रूस के इस कदम के पीछे की वजह अमेरिका और जर्मनी की तरफ से पूरे यूरोप में इंटरमीडिएट रेंज की मिसाइलों को तैनात करना बताया जा रहा है.

ओरेश्निक मिसाइल की रेंज में पूरा यूरोप आ जाएगा. इसके साथ ही नाटो बेस भी मिसाइल के टारगेट पर होंगे. पुतिन ने बताया कि यह मिसाइल ध्वनि की गति से 10 गुना यानी ढाई से 3 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलती है. आइए, इस मिसाइल के बारे में विस्तार से जानते हैं...

ओरेश्निक मिसाइल की रेंज कितनी है?

ओरेश्निक मिसाइल की रेंज 5500 किलोमीटर है. यह प्रति सेकंड तीन किलोमीटर की स्पीड से चलती है. इसमें जो हथियार लगाए जाते हैं, वो 4000 डिग्री सेल्सियस का तापमान पैदा करते हैं. इसका मतलब है कि अगर किसी जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाए तो उस जगह सिर्फ राख ही राख बचेगी. इससे भयानक तबाही हो सकती है.

3 मिनट के अंदर तबाह हो सकता है यूक्रेन

ओरेश्निक मिसाइल की बेलारूस में तैनाती के बाद यह 2.7 मिनट में यूक्रेन, 3.2 मिनट में पोलैंड, 5 मिनट में फिनलैंड, 6.1 मिनट में जर्मनी, 8.3 मिनट में पेरिस और 8.8 मिनट में लंदन पहुंचेगी. हालांकि, इसकी जद में अमेरिका नहीं आएगा. रूस ने दावा किया है कि उसके पास ऐसे कई ओरेश्निक मिसाइल सिस्टम है, जो बिना न्यूक्लियर वेपन का इस्तेमाल किए भी बहुत गहराई पर स्थित सुरक्षित बंकरों को नष्ट कर सकता है.

ओरेश्निक मिसाइल की खासियतें

ओरेश्निक मिसाइल हाइपरसोनिक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है. इसकी स्पीड 12 हजार 300 किमी प्रति घंटा है. यह 5500 किमी रेंज तक हमला कर सकती है. इसमें मल्टीपल इंडेपेंडेटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRV) सिस्टम है. यानी यह एक साथ कई टारगेट पर हमला कर सकती है. इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह टारगेट की तरफ बढ़ते हुए अपनी दिशा और एंगल को बदल सकती है. इससे दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं पाएगा.

क्यों चर्चा में है ओरेश्निक मिसाइल?

दरअसल, यूक्रेन ने रूस पर 21 नवंबर को अमेरिकी और ब्रिटेन द्वारा दी गई मिसाइलों से हमला किया था. इससे फरवरी 2022 से चल रहा संघर्ष और ज्यादा बढ़ गया. इसी बीच, अमेरिका ने सेना सामरिक मिसाइल (ATACMS) पर लगा प्रतिबंध हटा लिया. इससे रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया. रूस ने बताया कि उस पर छह अमेरिकी निर्मित ATACMS मिसाइलें दागी गईं हैं. इसके जवाब में उसने ड्नीप्रो शहर पर ओरेश्निक मिसाइल से हमला किया. पुतिन ने अपने सालाना संवाददाता सम्मेलन और 'कॉल इन शो'  कार्यक्रम में भी इस मिसाइल का जिक्र किया. उन्होंने अमेरिका को चुनौती दी थी कि वह इस हाइपरसोनिक मिसाइल की अपने सबसे ताकतवर मिसाइल से मुकाबला करा ले. फिर देखते हैं कि कौन जीतता है.

अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की बढ़ी चिंता

ओरेश्निक की तैनाती से अमेरिका समेत पश्चिम देशों की चिताएं बढ़ गई हैं. अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 1987 में इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (INF) संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 500 से 5500 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइलों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था. हालांकि, 2019 में दोनों देशों ने इस संधि को तोड़ दिया. रूस ने कहा कि आने वाले समय में ओरेश्निक मिसाइलों का अधिक इस्तेमाल होगा.

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