Hayat Tahrir al-Sham क्या है, जिसने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर पर किया कब्जा? जानें सबकुछ

What is Hayat Tahrir al-Sham: हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद से यह चर्चा में है. लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर HTS क्या है और इसकी स्थापना कैसे हुई, आइए इन सब सवालों का जवाब जानते हैं...;

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Hyat Tahrir al-Sham: हयात तहरीर अल-शाम (HTS) सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा करने के बाद सुर्खियों में है. एचटीएस के नेतृत्व में इस्लामी विद्रोहियों ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बशर अल-अशद की सरकार के खिलाफ बड़ा हमला किया था. ऐसा हमला पिछले कई सालों में नहीं हुआ था. एचटीएस ने उत्तरी सीरिया के 50 से ज्यादा कस्बों और गांवों पर कब्जा कर लिया है.

HTS और उसकी सहयोगी विद्रोही सेनाएं सीरिया के आखिरी प्रमुख विपक्षी गढ़ इदलिब में अपने बेस से तेजी से आगे बढ़ते हुए 29 नवंबर को पश्चिमी अलेप्पो में प्रवेश कर गईं. यहां असद के सैनिकों के पीछे हटने के कारण उन्हें ज्यादा प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा. इस हमले के कारण भयंकर जवाबी कार्रवाई हुई, जिसमें अलेप्पो पर रूसी हवाई हमला भी शामिल था. 2016 के बाद से शहर में रूस का यह पहला हमला था, जिसमें 28 नागरिकों सहित 277 लोग मारे गए.

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हयात तहरीर अल-शाम क्या है?

हयात तहरीर अल-शाम की शुरुआत 2011 में अल कायदा से जुड़े जबात अल-नुसरा (Jabhat al-Nusra) के रूप में हुई थी. यह अपनी निर्दयता के लिए जाना जाता था.हयात तहरीर अल-शाम का अर्थ है- लेवेंट की मुक्ति के लिए संगठन. शुरुआत में असद के खिलाफ विद्रोह में फ्री सीरियन आर्मी के साथ गठबंधन करने वाले इस संगठन की सख्त जिहादी विचारधारा ने जल्द ही इसे अन्य विद्रोही गुटों से अलग कर दिया.

जबात अल-नुसरा के पूर्व नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी एचटीएस के प्रमुख हैं. यह समूह सलाफी-जिहादी विचारधारा का पालन करता है. इस विचारधारा का लक्ष्य सीरिया की असद सरकार को गिराना और यहां इस्लामी शासन स्थापित करना है. 2016 में, समूह के नेता ने अल कायदा से संबंध तोड़ लिए और संगठन का नाम बदल दिया, जो बाद में अन्य इस्लामी समूहों के साथ विलय के बाद HTS में बदल गया. तब से, HTS इदलिब में प्रमुख शक्ति के रूप में काम कर रहा है. इसकी आबादी चार मिलियन यानी 40 लाख है. इनमें से कई लोग असद के सैन्य अभियानों के दौरान विस्थापित हो गए थे.

सीरिया में कट्टरपंथी इस्लामी सरकार बनाना चाहता है HTS

इस्लामिक स्टेट के विपरीत एचटीएस ने अपना ध्यान वैश्विक जिहाद से हटाकर सीरिया के भीतर कट्टरपंथी इस्लामी सरकार बनाने पर केंद्रित कर दिया. इसने इदलिब में अपनी सत्ता को मजबूत किया, जहां यह एक वास्तविक सरकार के रूप में काम करती है. हालांकि, मानवाधिकारों के हनन के आरोपों और प्रतिद्वंद्वी गुटों के साथ कटु संघर्ष ने इसकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है.

HTS सीरिया के कुछ हिस्सों पर सीरियाई साल्वेशन गवर्नमेंट (SSG) के जरिए सरकार चलाता है, जो अपने क्षेत्रों में लगभग 40 लाख लोगों को खाद्य सहायता और कल्याण कार्यक्रमों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है. यह समूह तुर्की के साथ बाब अल-हवा सीमा पार सहित महत्वपूर्ण संसाधनों को नियंत्रित करता है, जो मानवीय सहायता की सुविधा प्रदान करता है.

रणनीति में किया बदलाव

कई सालों तक HTS ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाने से परहेज किया. ऐसा लगा कि वह इदलिब में अपने गढ़ से संतुष्ट है, लेकिन अलेप्पो में हालिया हमला उसकी रणनीति में बदलाव का संकेत देता है.

असद के खिलाफ प्रतिरोध का गढ़ बना है इदलिब

इदलिब संघर्ष के शुरुआती वर्षों से ही असद के खिलाफ प्रतिरोध का गढ़ बना हुआ है. 2020 में रूस और तुर्की द्वारा कराए गए सीजफायर ने एचटीएस को इदलिब ने पर अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका दिया.

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