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बांग्लादेश में हिंदुओं की बात करना भी गुनाह! महिला पत्रकार पर कट्टरपंथियों ने किया हमला

Bangladesh: ढाका पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि भीड़ ने मुन्नी साहा को घेर लिया और निशाना बनाया. ऐसे में उन्हें घबराहट के साथ डर में देखा गया.

बांग्लादेश में हिंदुओं की बात करना भी गुनाह! महिला पत्रकार पर कट्टरपंथियों ने किया हमला
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सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 1 Dec 2024 2:42 PM IST

Bangladesh: बांग्लादेश भारत और हिंदुओं से किस कदर नफरत करता है, ये हालिया घटनाओं में दिखाई दे रहा है. कल रात ढाका में वरिष्ठ बांग्लादेशी पत्रकार मुन्नी साहा को भीड़ ने घेर लिया और उन पर गलत सूचना फैलाने और 'बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने के लिए सब कुछ करने' का आरोप लगाया

मुन्नी साहा को तब घेरा गया जब वह कहती रहीं, 'यह भी मेरा देश है.' आखिरकार, एक पुलिस टीम आई और उन्हें हिरासत में ले लिया. बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साहा पड़ोसी देश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक छात्र की मौत से जुड़े मामले में वांछित थीं, जिसके कारण वहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटा दिया गया था.

पुलिस ने बताया कि मुन्नी साहा को ढाका के कावरान बाजार इलाके से बचाया गया, जहां भीड़ ने उन्हें घेर लिया था. वायरल वीडियो में मुन्नी साहा को भीड़ से घिरा हुआ देखा जा सकता है. एक आवाज़ सुनाई दे रही है, जिसमें उन पर 2009 के बांग्लादेश राइफल्स विद्रोह के बारे में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है. इस घटना में 57 लोगों की जान चली गई थी.

पत्रकार से कहा जाता है, 'आप इस देश को भारत का हिस्सा बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. छात्रों का खून आपके हाथों पर है.' इन आरोपो के बीच पत्रकार इनकार में सिर हिलाती हैं. उनसे कहा गया, 'आप इस देश की नागरिक होकर इस देश को कैसे नुकसान पहुंचा सकती हैं?' मुन्नी साहा ने जवाब दिया, 'मैंने क्या नुकसान पहुंचाया है? यह भी मेरा देश है.'

हिंदुओं के लिए खड़ा होना पड़ा मंहगा

55 वर्षीय पत्रकार बंगाली चैनल एटीएन न्यूज़ की पूर्व समाचार प्रमुख हैं. शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद उन पर और कई अन्य पत्रकारों पर मानवता के खिलाफ़ अपराध के आरोप लगाए गए थे.

मुन्नी साहा को सत्ता परिवर्तन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति को लेकर रिपोर्ट कर रही थी. हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले सप्ताह ढाका में गिरफ्तार किया गया था, जब हिंदू समुदाय ने कानूनी सुरक्षा और अल्पसंख्यक मामलों के लिए मंत्रालय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. हिंदू पुजारी कथित तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाने पर उनकी टिप्पणी के लिए देशद्रोह का मामला चल रहा है.

भारत की प्रतिक्रिया

भारत की विदेश मंत्रालय ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमलों का मुद्दा लगातार उठाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है.

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