कैसे 38 साल का युवक बना स्पर्म डोनर? दोस्त की बीवी से संबंध बनाकर की शुरुआत, कई महिलाओं को किया है प्रेग्नेंट

लगभग पांच साल पहले हाजीमे के एक बहुत करीबी दोस्त को पता चला कि वह पिता नहीं बन सकता क्योंकि उसमें स्पर्म्स की कमी थी. उस दोस्त के माता-पिता लगातार पोता-पोती की इच्छा जताते थे. तब उसने हाजीमे से कहा कि वह उसकी पत्नी के साथ संबंध बनाए और उसे प्रेग्नेंट करे.;

Edited By :  रूपाली राय
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जापान के एक 38 साल के युवक ने स्पर्म डोनेशन का इतना अनोखा तरीका अपनाया है कि पूरी दुनिया में चर्चा छिड़ गई है. उसका नाम केवल हाजीमे (काल्पनिक नाम) बताया गया है. आम तौर पर लोग शुक्राणु बैंक में जाकर दान करते हैं, लेकिन हाजीमे अलग तरह से मदद करता है. वह महिलाओं को दो विकल्प देता है. अगर महिला चाहे तो वह उनके साथ शारीरिक संबंध बनाकर उन्हें प्रेग्नेंट होने में मदद करता है. अगर महिला सेक्स नहीं चाहती तो वह बिना शारीरिक संबंध बनाए स्पर्म डोनेशन कर देता है. इस अजीबो-गरीब तरीके की वजह से लोग सोशल मीडिया पर उसे लेकर खूब बातें कर रहे हैं.

कैसे शुरू हुई कहानी?

लगभग पांच साल पहले हाजीमे के एक बहुत करीबी दोस्त को पता चला कि वह पिता नहीं बन सकता क्योंकि उसमें स्पर्म्स की कमी थी. उस दोस्त के माता-पिता लगातार पोता-पोती की इच्छा जताते थे. तब उसने हाजीमे से कहा कि वह उसकी पत्नी के साथ संबंध बनाए और उसे प्रेग्नेंट करे. शुरुआत में हाजीमे को यह बात बहुत अजीब लगी, लेकिन फिर उसने दोस्त की मजबूरी को समझा और मदद करने का फैसला किया. जब उस दोस्त की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया तो परिवार की खुशी देखते ही बनती थी. हाजीमे ने कहा कि उस पल उसे बहुत भावुक अनुभव हुआ. दोस्त के चेहरे पर खुशी देखकर उसे लगा कि शायद वह और लोगों की भी मदद कर सकता है.

सोशल मीडिया पर बनाई पहचान

इसके बाद हाजीमे ने सोशल मीडिया पर गुप्त पहचान से एक अकाउंट बनाया. वहीं से उसने अपनी 'स्पर्म डोनेट सर्विस' शुरू कर दी. वह हर महीने अपने संक्रामक रोगों की जांच कराता है और रिपोर्ट ऑनलाइन डालता है ताकि महिलाएं उस पर भरोसा कर सकें. वह अपनी पढ़ाई और डिग्री का प्रमाण भी दिखाता है ताकि कोई उसकी विश्वसनीयता पर सवाल न उठाए. हाजीमे इस काम के लिए कोई शुल्क नहीं लेता, सिर्फ यात्रा का खर्च मांगता है. सबसे खास बात यह है कि उसने साफ कर दिया है कि जिन बच्चों का जन्म उसकी वजह से होगा, उनकी जिम्मेदारी वह नहीं लेगा न ही वह पेरेंटहुड का दावा करेगा और न ही कोई फाइनेंसियल बोझ उठाएगा. 

कितनों को मदद मिली?

अब तक हाजीमे को 20 से ज्यादा महिलाओं ने संपर्क किया है. उनमें से सात महिलाएं उसकी मदद से प्रेग्नेंट हो चुकी हैं. चार बच्चे जन्म भी ले चुके हैं. हाजीमे को लगा था कि ज्यादातर ग्राहक बाँझ दंपति होंगे, लेकिन हकीकत अलग निकली. उसके पास सबसे ज्यादा अनुरोध समलैंगिक महिलाओं से आते हैं. इसके अलावा, कई अनमैरिड महिलाएं भी उससे बच्चा चाहती हैं ताकि बिना शादी के भी वह मां बन सकें. 

कानूनी उलझन और लोगों की राय

हाजीमे की कहानी जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंची, लोग तरह-तरह की बातें करने लगे. कुछ लोगों ने कहा कि यह समाज की जरूरत है, क्योंकि बहुत सारी महिलाएं मां बनना चाहती हैं लेकिन शादी नहीं करना चाहती. कुछ ने चेतावनी दी कि अगर बच्चों का आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं होगा तो भविष्य में शादी-ब्याह के समय बड़ी समस्या आ सकती है. कुछ ने सवाल किया कि जब मांग इतनी ज्यादा है तो क्या सरकार को इस पर नियम-कानून नहीं बनाने चाहिए?. जापान में अभी तक ऐसा कोई विशेष कानून नहीं है जो निजी स्पर्म डोनेशन या उसके ऑनलाइन प्रमोशन पर रोक लगाता हो इसीलिए हाजीमे का काम एक तरह के लीगल ग्रे एरिया में आता है. 

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