सैलरी 860 करोड़! AI में सबका 'बॉस' बनना चाहते हैं ज़ुकरबर्ग, खुद कर रहे हायरिंग; चुन-चुन कर ला रहे टॉप टैलेंट

Mark Zuckerberg: मार्क जुकरबर्ग आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) बनाने पर काम कर रहे हैं. यह इंसान की तरह समझ रखता होगा और फैसले लेने में सक्षम होगा. AGI को बनाने के लिए मेटा के सीईओ ने एक सुपरइंटेलिजेंस टीम तैयार कर रहे हैं. इसके लिए करोड़ों की सैलरी ऑफर की जा रही है .;

( Image Source:  canava, x )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 25 Jun 2025 7:13 PM IST

Mark Zuckerberg: Meta के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में बादशाह बनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ज़ुकरबर्ग दुनियाभर के टॉप AI रिसर्चर्स, डेवलपर्स और आंत्रप्रेन्योर्स को पर्सनली मैसेज कर रहे हैं और उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए ₹860 करोड़ (करीब $100 मिलियन) तक की सैलरी ऑफर कर रहे हैं. उनका मकसद है एक ऐसी हाई-लेवल AI टीम बनाना जो OpenAI, Google DeepMind और Anthropic जैसे दिग्गजों को टक्कर दे सके.

मार्क जुकरबर्ग ने मेटा में एक नई सुपरइंटेलिजेंस टीम बनाई है, जिसमें लगभग 50 एक्सपर्ट्स शामिल हैं. इस टीम का उद्देश्य AGI विकसित करना है. इसमें Alexandr Wang, Scale AI के संस्थापक को भी शामिल किया गया है. Scale AI एक डेटा-लेबलिंग कंपनी है.

जुकरबर्ग बना रहे सुपरइंटेलिजेंस टीम

AGI को बनाने के लिए मेटा के सीईओ ने एक सुपरइंटेलिजेंस टीम तैयार कर रहे हैं. इसके लिए करोड़ों की सैलरी ऑफर की जा रही है . यह कदम मेटा की AI प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है. जुकरबर्ग ने हायरिंग के लिए Lake Tahoe और Palo Alto में अपने घरों में इनवाइट किया है, वह इन कंपनियों को लुभाना चाहते हैं, जिससे वह टेक इंडस्ट्री में सबसे आगे निकल जाएं. बता दें कि नई एआई टीम में अभी 50 मेंबर्स हैं. इन हायरिंगम में स्केल एआई के फाउंडर एलेक्जेंडर वांग भी शामिल हैं.

क्या होगा फायदा?

AGI विकसित करने से मेटा को अपने उत्पादों को और ज्यादा स्मार्ट और यूजर फ्रेंडली बनाने में मदद मिलेगी. यह कदम मेटा को OpenAI और Google जैसे कंपनियों से आगे बढ़ने में मददगार होगा. जुकरबर्ग एआई को टॉप लेवल पर ले जाना चाहते हैं वह एक ऐसा टूल बनाने की तैयारी में हैं, जो इंसान से भी ज्यादा समझ रखता है.

AGI बनाने की रेस में Google भी शामिल

मेटा की तरह ही Google भी AGI बनाने की तैयारी कर रहा है. कंपनी ने Google 1/0 2025 इवेंट में इसकी जानकारी दी थी. हालांकि मेटा सीईओ ऐसा टूल बना रहे हैं, जिसे वह खुद मॉनिटर करने वाले हैं. अब देखना यह होगा कि इस रेस में कौन आगे निकलता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि AGI बनाने में लंबा वक्त लगेगा. इतनी जल्दी यह विकसित करना आसान नहीं है, लेकिन जुकरबर्ग अपने काम में लग गए हैं.

AGI इंसानों के लिए कितना खतरनाक?

  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सच है कि AGI से हमारे काम आसान होंगे. क्योंकि वह अपनी मर्जी से फैसले की क्षमता रखता होगा. लेकिन अगर परिणाम विपरीत हुए, तो इससे इंसानों को नुकसान भी हो सकता है.
  • एआई के आने से नौकरी पर असर हुआ है. अब AGI खतरा और बढ़ सकता है, जिससे बेरोजगारी और सामाजिक असमानताएं बढ़ सकती हैं.
  • AGI का दुरुपयोग करके युद्ध, साइबर हमले या अन्य अपराध में किया जा सकता है. जिससे वैश्विक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
  • AGI के विकास से मानवता की भूमिका और उद्देश्य पर सवाल उठ सकते हैं. 

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