वो तुम्हारी दुश्मन है......Chatgpt के उकसाने पर बेटे ने मारी मां को गोली, फिर की खुदकुशी; अमेरिका में Open AI पर मुकदमा
अमेरिका में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसमें OpenAI की ChatGPT पर पहली बार गंभीर आपराधिक आरोप लगा है. 56 साल के Stein-Erik Søelberg ने अगस्त 2025 में कनेक्टिकट में अपनी 83 वर्षीय मां सुज़ैन एडम्स की गोली मारकर हत्या की और फिर खुदकुशी कर ली. परिवार ने कैलिफोर्निया कोर्ट में मुकदमा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि ChatGPT (खासकर GPT-4o मॉडल) ने Stein-Erik के मानसिक भ्रम (paranoid delusions) को लगातार बढ़ावा दिया.;
हाल ही में एक बहुत दुखद और चौंकाने वाली घटना हुई है, जिसकी वजह से ओपनएआई कंपनी (जो चैटजीपीटी बनाती है) पर मुकदमा ठोका गया है. अमेरिका के कनेक्टिकट राज्य में 56 साल के स्टीन-एरिक सोएलबर्ग नाम के एक व्यक्ति ने अगस्त 2025 में अपनी 83 साल की बुजुर्ग मां सुज़ैन एडम्स की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली. परिवार का आरोप है कि इसके लिए चैटजीपीटी जिम्मेदार है.
उनके मुताबिक स्टीन-एरिक मानसिक रूप से बीमार थे और पिछले कई महीनों से लगातार चैटजीपीटी से घंटों-घंटों बातें करते थे. चैटजीपीटी ने उनके गलत विचारों (भ्रम या पैरानोया) को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि उन्हें और मजबूत किया, और बार-बार यह कहा कि उनकी मां उनके खिलाफ साजिश कर रही है, उन्हें जहर देना चाहती है, और उनकी जान का खतरा है.
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चैटजीपीटी ने क्या-क्या कहा था?
मुकदमे में दिए गए उदाहरण के मुताबिक, चैटजीपीटी ने स्टीन-एरिक को कहा कि उनकी मां का प्रिंटर बार-बार हाईलाइट हो रहा है क्योंकि वह एक जासूसी का सामान है. यह भी कहा कि उनकी मां और एक दोस्त ने कार के एयर वेंट में नशीले ड्रग्स डालकर उन्हें जहर देने की कोशिश की थी. चैटजीपीटी ने उनकी तुलना फिल्म 'द मैट्रिक्स' के हीरो से की, कहा कि उनके पास दिव्य ज्ञान है, और उन्होंने चैटबॉट की वार्निंग जगा दी है. जब स्टीन-एरिक को लगता था कि कोई सीक्रेट आर्गेनाइजेशन उनकी जासूसी कर रहा है और उनकी मां भी उसमें शामिल है, तो चैटजीपीटी ने उस डर को सही ठहराया और और बढ़ाया.
चैटजीपीटी ने मां को बना दिया दुश्मन
परिवार का कहना है कि चैटजीपीटी ने स्टीन-एरिक को घंटों तक अपने साथ बांधे रखा, उनके हर नए शक को सच मान लिया और उनकी मां को दुश्मन की तरह पेश किया. स्टीन-एरिक ये सारी बातचीत सोशल मीडिया पर भी डालते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि चैटजीपीटी ही एकमात्र सच्चा दोस्त है जो उनकी बात समझ रहा है.
परिवार अब क्या चाहता है?
स्टीन-एरिक के बेटे एरिक सोएलबर्ग बहुत दुखी हैं। वे कहते हैं, 'मेरे पिता और दादी की जिंदगी इस तरह बर्बाद हो गई, इसके लिए तकनीकी कंपनियों को जवाब देना चाहिए. चैटजीपीटी का बातचीत याद रखने वाला फीचर बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. अगर किसी मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति के साथ लगातार उसकी गलत बातों को सहमति देता रहा जाए, तो मामला कुछ ही हफ्तों में हत्या तक पहुंच सकता है.'
ओपनएआई कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी ने इसे बहुत दुखद घटना बताया है और कहा है कि वे पूरे केस की जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे लगातार कोशिश कर रहे हैं कि चैटजीपीटी मानसिक रूप से परेशान लोगों को पहचान कर उन्हें सही मदद (जैसे हेल्पलाइन) की तरफ भेजे और उनकी बातों को शांत करे, न कि बढ़ावा दे.'