बलूचिस्तान में पाक फौज पर टूटा कहर! कराची से क्वेटा जा रही बस पर हमला, बलूच लड़ाकों ने 29 जवानों को मारने का किया दावा
बलूचिस्तान में बलूच विद्रोही संगठनों ने पाकिस्तानी सेना पर घातक हमले किए हैं, जिनमें दो दिनों में कम से कम 29 सैनिक मारे गए. BLA और BLF ने IED धमाकों और घात लगाकर किए गए हमलों की ज़िम्मेदारी ली है. मेजर रैंक के अधिकारी समेत कई सैनिक मारे गए। यह घटनाएँ इस्लामाबाद के "शांत" बलूचिस्तान के दावे को झुठलाती हैं.;
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हाल के दिनों में हुए हमलों ने इस अशांत क्षेत्र की नब्ज़ एक बार फिर उग्र कर दी है. बलूच विद्रोही समूहों, विशेषकर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने पिछले 48 घंटों में हुए कई हमलों की ज़िम्मेदारी ली है. इन हमलों में कम से कम 29 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. यह आंकड़ा उस दावे को सीधी चुनौती देता है जिसमें इस्लामाबाद कहता रहा है कि बलूच विद्रोह अब लगभग समाप्त हो चुका है.
BLA के प्रवक्ता जीयंद बलूच के अनुसार, संगठन के "फतेह दस्ते" ने कलात के निमारघ क्रॉस क्षेत्र में एक सैन्य परिवहन बस पर हमला किया. कराची से क्वेटा जा रही इस बस में सेना के जवान सवार थे. हमले में 27 सैनिकों की मौत की बात कही जा रही है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. वहीं एक और हमले में दो सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया जिससे यह संख्या बढ़कर 29 हो गई. BLA का दावा है कि आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार दो कव्वाली कलाकारों सहित तीन नागरिकों की भी मौत हुई है, जिससे यह दावा सवालों के घेरे में है.
IED धमाकों से हिला क्वेटा और कलात
BLA ने ही क्वेटा के हजारगंजी क्षेत्र में एक रिमोट-नियंत्रित IED हमले की ज़िम्मेदारी ली है, जिसमें दो सैनिकों की जान गई और सात घायल हुए. वहीं, इससे पहले BLF ने कलात के खज़िना इलाके में IED विस्फोट कर चार सैनिकों को मौत के घाट उतारने का दावा किया था. ये हमले न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि विद्रोही अब तकनीक के जरिए युद्ध शैली बदल चुके हैं.
BLF की घातक कार्रवाई: मेजर रैंक के अफसर की मौत
BLF द्वारा बुधवार को अवारन के गुजरो कोर इलाके में किए गए हमले में एक सैन्य टुकड़ी को निशाना बनाया गया, जिसमें मेजर सैयद रब नवाज तारिक समेत छह सैनिक मारे गए. इसके बाद एक स्नाइपर यूनिट ने सैन्य काफिले पर गोलीबारी कर सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. यह सुनियोजित घातक हमला बलूच विद्रोहियों की बदलती रणनीति और ताकत का संकेत देता है.
BLF का फर्जी मुठभेड़ का आरोप
सरकारी मीडिया ने रिपोर्ट किया कि इन अभियानों में BLF के तीन लड़ाके भी मारे गए, लेकिन संगठन ने इसे सिरे से नकार दिया है. BLF का कहना है कि यह फर्जी मुठभेड़ हो सकती है और पाकिस्तानी सेना द्वारा आम नागरिकों या गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को मारकर पेश किया गया है.यह आरोप सेना की नैतिकता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
क्या ‘काबू में विद्रोह’ महज एक भ्रम है?
पाकिस्तान बार-बार यह दावा करता रहा है कि बलूच विद्रोह लगभग समाप्त हो चुका है, लेकिन इन ताज़ा हमलों ने इस बयान की पोल खोल दी है. दशकों से चल रहे इस संघर्ष में अब अधिक संगठित, टेक-सेवी और हिंसक रूप अपनाया जा रहा है. बलूचिस्तान की इस उबलती ज्वाला को केवल सैन्य बल से नहीं, बल्कि राजनीतिक समाधान और भरोसे से ही ठंडा किया जा सकता है, जो अब तक कहीं नज़र नहीं आता.