क्या है 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर', जिसे ईरान के खिलाफ अमेरिका ने महज 25 मिनट में दिया अंजाम? जानें पूरी टाइमलाइन

अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों, फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान, पर महज़ 25 मिनट में घातक हवाई हमला किया। इस मिशन में सात B-2 बॉम्बर्स, 125 से अधिक सैन्य विमान और टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया. अमेरिका का दावा है कि ईरान की वायु रक्षा इस हमले को समझ भी नहीं पाई और किसी भी अमेरिकी सैन्य संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ. इस कार्रवाई ने मध्य पूर्व को एक बड़े संघर्ष के मुहाने पर ला खड़ा किया है.;

अमेरिका ने शनिवार रात ईरान के फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान स्थित परमाणु संयंत्रों पर ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ चलाकर ज़बरदस्त हवाई हमले किए. व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान ज्वाइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ़ के चेयरमैन, जनरल डैन केन ने बताया कि पूरी कार्रवाई महज़ 25 मिनट में पूरी हुई और ईरान की वायु-रक्षा कोई जवाबी हमला नहीं कर सकी.  उन्होंने बताया कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में 125 से अधिक एयरक्राफ्ट शामिल थे. सात स्टील्थ B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स ने दो ठिकानों पर 30,000-पाउंड के 14 ‘मैसिव ऑर्ड्नेंस पेनेट्रेटर’ (MOP) बम गिराए. साथ ही इस्फ़हान पर दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें दागीं.

जनरल डैन केन ने बताया कि B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने मिज़ूरी स्थित एयरबेस से उड़ान भरी थी. यह पूरा मिशन 18 घंटे लंबा था. स्थानीय समयानुसार, 5 बजे अमेरिकी पनडुब्बी से इस्फहान पर टॉमहॉक दागे गए. वहीं, 6:40 बजे फ़ोर्दो पर पहले दो MOP बम गिराए गए. इसके बाद 6:40-7:05 बजे के बीच नतांज़ व इस्फ़हान समेत सभी लक्ष्य नष्ट कर दिए गए. सभी विमान 7:05 बजे तक ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए.

'ईरान की परमाणु क्षमता हुई तबाह'

जनरल डैन केन ने कहा कि ईरान की सतह-से-हवा मिसाइल हमें देख ही नहीं पाई. वहीं, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ऑपरेशन को 'पूर्ण सफलता' बताते हुए दावा किया कि ईरान की परमाणु क्षमता 'तबाह' हो चुकी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की फुल-टाइम निगरानी ‘सिचुएशन रूम’ से की.

अमेरिकी पक्ष का दावा है कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में कोई विमान या कर्मी हताहत नहीं हुआ. वहीं, ईरान ने आधिकारिक आंकड़ा अभी जारी नहीं किया है. इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में अब तक 430 ईरानियों और 24 इज़राइली नागरिकों की मौत हुई है. 

महज़ दो वर्षों में ग़ाज़ा और लेबनान युद्धों से झुलसते मध्य-पूर्व में यह हमला एक नए व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ा रहा है. इजराइल पहले से ही ‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन’ के तहत 13 जून से ईरान के हवाई-रक्षा तंत्र पर वार कर रहा था. ट्रंप ने हाल में संकेत दिया था कि अमेरिका, इजराइल के साथ खड़ा होने पर विचार कर रहा है. अब यह सीधा सैन्य हस्तक्षेप उस रुख की पुष्टि करता है.

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