18 घंटे की उड़ान, 7 B2 बॉम्बर, GBU 57 और टॉमहॉक मिसाइलें; ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की पूरी टाइमलाइन
22 जून की सुबह अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला कर उन्हें बंकर बस्टर बम और टॉमहॉक मिसाइलों से तबाह कर दिया. हमले में 7 B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स और पनडुब्बियों का इस्तेमाल हुआ. ईरान ने बदले में इजराइल पर मिसाइलें दागीं, जिससे तनाव और बढ़ गया है.;
22 साल बाद अमेरिका ने किसी देश पर सीधे सैन्य कार्रवाई करते हुए ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया है. ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत सात बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स और नौसेना की पनडुब्बियों से ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु संयंत्रों को तबाह किया गया. इस हमले से जहां मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर है, वहीं वैश्विक भू-राजनीति में एक निर्णायक मोड़ आ चुका है.
इस हमले की अनुमति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से दी, वह भी कांग्रेस की मंजूरी के बिना. हमले के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि “ईरान के परमाणु ढांचे को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.” उन्होंने ईरान को आगे और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी, अगर उसने संघर्षविराम स्वीकार नहीं किया.
अमेरिका ने यह हमला किस तरह अंजाम दिया?
अमेरिका के सात बी-2 बॉम्बर्स ने मिसौरी के व्हाइटमैन एयरबेस से उड़ान भरकर 18 घंटे 40 मिनट की नॉन-स्टॉप फ्लाइट के बाद ईरानी एयरस्पेस में प्रवेश किया. रविवार सुबह 4:30 बजे फोर्डो परमाणु ठिकाने पर बंकर बस्टर बम बरसाए गए. लगभग उसी समय अमेरिकी पनडुब्बियों ने इस्फहान और नतांज ठिकानों पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं. सभी हमले गुपचुप और बेहद सटीक तरीके से अंजाम दिए गए.
ईरान ने इस हमले के बाद क्या प्रतिक्रिया दी?
हमले के तुरंत बाद ईरान ने अमेरिका पर पलटवार नहीं किया, लेकिन उसने इजराइल पर सबसे बड़ा जवाबी हमला करते हुए उसकी राजधानी समेत 14 शहरों पर 'खैबर शेकन' हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं. इन मिसाइलों ने तेल अवीव के पास स्थित बेन गुरियन एयरपोर्ट और सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया.
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की टाइमलाइन
- 21 जून 2025 – सुबह 9:53 बजे (IST)
स्थान: व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस, मिसौरी (USA)
एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल Aircraft Spots ने खुलासा किया कि अमेरिका के अत्याधुनिक B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने मिसौरी स्थित व्हाइटमैन बेस से उड़ान भरी है. यह बेहद गोपनीय ऑपरेशन की पहली सार्वजनिक सूचना थी.
- 21 जून 2025 – सुबह 11:11 बजे (IST)
स्थान: पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र
Aircraft Spots ने दूसरी बार पुष्टि की कि ये बॉम्बर्स अब गुआम एयर बेस की दिशा में बढ़ रहे हैं. इससे संकेत मिला कि अमेरिका इन विमानों को इंडो-पैसिफिक थिएटर में स्थित प्रमुख रणनीतिक स्थानों पर तैनात कर रहा है.
- 21 जून 2025 – शाम 5:22 बजे (IST)
सूत्र: Fox News
Fox News की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बताया गया कि 6 B-2 बॉम्बर्स को गुआम के आसपास एयरस्पेस में ट्रैक किया गया है. इन विमानों की लोकेशन ने संभावित ऑपरेशन की पुष्टि की, लेकिन उद्देश्य स्पष्ट नहीं था.
- 21 जून 2025 – रात 10:05 बजे (IST)
सूत्र: Wall Street Journal के हवाले से पेंटागन
पेंटागन के प्रवक्ता ने बयान दिया कि "किसी तरह की स्ट्राइक के आदेश नहीं दिए गए हैं," लेकिन उन्होंने यह भी नहीं बताया कि B-2 बॉम्बर्स को क्यों तैनात किया गया है. इस वक्त तक अमेरिकी मीडिया और विश्लेषकों में भ्रम की स्थिति थी.
- 22 जून 2025 – सुबह 4:30 बजे (IST)
सूत्र: ईरानी सरकारी मीडिया
ईरानी समाचार एजेंसी IRNA ने रिपोर्ट किया कि अमेरिकी स्टेल्थ बॉम्बर्स ने Fordow परमाणु ठिकाने पर भारी बमबारी की है. यह हमला अत्यंत सटीक था और लक्ष्य भूमिगत संयंत्र को नष्ट करना था.
- 22 जून 2025 – सुबह 5:00 बजे (IST)
सूत्र: सैन्य कमांडर्स और सैटेलाइट इमेज
अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी ने फारस की खाड़ी से 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं, जिनमें से 15-15 मिसाइलें Isfahan और Natanz पर गिराई गईं. ये ठिकाने पहले से प्रतिबंधित IAEA निगरानी में थे.
- 22 जून 2025 – सुबह 5:20 बजे (IST)
स्थान: व्हाइट हाउस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए पुष्टि की कि अमेरिका ने ईरान के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों Fordow, Natanz और Isfahan पर सफल सैन्य कार्रवाई की है.
- 22 जून 2025 – सुबह 5:34 बजे (IST)
राष्ट्रपति ट्रंप का बयान: “Fordow facility पूरी तरह obliterate कर दी गई है. अमेरिकी सेना ने एक भी गलती नहीं की.” ट्रंप के इस दावे ने दर्शाया कि ऑपरेशन पहले से प्लान किया गया था, न कि जवाबी कार्रवाई के तहत.
- 22 जून 2025 – सुबह 7:25 बजे (IST)
राष्ट्र के नाम संबोधन: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों को संबोधित करते हुए ईरान को चेतावनी दी, “अगर ईरान अब भी संघर्षविराम के लिए तैयार नहीं होता, तो अगली लहर और भी घातक होगी.” ट्रंप का बयान अमेरिका की भविष्य की रणनीति का संकेत देता है.
- 22 जून 2025 – सुबह 8:45 बजे (IST)
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ की पुष्टि: उन्होंने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की पुष्टि करते हुए कहा, "तीनों परमाणु ठिकानों को एक ही रात में निष्क्रिय किया गया. यह अमेरिका की सैन्य दक्षता का प्रतीक है."
- 22 जून 2025 – सुबह 10:10 बजे (IST)
ईरान की प्रतिक्रिया: ईरान ने अमेरिका पर कोई जवाबी हमला नहीं किया, लेकिन इजराइल के 14 शहरों पर खैबर शेकन मिसाइलें दागीं. इनमें तेल अवीव, हाइफा और बेन गुरियन एयरपोर्ट भी शामिल हैं. ये हमले अब तक के सबसे भारी माने जा रहे हैं.
- 22 जून 2025 – दोपहर 12:30 बजे (IST)
जनरल डैन केन का बयान (ऑपरेशन लीडर): “हमने न केवल परमाणु कार्यक्रम को नष्ट किया, बल्कि ईरान की आत्मविश्वास की रेखा भी तोड़ दी है. अमेरिका अब अन्य संदिग्ध साइट्स को भी मॉनिटर कर रहा है.”
इस ऑपरेशन में अमेरिका ने क्या-क्या इस्तेमाल किया?
हमले में अमेरिका ने सात बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स, 125 विशेष सैनिक, 57 बंकर बस्टर बम, 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइल और फारस की खाड़ी में मौजूद पनडुब्बियों का इस्तेमाल किया. इन हथियारों की मदद से भूमिगत परमाणु केंद्रों को भी पूरी तरह नष्ट किया गया.
क्या यह हमला अचानक हुआ या इसकी कोई तैयारी थी?
इस हमले की तैयारी बहुत पहले से चल रही थी. टाइमलाइन के अनुसार 21 जून को सुबह 9:53 बजे बी-2 बॉम्बर्स ने उड़ान भरी, दिनभर उनकी लोकेशन ट्रैक होती रही. रात 10:05 बजे तक पेंटागन ने किसी स्ट्राइक की पुष्टि नहीं की थी. लेकिन 22 जून तड़के बिना चेतावनी के हमला शुरू हो गया, जिससे ईरानी सेना पूरी तरह चौंक गई.
अमेरिका की रणनीति और अगला कदम क्या हो सकता है?
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जनरल डैन केन ने साफ कहा है कि "यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है." लेकिन अमेरिकी सेना अब ईरान के अन्य परमाणु ठिकानों की जानकारी जुटा रही है. यदि ईरान की तरफ से पलटवार या और मिसाइल हमले होते हैं, तो अमेरिका अगला और बड़ा सैन्य कदम उठाने को तैयार है.