नेपाल में Gen-Z आंदोलन से गई ओली की सत्ता, संसद में आगजनी और सेना ने संभाला कंट्रोल; पढ़ें अबतक क्या-क्या हुआ

नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ Gen-Z आंदोलन अब तख्तापलट में बदल चुका है. प्रदर्शनकारियों के उग्र रूप के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया है. काठमांडू की सड़कों से लेकर संसद भवन तक हिंसा और आगजनी का दौर जारी है. संसद, मंत्रालय, नेताओं और मंत्रियों के घरों को निशाना बनाया गया. पुलिस फायरिंग में 22 लोगों की मौत और 400 से ज्यादा घायल हुए हैं. हालात बिगड़ने के बाद अब नेपाल की सत्ता सेना के हाथों में आ चुकी है और अंतरिम सरकार बनाने की चर्चा तेज है.;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On :

नेपाल इन दिनों अभूतपूर्व राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है. सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन महज़ आंदोलन नहीं रहा बल्कि यह सत्ता परिवर्तन तक पहुंच गया. काठमांडू से शुरू हुई यह आग पूरे देश में फैल गई और इसके नतीजे में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. अब हालात काबू से बाहर हैं और पूरे देश पर सेना का नियंत्रण है.

सोमवार और मंगलवार को नेपाल में ऐसा नजारा देखने को मिला जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. संसद भवन, मंत्रालयों और नेताओं के घरों पर हमला हुआ. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री तक किसी को नहीं छोड़ा. संसद और मंत्रालयों में आगजनी हुई और राजनीतिक ढांचा पूरी तरह बिखर गया. हालात इतने बिगड़े कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों को कुर्सी छोड़नी पड़ी.

पीएम केपी शर्मा ओली को क्यों देना पड़ा इस्तीफा?

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वे जुलाई 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे लेकिन सिर्फ़ एक साल और दो महीने तक ही पद पर टिक पाए. Gen-Z के आंदोलन और बढ़ती हिंसा के दबाव में ओली की सत्ता बिखर गई. संसद और पीएम आवास पर हुए हमलों ने हालात को और गंभीर बना दिया.

सोशल मीडिया बैन कैसे बना विरोध का कारण?

नेपाल सरकार ने हाल ही में फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था. पहले से ही भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और कुप्रशासन से परेशान युवाओं के लिए यह फैसला आखिरी चिंगारी साबित हुआ. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में 22 युवाओं की मौत हो गई और 400 से अधिक लोग घायल हुए. यही वह पल था जिसने आंदोलन को क्रांति का रूप दे दिया.

कौन-कौन नेता और मंत्री बने गुस्से का शिकार?

हिंसा के बीच नेपाल के गृहमंत्री और कृषि मंत्री समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को भीड़ ने सड़कों पर दौड़ाकर पीटा. पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल के घर में आग लगाई गई जिसमें उनकी पत्नी की मौत हो गई. इससे साफ हो गया कि प्रदर्शनकारी अब किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं थे.

क्या राष्ट्रपति भी बच पाए सत्ता से?

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल का घर भी प्रदर्शनकारियों के निशाने पर आया. गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रपति आवास में आग लगा दी जिसके बाद पौडेल को पद छोड़ना पड़ा. यह नेपाल की राजनीति में ऐसा मोड़ था जिसने पूरी सत्ता व्यवस्था को हिला कर रख दिया.

मीडिया और पीएम ऑफिस क्यों बने निशाना?

गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री ऑफिस के बाहर हथियार लहराए और भीतर घुसकर तोड़फोड़ की. इसके अलावा नेपाल के सबसे बड़े मीडिया हाउस कांतिपुर पब्लिकेशन्स के ऑफिस को भी आग के हवाले कर दिया गया. यह साफ संकेत था कि प्रदर्शनकारी अब किसी संस्था पर भरोसा नहीं कर रहे और सबको सत्ता का सहयोगी मान रहे हैं.

अब सेना ने संभाला कंट्रोल

बेकाबू हालात के बाद सेना ने पूरे देश का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया. राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया. अब आर्मी चीफ, राष्ट्रपति और पुलिस चीफ के बीच अहम बैठक होनी है जिसमें यह तय होगा कि हालात कैसे सामान्य किए जाएं.

क्या नेपाल में बनेगी अंतरिम सरकार?

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन हो सकता है. काठमांडू के मेयर बालेन शाह नए नेता के रूप में उभर रहे हैं और माना जा रहा है कि उन्हें अंतरिम सरकार की कमान सौंपी जा सकती है. साथ ही Gen-Z नेताओं को भी सत्ता संरचना में शामिल करने की योजना हो सकती है.

क्या हमेशा के लिए सेना का शासन रहेगा?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या नेपाल अब सेना के शासन में फंस जाएगा या फिर जल्द ही नई लोकतांत्रिक सरकार बनेगी. फिलहाल जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और प्रदर्शनकारी अब भी सड़कों पर हैं. सेना का कंट्रोल लंबे समय तक रहना नेपाल की स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकता है.

नेपाल का आगे का रास्ता क्या होगा?

नेपाल इस वक्त सबसे बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. पीएम और राष्ट्रपति दोनों के इस्तीफे ने सत्ता का शून्य पैदा कर दिया है. अब देखना होगा कि क्या अंतरिम सरकार बनती है, नए चुनाव होते हैं या फिर सेना लंबे समय तक नियंत्रण में रहती है. नेपाल की राजनीति का भविष्य अब पूरी तरह से अनिश्चितता में घिरा हुआ है.

नेपाल में अब तक क्या-क्या हुआ?

  • नेपाल सरकार ने 28 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Facebook, Instagram आदि) पर बैन लगाया.
  • युवाओं का गुस्सा फूटा और Gen-Z आंदोलन की शुरुआत हुई.
  • राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए.
  • पुलिस की फायरिंग में 22 लोगों की मौत और 400 से ज्यादा घायल हुए.
  • प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और मंत्रालयों में आगजनी की.
  • राष्ट्रपति भवन और पीएम आवास पर हमला, दोनों को इस्तीफा देना पड़ा.
  • पूर्व पीएम झालानाथ खनल के घर में आग, उनकी पत्नी की मौत हुई.
  • प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को सड़क पर पीटा.
  • नेपाल का सबसे बड़ा मीडिया हाउस कांतिपुर पब्लिकेशन्स ऑफिस को आग के हवाले किया गया.
  • कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया – गृह मंत्री, कृषि मंत्री, जल आपूर्ति मंत्री सहित कई.
  • पीएम केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को पद छोड़ दिया.
  • हालात काबू से बाहर होने पर सेना ने देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया.
  • अब अंतरिम सरकार बनाने की चर्चा, काठमांडू मेयर बालेन शाह संभावित नए चेहरे.

Similar News