पाकिस्तान से रिश्ता बढ़ेगा, पर भारत की कीमत पर नहीं... अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया साफ, कहा- हमारे संबध गहरे और ऐतिहासिक
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक रिश्ते बढ़ाना चाहता है, लेकिन यह भारत के साथ उसके ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण संबंधों की कीमत पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत कूटनीति में परिपक्व है और अमेरिका के विविध साझेदारी प्रयासों को समझता है. वहीं, पिछले छह महीनों में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में सुधार देखा गया है. रूबियो ने भारत की ऊर्जा विविधता की योजना और व्यापारिक संभावनाओं पर भी भरोसा जताया.;
Marco Rubio on US India Pakistan relations: अमेरिका और भारत के रिश्तों पर उठ रही अटकलों के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने साफ किया है कि अमेरिका अपने रणनीतिक संबंधों को पाकिस्तान के साथ जरूर मजबूत करना चाहता है, लेकिन यह किसी भी सूरत में भारत के साथ उसके 'ऐतिहासिक और गहरे रिश्ते' की कीमत पर नहीं होगा.
रूबियो ने सोमवार को कुआलालंपुर में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा, “अमेरिका और भारत के बीच संबंध गहरे, ऐतिहासिक और बेहद अहम हैं.हम इस रिश्ते को और आगे बढ़ाना चाहते हैं.”
भारत की चिंताओं पर रूबियो का बयान
जब रूबियो से पूछा गया कि भारत को अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों को लेकर क्या चिंता है, तो उन्होंने कहा, “नई दिल्ली की चिंताएं स्वाभाविक हैं, लेकिन हम जो कुछ भी पाकिस्तान के साथ कर रहे हैं, वह भारत के नुकसान पर नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि भारत 'कूटनीति में बेहद परिपक्व देश' है और समझता है कि अमेरिका को वैश्विक स्तर पर कई देशों के साथ रिश्ते बनाए रखने की आवश्यकता है.
छह महीनों में बढ़ी अमेरिका-पाकिस्तान नजदीकियां
रूबियो का यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले छह महीनों में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते लगातार बेहतर हुए हैं. इस बदलाव की शुरुआत तब हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मुलाकात की थी. यह मुलाकात भारत-पाकिस्तान के बीच मई महीने में हुई सीमित झड़पों के बाद हुई थी.
ट्रंप ने उस समय दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में मदद की. हालांकि, भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था. वहीं, पाकिस्तान ने अमेरिका के 'सकारात्मक हस्तक्षेप' की तारीफ की थी.
ऊर्जा और व्यापार पर भी चर्चा
भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद पर सवालों के बीच रूबियो ने कहा कि नई दिल्ली पहले ही तेल खरीद में विविधता लाने की इच्छा जाहिर कर चुकी है. उन्होंने कहा, “अगर भारत अपना ऊर्जा पोर्टफोलियो विविध करता है और हमारे साथ व्यापार बढ़ाता है, तो वह दूसरों पर निर्भरता घटा पाएगा.” हालांकि, रूबियो ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल वह किसी नए व्यापारिक समझौते पर बातचीत नहीं कर रहे हैं.
भारत-अमेरिका साझेदारी पर दोहराया भरोसा
रूबियो के बयान से साफ है कि वॉशिंगटन दक्षिण एशिया में अपने रणनीतिक संतुलन को बनाए रखना चाहता है. जहां एक ओर वह पाकिस्तान के साथ आतंकवाद-रोधी और सुरक्षा सहयोग को लेकर बातचीत बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत के साथ रक्षा, प्रौद्योगिकी और आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है.