भारत ने 36 घंटे में भेजे करीब 80 ड्रोन, नूर खान एयरबेस पर हुआ था हमला; आखिरकार पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कबूली सच्चाई

पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री Ishaq Dar ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि मई 2025 में भारत ने रावलपिंडी स्थित Nur Khan Air Base को निशाना बनाया था, जिसमें सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचा और जवान घायल हुए. यह हमला भारत के Operation Sindoor के तहत हुआ था, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था. इस स्वीकारोक्ति ने पाकिस्तान के पहले के इनकारों और दावों की पोल खोल दी है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

अंतरराष्ट्रीय मंच पर अक्सर इनकार और बयानबाज़ी करने वाला पाकिस्तान इस बार खुद अपने ही शब्दों में फंस गया. मई महीने में भारत द्वारा किए गए सटीक सैन्य हमलों को लेकर जो बातें अब तक पर्दे के पीछे थीं, उन्हें पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया. यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि उस हकीकत की पुष्टि है जिसे भारत पहले ही दुनिया के सामने रख चुका था.

इस स्वीकारोक्ति का असर केवल सैन्य नुकसान तक सीमित नहीं है. यह पाकिस्तान की राजनीतिक और कूटनीतिक विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करता है. जिस कार्रवाई को पहले नकारा गया, उसी पर अब पाकिस्तान के शीर्ष नेता चोट और नुकसान की बात कर रहे हैं और यही इस पूरे घटनाक्रम का सबसे बड़ा मोड़ है.

स्‍टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्‍सक्राइब करने के लिए क्लिक करें

भारत ने किया हमला: विदेश मंत्री

पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री Ishaq Dar ने साल के अंत की प्रेस ब्रीफिंग में यह माना कि भारत ने मई में रावलपिंडी के चकलाला स्थित Nur Khan Air Base को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा कि इस हमले में सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचा और वहां तैनात कुछ कर्मी घायल हुए.

ड्रोन हमलों का खुला जिक्र

इशाक डार ने पहली बार यह भी बताया कि भारत ने 36 घंटे के भीतर करीब 80 ड्रोन पाकिस्तान की सीमा में भेजे. उनके मुताबिक, 79 ड्रोन रोक लिए गए, लेकिन एक ड्रोन ने एयरबेस को नुकसान पहुंचाया. यह बयान भारत की तकनीकी क्षमता और सटीकता को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार करता है.

‘गलती’ कहकर सच मान लेना

डार ने यह भी कहा कि भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान एयरबेस पर हमला कर “गलती” की. लेकिन इस कथन में छुपा सच यही है कि हमला हुआ, नुकसान हुआ और उसे अब नकारा नहीं जा सकता. यह बयान पाकिस्तान की उस पारंपरिक नीति के उलट है, जिसमें ऐसे हमलों से इनकार किया जाता रहा है.

कब हुआ था ऑपरेशन सिंदूर?

भारत की यह कार्रवाई Operation Sindoor के तहत हुई थी. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को Pahalgam में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. भारत ने इसे आत्मरक्षा और आतंक के खिलाफ निर्णायक संदेश बताया.

सिर्फ एक बेस नहीं, कई ठिकाने प्रभावित

बाद में सैटेलाइट तस्वीरों ने भी इस दावे की पुष्टि कर दी. Maxar Technologies की तस्वीरों में न सिर्फ नूर खान एयरबेस, बल्कि सरगोधा, भोलारी और जैकोबाबाद के अन्य एयरबेस को भी नुकसान के संकेत मिले. यह दिखाता है कि कार्रवाई सीमित लेकिन असरदार थी.

पाकिस्तान की अंदरूनी बेचैनी

डार के बयान के अनुसार, 9 मई की रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif की अगुवाई में सिविल और मिलिट्री नेतृत्व की आपात बैठक हुई. इससे साफ है कि हालात पाकिस्तान के लिए कितने गंभीर हो चुके थे.

युद्ध से अचानक शांति की अपील

हालात बिगड़ते देख पाकिस्तान के Directorate General of Military Operations Pakistan ने भारत के DGMO से संपर्क कर संघर्षविराम का प्रस्ताव रखा. भारत ने भी जिम्मेदारी दिखाते हुए इसे स्वीकार किया. इसकी पुष्टि भारत के विदेश सचिव Vikram Misri ने की.

पहले भी कबूला गया था सच

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को सच्चाई माननी पड़ी हो. मई में ही Shehbaz Sharif ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में माना था कि भारतीय मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया. यह बयान पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे इनकार की नीति पर गहरा सवाल खड़ा करता है.

Similar News