भड़काऊ रैलियां, भयंकर भर्ती और तूफानी प्रचार! एयरस्ट्राइक से तिलमिलाए आतंकी संगठनों ने सोशल मीडिया पर खोला नया मोर्चा
भारतीय एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. ये संगठन अब सोशल मीडिया पर भारत विरोधी प्रचार, जिहाद के लिए उकसावे और फंडिंग की अपील कर रहे हैं. साथ ही, रैलियों और भड़काऊ भाषणों के ज़रिए नए युवाओं की भर्ती की जा रही है. यह बढ़ती सक्रियता क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है.;
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत होने के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को लॉन्च किया, जिसके तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त और नेस्तनाबूद कर दिया गया. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. हालांकि, भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने पाकिस्तान में अपनी पहुंच और प्रचार अभियान तेज कर दिया है.
जैश-ए-मोहम्मद का प्रचार मुख्य रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक सीमित है, वहीं लश्कर-ए-तैयबा ने अपने राजनीतिक मोर्चे के जरिए खुली रैलियां आयोजित की हैं. ये आतंकी संगठन अब नई रणनीतियों के माध्यम से प्रचार, भर्ती और फंडिंग बढ़ाने में लगे हैं. चार दिन चले भारत-पाक विवाद के बाद यह गतिविधियां और भी बढ़ गई हैं, जो सार्वजनिक फुटेज और प्रचार सामग्री से स्पष्ट होती हैं.
पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की नई चालें: 7 प्रमुख पहलू
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार का विस्तार: जैश-ए-मोहम्मद ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), व्हाट्सएप ग्रुप्स और ब्लॉगस्पॉट जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके अपने प्रचार को बढ़ाया है. इन प्लेटफॉर्म्स पर वे भारत के खिलाफ जिहाद के लिए युवाओं को उकसा रहे हैं और फंडिंग की अपील कर रहे हैं. JeM की सोशल मीडिया पोस्टों में मारे गए आतंकियों को 'शहीद' बताया गया और पाकिस्तान सरकार की मदरसों और मस्जिदों बंद करने की आलोचना की गई है.
- LeT और JeM की सार्वजनिक रैलियां: हाफिज सईद द्वारा स्थापित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक राजनीतिक मोर्चा भी है, जिसका नाम पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) है. PMML ने 28 मई को पाकिस्तान के कई शहरों में Youm-e-Takbir के मौके पर रैलियाँ आयोजित कीं, जिसमें पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर और हाफिज सईद के पोस्टर लगे थे और भारत विरोधी नारे लगाए गए थे. PMML का नेता सैफुल्लाह कसूरी, जो पहलगाम हमले का मुख्य संदिग्ध माना जाता है, ने रैली में अपने समर्थन का इज़हार किया और कसूर जिले को विश्व प्रसिद्ध बताया. इसी रैली में LeT के सह-संस्थापक आमिर हमजा ने कश्मीर, जम्मू और पंजाब को पाकिस्तान में विलय करने के नारे लगाए. हाफिज सईद का बेटा तल्हा भी इस रैली में मौजूद थे, जो अमेरिका और भारत दोनों द्वारा आतंकवादी घोषित हैं. पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक मोहम्मद अहमद खान भी वहां उपस्थित थे. वहीं, JeM ने बहावलपुर में अगस्त 2025 में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी की है, जिसमें भड़काऊ नारे और जिहादी कविताओं का आयोजन होगा. इसके लिए उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स भी लगाई हैं.
- मसूद अजहर के भाषणों का प्रसार: जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के उग्र भाषणों को सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है. इन भाषणों में भारत के खिलाफ जिहाद की अपील की जा रही है, जिससे युवाओं को प्रभावित किया जा सके. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स युवाओं को भर्ती करने, फंडिंग जुटाने और भारत के खिलाफ जिहाद का संदेश फैलाने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं. वे व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर समूह लिंक साझा कर व्यापक जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
- नए सदस्यों की भर्ती में तेजी: Let और Jem आतंकी संगठनों ने नई भर्ती अभियानों की शुरुआत की है. वे युवाओं को जिहाद के नाम पर आकर्षित कर रहे हैं और उन्हें संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. PMML से पहले LeT की राजनीतिक पार्टी मिली मुस्लिम लीग थी, लेकिन उसके नेता 2018 में वैश्विक आतंकवादी घोषित होने के बाद PMML का गठन हुआ. PMML ने पिछले साल पाकिस्तान का आम चुनाव भी लड़ा था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
- फंडिंग के लिए दान की अपील: सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ये संगठन दान की अपील कर रहे हैं. वे अपने समर्थकों से आर्थिक सहायता मांग रहे हैं ताकि अपनी गतिविधियों को जारी रख सकें.
- भारत विरोधी प्रचार सामग्री का प्रसार: आतंकी संगठनों ने भारत के खिलाफ प्रचार सामग्री का प्रसार बढ़ा दिया है. वे वीडियो, पोस्टर और लेखों के माध्यम से भारत के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय: इन गतिविधियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित ये आतंकी संगठन अब नई रणनीतियों के माध्यम से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों को और तेज कर रहे हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहा है।