कैसे होती है सिविल वॉरियर की भर्ती? ऑपरेशन सिंदूर में सेना की मदद करने वाले 10 साल के Shravan Singh के बारे में जान लीजिए
पंजाब के फिरोज़पुर के 10 साल के श्रवण सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना की निस्वार्थ सेवा कर देशभक्ति की मिसाल कायम की. उनकी इस सेवा भावना के लिए भारतीय सेना ने उन्हें ‘सबसे युवा सिविल वॉरियर’ का सम्मान दिया... लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिविल वॉरियर बनने की प्रक्रिया और योग्यता क्या है? अगर नहीं, तो आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं...

Who is Shravan Singh, Civil Warrior : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों के कायराना हमले में 26 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. इस पर भारत सरकार ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में एयर स्ट्राइक कर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया. वहीं, इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने 7 से 10 मई तक बॉर्डर से सटे राज्यों जम्मू-कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान में ड्रोन और मिसाइल से ताबड़तोड़ हमले किए. हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी ड्रोन और मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर निष्क्रिय कर दिया.
जब भारतीय सेना के जवाब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सेना से मुकाबला कर रहे थे, एक 10 साल का बच्चा श्रवण सिंह ने उनकी काफी मदद की. उसे ऑपरेशन सिंदूर का नायक भी कहा जाता है. आइए, श्रवण सिंह के बारे में विस्तार से जानते हैं...
कौन हैं श्रवण सिंह?
- श्रवण सिंह पंजाब के फिरोज़पुर जिले के तारा वाली गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना की सहायता करके असाधारण साहस और सेवा भावना का प्रदर्शन किया.
- जब सेना के जवान उनके किसान पिता सोना सिंह की जमीन पर तैनात थे, श्रवण ने रोजाना उन्हें पानी, दूध, लस्सी और बर्फ पहुंचाई, जिससे जवानों को भीषण गर्मी में राहत मिली.
- सेना के अधिकारियों ने श्रवण को 'ऑपरेशन सिंदूर' का 'सबसे युवा सिविल वॉरियर' के रूप में मान्यता दी, जो निस्वार्थ सेवा और देशभक्ति का प्रतीक है.
- श्रवण की निस्वार्थ सेवा के लिए भारतीय सेना ने उन्हें 'ऑपरेशन सिंदूर' का 'सबसे युवा सिविल वॉरियर' घोषित किया और एक विशेष समारोह में सम्मानित किया. उन्हें मेजर जनरल रंजीत सिंह मनराल द्वारा स्मृति चिन्ह, विशेष भोजन और उनकी पसंदीदा आइसक्रीम प्रदान की गई.
"मैं बड़ा होकर सैनिक बनना चाहता हूं"
श्रवण सिंह वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं डरता नहीं था. मैं बड़ा होकर सैनिक बनना चाहता हूं. मैं सैनिकों के लिए पानी, लस्सी और बर्फ लाता था. वे मुझे बहुत पसंद करते थे."
श्रवण सिंह की कहानी पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बनी है. उनकी सेवा भावना और देशभक्ति ने उन्हें एक सच्चे 'सिविल वॉरियर' के रूप में स्थापित किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सिविल वॉरियर कौन होते हैं, उनकी भर्ती कैसे की जाती है और क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए. आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं...
सिविल वॉरियर बनने की प्रक्रिया
- न्यूनतम आयु: 18 वर्ष (कुछ मामलों में 3 वर्ष की छूट संभव है)
- शैक्षणिक योग्यता: कम से कम प्राथमिक शिक्षा (चौथी कक्षा तक), जिसे विशेष परिस्थितियों में शिथिल किया जा सकता है
- शारीरिक और मानसिक फिटनेस: उम्मीदवार को शारीरिक रूप से सक्षम और मानसिक रूप से सतर्क होना चाहिए
- आवश्यक दस्तावेज: पहचान प्रमाण, वर्तमान और स्थायी पता प्रमाण, जन्म तिथि प्रमाण, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो, और यदि नौकरी में हैं तो नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC)
- प्रशिक्षण: चयनित स्वयंसेवकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें मनोवैज्ञानिक युद्ध, ड्रोन हमलों से रक्षा, आपदा प्रतिक्रिया, भीड़ प्रबंधन, और प्राथमिक चिकित्सा शामिल हैं. यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और सेवानिवृत्त या सेवारत सेना के अधिकारियों द्वारा प्रदान किया जाता है.
- हाल ही में, ओडिशा सरकार ने सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है, जिसमें मनोवैज्ञानिक युद्ध, ड्रोन हमलों से रक्षा, आपदा प्रतिक्रिया, और सामुदायिक प्राथमिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल है। इस पहल का उद्देश्य सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों की क्षमताओं को बढ़ाना है, ताकि वे विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों का प्रभावी ढंग से जवाब दे सकें.
कैसे बनें सिविल वॉरियर (Civil Defence Volunteer)?
1. आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन: अधिकतर राज्य सरकारें या जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन विभाग या गृह मंत्रालय के अंतर्गत सिविल डिफेंस विभाग के ज़रिए आवेदन स्वीकार करते हैं. आप अपने जिले की वेबसाइट या http://ndma.gov.in (National Disaster Management Authority) से लिंक पा सकते हैं.
- ऑफलाइन आवेदन: इच्छुक उम्मीदवार स्थानीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय या जिला नागरिक सुरक्षा कार्यालय से फॉर्म लेकर आवेदन कर सकते हैं.
2. जरूरी दस्तावेज़
- पहचान पत्र (आधार, पैन या मतदाता कार्ड)
- पासपोर्ट साइज फोटो (2–4)
- निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट या 10वीं की मार्कशीट)
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र
- यदि आप नौकरी में हैं तो नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC)
प्रशिक्षण केंद्र
- प्रशिक्षण राज्य और जिले के आधार पर अलग-अलग होते हैं. आमतौर पर इन संस्थानों में ट्रेनिंग दी जाती है:
- National Civil Defence College, नागपुर
- State Civil Defence Training Centers, जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब आदि में
- NDRF Units (कुछ राज्यों में ट्रेंनिंग सपोर्ट NDRF देता है)
प्रशिक्षण में शामिल होते हैं:
- भीड़ नियंत्रण
- प्राथमिक उपचार
- आग से बचाव
- बाढ़ या भूकंप जैसी आपदा प्रतिक्रिया
- सैनिकों की आपूर्ति में सहयोग (जैसे श्रवण सिंह ने किया)
- संचार और मानवीय सहायता
योग्यता और चयन
- आयु: 18 से 40 वर्ष
- शैक्षणिक योग्यता: न्यूनतम 8वीं/10वीं
- चरित्र सत्यापन: पुलिस से क्लियरेंस जरूरी
- फिटनेस: मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए
विशेष लाभ
- आपदा या युद्धकाल में देश सेवा का अवसर
- सम्मानपत्र और सरकारी पहचान
- भविष्य में सुरक्षा बलों या प्रशासनिक कार्यों में प्राथमिकता
- कुछ राज्यों में मानदेय या यात्रा भत्ता