'अगर अमेरिका से नहीं खरीदा तेल तो...' यूरोप को क्यों धमका रहे डोनाल्ड ट्रम्प?
डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोप को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने तेल और गैस अमेरिका से नहीं खरीदे तो हर जगह टैरिफ लगाए जाएंगे. इस शब्द को अधिक जोर देने के लिए बड़े अक्षरों में लिखा गया है, जिसका अर्थ है कि टैरिफ बहुत अधिक हो सकते हैं. ट्रम्प ने इससे पहले तीन और देशों को भी धमकी दी है. इनमें चीन, मैक्सिको और कनाडा शामिल हैं.;
Donald Trump: अमेरिका के नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प कुछ दिनों बाद दी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. व्हाइट हाउस में वापसी से पहले ही ट्रम्प कई बड़े एलान कर रहे हैं, जिससे दूसरे देशों की चिंता बढ़ गई हैं. अब ट्रम्प ने यूरोपीय संघ बड़ी धमकी दी है. उन्होंने कहा कि यूरोप अपना ज्यादातर तेल और गैस अमेरिका से खरीदे. वरना मुसीबत बढ़ जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोप को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने तेल और गैस अमेरिका से नहीं खरीदे तो हर जगह टैरिफ लगाए जाएंगे. इस शब्द को अधिक जोर देने के लिए बड़े अक्षरों में लिखा गया है, जिसका अर्थ है कि टैरिफ बहुत अधिक हो सकते हैं.
ट्रम्प ने यूरोप को दी धमकी
ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पोस्ट पर लिखा कि "मैंने यूरोपीय संघ से कहा कि उन्हें अमेरिका के साथ अपने भारी घाटे की पूर्ति हमारे तेल और गैस की बड़े पैमाने पर खरीद करके करनी चाहिए - वरना, उन्हें हर जगह टैरिफ ही देना होगा." 2022 के अमेरिकी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यूरोपीय संघ के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका का वर्तमान व्यापार घाटा 202.5 बिलियन डॉलर है. जबकि उस वर्ष यूरोपीय संघ के देशों से अमेरिकी आयात 553.3 बिलियन डॉलर था, यूरोपीय संघ को निर्यात 350.8 बिलियन डॉलर था. ट्रम्प इस घाटे को दूर करना चाहते हैं. उन्हें भरोसा है कि इससे अमेरिका को फिर से महान बनाने में मदद मिलेगी.
इन देशों को भी दी धमकी
ट्रम्प ने इससे पहले तीन और देशों को भी धमकी दी है. इनमें चीन, मैक्सिको और कनाडा शामिल हैं. उन्होंने पहले ही कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क और चीन के खिलाफ 10 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है. बता दें कि अमेरिकी का धमकी से पहले ही यूरोप दूसरे देशों के साथ बिजनेस करने के लिए आगे बढ़ रहा है. यूरोपीय संघ ने चार प्रमुख दक्षिण अमेरिकी देशों - ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे के साथ एक विशाल मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते से यूरोप और दक्षिण अमेरिका के लगभग 700 मिलियन लोगों को लाभ होगा. इससे पहले ट्रम्प वे ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी कि अगर किसी देश ने डॉलर के अलावा किसी और करेंसी का इस्तेमाल किया तो उन्हें भी ज्यादा टैरिफ देना पड़ेगा.