पूरी रात घर के बाहर... अब तक नहीं गया भूकंप का डर, जानें कौन सी चुनौती का सामना कर रहे म्यांमार के लोग

म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 1600 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 3400 से ज्यादा घायल हुए. क्षतिग्रस्त सड़कें और संचार बाधाओं के कारण राहत अभियान प्रभावित हो रहा है. अस्पतालों में चिकित्सा आपूर्ति की कमी है, जबकि हजारों लोग खुले स्थानों पर रातें बिता रहे हैं. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 30 March 2025 7:40 AM IST

म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने देश में भय और तबाही का माहौल पैदा कर दिया है. शुक्रवार को आए इस भूकंप में अब तक 1600 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 3400 से ज्यादा घायल हुए हैं. भूकंप के झटकों के बाद, हजारों लोग अब भी अपने घरों में लौटने से डर रहे हैं और खुले स्थानों पर रातें बिताने को मजबूर हैं.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने राहत प्रयासों में हो रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला है. क्षतिग्रस्त सड़कें और बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति के कारण राहत अभियान बाधित हो रहा है. OCHA के अनुसार, चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी से घायलों के इलाज में दिक्कतें आ रही हैं, जिससे राहत कार्य और भी कठिन हो गया है.

रेस्क्यू टीम को पहुंचने में आ रही परेशानी

बचावकर्मियों के सामने सबसे बड़ी समस्या प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने की है. प्रमुख सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है. यांगून-नेपीडॉ-मांडले एक्सप्रेसवे पर आई दरारों के कारण वहां यातायात ठप हो गया है, जिससे राहत सामग्री की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. इसके अलावा, दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं में आई रुकावटों के कारण राहत एजेंसियों के बीच समन्वय में भी कठिनाइयां हो रही है.

सही से नहीं मिल रहा इलाज

चिकित्सा व्यवस्था पर भी भूकंप का गहरा प्रभाव पड़ा है. मांडले, मैगवे और नेपीडॉ के अस्पतालों में बड़ी संख्या में घायल लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और संसाधनों की कमी से इलाज प्रभावित हो रहा है. डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के सामने घायल मरीजों का इलाज करना एक बड़ी चुनौती बन गया है.

सरकार ने की आपदा राहत की अपील 

म्यांमार की सैन्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आपदा राहत के लिए सहायता की अपील की है. भारत, अमेरिका और कई अन्य देशों ने म्यांमार को समर्थन देने का आश्वासन दिया है. भारत ने दो खेप राहत सामग्री पहुंचा भी दी है. हालांकि, भूकंप प्रभावित लोगों तक त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए ज़मीनी स्तर पर राहत प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता बनी हुई है.

Similar News