जेफ्री एप्सटीन फाइल्स में आया एलन मस्क का नाम, टेस्ला प्रमुख ने दिया ये जवाब

अमेरिकी अरबपति और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क का नाम एक बार फिर विवादों में घिर गया है. हाल ही में सार्वजनिक हुई जेफ्री एप्सटीन फाइल्स में मस्क का ज़िक्र सामने आया है. एप्सटीन, जो एक कुख्यात फाइनेंसर और सेक्स अपराधी था, की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमेटी को सौंपे गए हैं. इन फाइलों में फ्लाइट मैनिफेस्ट, फोन लॉग और शेड्यूल शामिल हैं, जिनसे कई हाई-प्रोफाइल लोगों के एप्सटीन से संबंधों पर सवाल उठे हैं.;

( Image Source:  Sora AI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
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जेफ्री एप्सटीन से जुड़ी नई फाइलों के तीसरे बैच ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति और बिज़नेस जगत को हिलाकर रख दिया है. इन दस्तावेजों में टेस्ला और X (पूर्व ट्विटर) के सीईओ एलन मस्क, डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन तथा पेपाल के सह-संस्थापक पीटर थील जैसे दिग्गजों के नाम सामने आए हैं.

दरअसल, एप्सटीन 2007 में नाबालिग लड़की से यौन शोषण के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद भी कई हाई-प्रोफाइल हस्तियों के संपर्क में रहा. ताज़ा बैच में लगभग 8,544 दस्तावेज़ शामिल हैं, जिन्हें एप्सटीन की संपत्ति (एस्टेट) ने अमेरिकी हाउस ओवरसाइट एंड गवर्नमेंट रिफॉर्म कमेटी को सौंपा. इनमें दैनिक शेड्यूल, फ्लाइट लॉग्स, वित्तीय रजिस्टर और फोन संदेशों के रिकॉर्ड शामिल हैं, जो करीब तीन दशकों तक फैले हुए हैं.

सबसे चौंकाने वाली एंट्री 6 दिसंबर 2014 की है. इसमें लिखा है - “Reminder: Elon Musk to island Dec. 6 (is this still happening?)” यानी उस दिन मस्क के एप्सटीन के प्राइवेट आइलैंड ‘लिटिल सेंट जेम्स’ जाने की योजना थी.

इसके अलावा दस्तावेज़ों में 2017 में पीटर थिल के साथ एक लंच मीटिंग और 2019 में स्टीव बैनन के साथ एक ब्रेकफास्ट मीटिंग का भी ज़िक्र है. वहीं, एक अलग फ्लाइट मैनिफेस्ट (2000) में प्रिंस एंड्रयू को एप्सटीन और उसकी सहयोगी गिसलेन मैक्सवेल के साथ न्यू जर्सी से फ्लोरिडा जाते हुए दर्ज किया गया है.

एलन मस्क का जवाब

जैसे ही मस्क का नाम इस बैच में सामने आया, उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी. उनका जवाब बेहद छोटा लेकिन सीधा था - “This is false” (यह गलत है). यानी मस्क ने किसी भी प्रकार के संबंधों से पूरी तरह इनकार कर दिया.

मस्क पहले भी उठा चुके हैं एप्सटीन का मुद्दा

दिलचस्प बात यह है कि इसी साल की शुरुआत में मस्क खुद डोनाल्ड ट्रंप पर एप्सटीन से जुड़े होने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने X पर पोस्ट किया था - “Time to drop the really big bomb. @realDonaldTrump is in the Epstein files. That is the real reason they have not been made public. Have a nice day, DJT!”

हालांकि, यह पोस्ट बाद में मस्क ने डिलीट कर दिया. लेकिन उन्होंने लगातार यह सवाल उठाया कि अगर गिसलेन मैक्सवेल को सज़ा हुई है, तो उस नेटवर्क के ‘क्लाइंट्स’ कौन थे और वे आज़ाद क्यों घूम रहे हैं?

एप्सटीन कौन था?

जेफ्री एप्सटीन का नाम दुनिया के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल्स में से एक से जुड़ा हुआ है. 2008 में, फ्लोरिडा में 14 साल की नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में उस पर केस हुआ. बावजूद इसके, एप्सटीन ने प्‍ली डील कर हल्की सज़ा पाई और सेक्स ऑफेंडर के रूप में रजिस्टर्ड हुआ. 2019 में, उस पर फिर से बड़ा केस दर्ज हुआ. आरोप था कि उसने सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क चलाया, जिसमें कई नाबालिग लड़कियां फंसीं. उसी साल जेल में एप्सटीन की मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर सुसाइड बताया गया, लेकिन इसे लेकर कई साज़िशी थ्योरीज़ भी प्रचलित हैं. उसकी सहयोगी गिसलेन मैक्सवेल को 2021 में इसी नेटवर्क का हिस्सा होने और नाबालिगों की तस्करी की साज़िश रचने के लिए दोषी ठहराया गया और जेल भेजा गया.

क्यों चर्चा में हैं ये फाइलें?

एप्सटीन और मैक्सवेल पर लगे आरोप सिर्फ उनके निजी अपराधों तक सीमित नहीं हैं. यह मामला इसलिए बड़ा है क्योंकि इसमें दुनिया के कई राजनीतिक नेताओं, बिजनेस टायकून और शाही घरानों के नामों के जुड़ने के संकेत मिलते रहे हैं. फाइलों के सार्वजनिक होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि अगर इतने बड़े लोगों के नाम जुड़े हैं, तो क्या उन्हें भी न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा, या फिर यह मामला हमेशा रहस्य में दबा रह जाएगा.

मस्क के लिए नई मुश्किलें?

एलन मस्क वैसे भी अपने बयानों और सोशल मीडिया गतिविधियों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. अब एप्सटीन फाइल्स में उनका नाम आना उनके लिए नई विवादित स्थिति पैदा कर सकता है. हालांकि, उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. फिर भी, विपक्षी खेमे और आलोचक इसे लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं कि क्या मस्क वास्तव में एप्सटीन के संपर्क में थे या यह सिर्फ एक संदिग्ध दस्तावेज़ी उल्लेख है.

इन खुलासों ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि एप्सटीन किस हद तक ताकतवर राजनीतिक और कारोबारी नेटवर्क में घुसा हुआ था. जबकि एप्सटीन की 2019 में जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, लेकिन उनके संपर्कों की ये फाइलें आज भी कई शक्तिशाली हस्तियों को घेरे में ला रही हैं.

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