क्या एलन मस्क और जोहरान ममदानी को डिपोर्ट कर पाएंगे डोनाल्ड ट्रंप! क्या कहता है अमेरिका का कानून?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ समय से अपने प्रस्तावित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को लेकर इतने आक्रामक मोड में हैं कि उसके आलोचकों को तत्काल देश से बाहर डिपोर्ट करने की धमकी दे देते हैं. ऐसे लोगों में दुनिया के सबसे बड़े धनकुबेर और न्यूयॉर्क मेयर पद के प्रत्याशी जोहरान ममदानी भी शामिल हैं.;
अमेरिका का दूसरी राष्ट्रपति बनने के बाद अपने छह महीनों के कार्यकाल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टीवी सीरीज 'गेम ऑफ थ्रोन्स' के इस डायलॉग को सही साबित करते नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए कि वह आए दिन किसी न किसी से अपने आलोचक को धमकी देते नजर आते हैं. लेकिन यहां पर मामला पीएम मोदी, शी जिनपिंग, व्लादिमिर पुतिन या फिर अयातुल्ला अली खामेनेई से पंगे की नहीं है. इस बार उनसे जिस शख्स से ने पंगा लिया है कि वो कोई और नहीं बल्कि उनके पुराने दोस्त और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क और न्यूयॉर्क शहर के मेयर प्रत्याशी जोहरान ममदानी हैं.
एलन मस्क और जोहरान ममदानी की गलती ये है कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से प्रस्तावित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' की तल्ख शब्दों में निंदा की है. इस बात को लेकर ट्रंप ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए कहा दोनों से उनके मूल देश डिपोर्ट कर देंगें. यही वजह है कि टेस्ला के शेयर मंगलवार को बाजार खुलते बड़े पैमाने पर टूटे. इस घटना से तो यही लगता है कि पहली बाजी ट्रंप ने मार ली है. उन्होंने दिखा दिया है कि 'सत्ता की ताकत ही असली पावर है, पैसा कभी उसका मुकाबला नहीं कर सकता है'.
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच छिड़ी तीखी जंग, जिसने वॉल स्ट्रीट से लेकर भारतीय निवेशकों तक को सकते में डाल दिया है. टेस्ला के शेयरों में यह उथल-पुथल तब शुरू हुई, जब ट्रम्प ने मस्क को अमेरिका से निर्वासित करने की धमकी दी. मस्क ने ट्रम्प के प्रस्तावित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को 'विशाल और बेतुका' बताते हुए इसे 'अमेरिका को कंगाल करने वाला' करार दिया.
इसके जवाब में डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में प्रेस से बात करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता, हमें देखना होगा. हम डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डोज) को एलन मस्क के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत दे सकते हैं. DOGE का मतलब है डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी, जिसके प्रमुख एलन मस्क मई 2025 तक थे."
डोनाल्ड ट्रम्प ने मस्क पर निशाना साधते हुए कहा, “एलन मेरे बिल पर हमला कर रहे हैं, क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए सब्सिडी हटाने का प्रस्ताव है. वो इससे नाराज हैं, लेकिन मैं बता दूं, वो इससे कहीं ज्यादा खो सकते हैं.”
ट्रंप की धमकी से नहीं डरेंगे - जोहरान ममदानी
जहां तक बात ट्रंप की जोहरान ममदानी से नाराजगी है तो उन्हें अमेरिका के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क मेयर की दौड़ में आधिकारिक रूप से डेमोक्रेटिक नामांकन हासिल किया है. जब रैंक-चॉइस वोटिंग के नतीजे अंतिम रूप से सामने आए तो राष्ट्रपति ने उन्हें निर्वासित करने की धमकी दी थी.
इससे पहले मेयर प्रत्याशी बनने के बाद जोहरान ममदानी ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के बयान सिर्फ हमारे लोकतंत्र पर हमला नहीं बल्कि हर उस न्यू यॉर्कर को संदेश देने का प्रयास हैं जो ट्रंप प्रशासन की बात मानने से इनकार करता है. अगर आप उनके खिलाफ आवाज उठाएंगे, तो वे आपके पीछे पड़ जाएंगे. हम इस धमकी को स्वीकार नहीं करेंगे."
क्या अमेरिका से डिपोर्ट करने का वहां के कानून में प्रावधान है?
1. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन सही मायने में एलन मस्क और जोहरान ममदानी को देश से बाहर करना चाहता हैं तो उन्हें एलन मस्क को पहले कानूनी रूप से अपनी नागरिकता से वंचित करना होगा.
2. मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले मस्क 2002 में अमेरिकी नागरिक बने थे. इससे पहले वे कनाडा के नागरिक थे. मस्क जे-1 वीजा पर पढ़ाई करने के लिए अमेरिका आए थे. दावा है कि मस्क ने अमेरिका में अपना करियर शुरू किया था, तब वे कथित तौर पर एक अवैध अप्रवासी थे.
3. एलन मस्क 1995 में छात्र वीजा पर अमेरिका आए थे. उन्होंने कहा था कि वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया. इसके बजाय मस्क ने अपनी कंपनी जिप2 की स्थापना की. जिप2 सॉफ्टवेयर फर्म है, जिसे बाद में कॉम्पैक्ट ने 300 मिलियन डॉलर में खरीद लिया था.
4. साल 2005 में मानहानि के एक मुकदमे में इस्तेमाल किए गए ईमेल में एलन मस्क ने कहा था कि उन्होंने स्टैनफोर्ड में आवेदन किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनके पास अमेरिका में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था. हालांकि, इस तरह के दावों को मस्क ने बाद में इनकार कर दिया था.
5. यहां अहम सवाल यह है कि क्या टेस्ला और स्पेस एक्स के मालिक ने नागरिक बनने की प्रक्रिया के दौरान अमेरिकी सरकार से झूठ बोला था? दरअसल,
6. अमेरिका में किसी व्यक्ति से नागरिकता छीनने के प्रोसेस को डीनैचुरलाइज़ेशन कहा जाता है. ऐसा तब होता है जब सरकार से झूठ बोलकर या सच छुपाकर नागरिकता ली गई हो. ऐसे में जांच में यह पाया गया कि एलन मस्क ने किसी महत्वपूर्ण सच को जानबूझकर छुपाकर नागरिकता ली है तो उन्हें डीनैचुरलाइज की प्रक्रिया से गुजरना होगा. मस्क ने तब सच में झूठ बोला था तो उनकी नागरिकता जा सकती है और उन्हें अमेरिका से डिपोर्ट भी किया जा सकता है.
इस आधार पर अमेरिकी सरकार को है नागरिकता छीनने का अधिकार
अमेरिकी नागरिकता आमतौर पर आसानी से नहीं छीनी जाती है, लेकिन खास परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति ने धोखाधड़ी से नागरिकता प्राप्त की है या उसने किसी गंभीर अपराध में शामिल होकर देश के प्रति निष्ठा को धोखा दिया है, तो उसकी नागरिकता छीनी जा सकती है.
यदि किसी व्यक्ति ने नागरिकता प्राप्त करने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी दी या धोखाधड़ी की तो उसकी नागरिकता छीनी जा सकती है. यदि कोई व्यक्ति देशद्रोह या सशस्त्र विद्रोह में शामिल होता है, तो उसकी नागरिकता जा सकती है. कोई अमेरिकी नागरिक किसी ऐसे देश की सेना में सेवा करता है जिसके साथ संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध में है, तो उसकी नागरिकता जा सकती है. कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ सकता है.
नागरिकता छिनने की प्रक्रिया क्या है?
नागरिकता छीनने की प्रक्रिया आमतौर पर एक अदालत में शुरू होती है, जहां सरकार यह साबित करने की कोशिश करती है कि नागरिक ने नागरिकता प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी की या देश के प्रति निष्ठा को धोखा दिया है. यदि अदालत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाती है, तो नागरिक की नागरिकता छीन ली जाएगी.
जोहरान ममदानी को क्यों नया कंपटीटर मानते हैं डोनाल्ड ट्रंप?
दरअसल, जब से जोहरान ममदानी मुसलमान होते हुए भी अमेरिका के सबसे शहर न्यूयॉर्क के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से प्रत्याशी चुने गए हैं, तब से ट्रंप ने उनको अपना प्रतिद्वंद्वी मान लिया. ऐसा इसलिए कि ट्रंप न्यूयॉर्क के मेयर का चुनाव हर हाल में जीतना चाहते हैं, जबकि उसी शहर में ममदानी की लोकप्रियता चरम पर है.
दोनों, वैचारिक धरातल पर भी अलग है. डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन हैं तो ममदानी डेमोक्रैट हैं. यानी वैचारिका धरातल पर ट्रंप धुन दक्षिणपंथी हैं तो ममदानी सोशलिस्ट हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति प्रो कैपिटैलिस्ट हैं तो ममदानी गरीबों, कमजोर वर्ग के लोगों और उदार लोकतंत्र के पैरोकार हैं. इन सबके बीच उनका मेयर पद का प्रत्याशी बनना और ट्रंप की नीतियों पर हमला बोलना अमेरिकी राष्ट्रपति हजम नहीं कर पा रहे हैं.
कौन हैं जोहरान ममदानी?
भारतीय मूल जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव के दौरान लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी भी दी गई, जिसके सामने वो डटकर खड़े हो गए। ममदानी ने साफ कर दिया है कि वो ट्रंप की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं.
नवंबर में होने वाले न्यूयॉर्क के मेयर पद के लिए जोहरान ममदानी डेमोक्रेट पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाए गए हैं. 33 साल के ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर पद के लिए पहले इंडियन मुस्लिम डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बने हैं.
जोहरान ममदानी का भारत से खास कनेक्शन हैं. उनका जन्म तो युगांडा में हुआ, लेकिन उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं. जोहरान फेमस भारतीय अमेरिकी फिल्म मेकर मीरा नायर के बेटे हैं. मीरा ने 'सालाम बॉम्बे' और 'मानसून वेडिंग' जैसी फिल्में बनाई, जिन्हें ऑस्कर और BAFTA नॉमिनेशन भी मिले थे. ममदानी के पिता महमूद ममदानी कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं.
जब जोहरान 7 साल के थे, तब उनके पिता ने युगांडा छोड़ दिया था. उनका परिवार पहले तो कुछ दिनों तक केप टाउन में रहा. उसके बाद वो न्यूयॉर्क में आकर बस गए. साल 2018 में ममदानी को अमेरिकी नागरिकता मिली. उन्होंने सीरियाई मूल की कलाकार रमा दुवाजी से शादी की है.
ममदानी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत क्वींस और ब्रुकलिन में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के कैंपेन के लिए काम करते हुए की थी. 2020 में पहली बार वो न्यूयॉर्क असेंबली के लिए चुने गए थे.