जो देश अपने लोगों पर बम गिराए, 4 लाख महिलाओं से रेप... UN में भारत ने फिर पाक को दिया करारा जवाब

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला. भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वथनेनी हरीश ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जो देश अपने ही लोगों पर बम बरसाता है और व्यवस्थित नरसंहार करता है, वह केवल झूठ और भटकाव के जरिए दुनिया को भ्रमित करने की कोशिश कर सकता है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान की आदत बन चुकी है हर साल मंचों पर कश्मीर का राग अलापने की.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 7 Oct 2025 8:50 AM IST

संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच पर एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को उसके ही किए की याद दिला दी. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने कहा कि 'जो देश अपने ही लोगों पर बम गिराए और 4 लाख महिलाओं के साथ रेप जैसा अमानवीय अपराध करे, उसे दूसरों को सिखाने का कोई अधिकार नहीं.'

यूएन सुरक्षा परिषद में वुमन पीस और सिक्योरिटी पर हुई चर्चा के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने उसके झूठे आरोपों को बेनकाब करते हुए कहा कि पाकिस्तान की असलियत दुनिया जान चुकी है.

पाकिस्तान के झूठे आरोपों पर भारत का पलटवार

यूएनएससी की वुमन पीस एंड सिक्योरिटी पर हुई ओपन डिबेट में पाकिस्तान ने फिर एक बार कश्मीर और कथित मानवाधिकार उल्लंघन का वही पुराना राग छेड़ा. एक पाकिस्तानी अधिकारी ने यहां तक कह दिया कि कश्मीरी महिलाओं को दशकों से यौन हिंसा का सामना करना पड़ा है. इस पर भारतीय राजदूत पर्वथनेनी हरीश ने सख्त लहजे में कहा कि हर साल हमें पाकिस्तान के फरेबी और झूठे आरोप सुनने पड़ते हैं, जो बहुत परेशान करने वाले हैं.

1971 के जनसंहार की याद दिलाई

इस दौरान भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान के इतिहास की सबसे काली घटना 1971 के ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उसी अभियान में अपने ही नागरिकों पर अत्याचार किया था. उन्होंने अपने ही देश की 4 लाख महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार को मंजूरी दी थी. यह किसी विदेशी दुश्मन का नहीं, अपने ही नागरिकों के खिलाफ किया गया सुनियोजित अपराध था. इसलिए दुनिया पाकिस्तान के इस पाखंड को बखूबी समझ चुकी है. उनके झूठे प्रचार से अब कोई भ्रमित नहीं होता.

कश्मीर पर भारत का दो टूक रुख

भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा. यूएन में भारतीय प्रतिनिधि ने दोहराया कि 'जम्मू और कश्मीर था, है और हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा'. यूएन मंच पर भारत का यह जवाब न केवल पाकिस्तान के दावों को ध्वस्त करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अब भारत किसी भी झूठे नैरेटिव को बिना जवाब दिए नहीं छोड़ेगा.

पहले खुद के मानवाधिकार देखें

पिछले हफ्ते भी भारत ने जिनेवा में पाकिस्तान को इसी तरह कठघरे में खड़ा किया था. भारतीय मिशन के काउंसलर केएस मोहम्मद हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में कहा था कि यह बेहद विडंबनापूर्ण है कि दुनिया के सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देश दूसरों को ज्ञान देने आते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को झूठे आरोप लगाने के बजाय अपने देश में हो रहे राज्य-प्रायोजित अत्याचारों, धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर भेदभाव जैसी समस्याओं से निपटना चाहिए.

भारत का यह बयान सिर्फ एक जवाब नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश है. पाकिस्तान अपने घर में फैले अराजकता, आतंक और मानवाधिकार हनन को छिपाने के लिए दुनिया का ध्यान भटकाना बंद करे. क्योंकि जो देश अपने ही नागरिकों पर अत्याचार करता है, वह दूसरों के मानवाधिकार की बात करने का नैतिक अधिकार खो चुका है.

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