पाक को चीन से नहीं मिला कोई समर्थन! जनरल मुनीर ने भारत के दावे को बताया 'तथ्यहीन', कहा- हमला हुआ तो मिलेगा कड़ा जवाब

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भारत के इस दावे को खारिज किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन से रणनीतिक समर्थन मिला. उन्होंने इसे 'गैरजिम्मेदाराना और तथ्यहीन' बताया. मुनीर ने भारत को चेतावनी भी दी कि यदि पाकिस्तान की संप्रभुता को फिर चुनौती दी गई, तो उसका जवाब कड़ा और त्वरित होगा. यह बयान भारत के लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह के उस आरोप के जवाब में आया है, जिसमें चीन और तुर्किये को पाकिस्तान का सहयोगी बताया गया था.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 7 July 2025 11:11 PM IST

Pakistan Army Chief Asim Munir warning to India: पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने भारत के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि हालिया सैन्य टकराव 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान चीन ने पाकिस्तान को 'लाइव स्ट्रैटेजिक सपोर्ट' दिया. मुनीर ने इसे 'गैरजिम्मेदार और तथ्यात्मक रूप से गलत' करार दिया.

'ऑपरेशन बुनियान-ए-मरसोस' की सफलता पर बोलते हुए मुनीर ने कहा, “बाहरी समर्थन के आरोप पाकिस्तान की दशकों की रणनीतिक समझदारी से विकसित घरेलू क्षमताओं और संस्थागत लचीलापन को स्वीकार करने की भारतीय अनिच्छा को दर्शाते हैं.”

मुनीर ने भारत को दी चेतावनी

मुनीर ने भारत को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती दी गई तो 'कड़े और तुरंत जवाब' के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा, “यदि हमारे जनसंख्या केंद्रों, सैन्य ठिकानों, आर्थिक केंद्रों या बंदरगाहों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, तो उसका जवाब ऐसा होगा जो गहराई से चोट पहुंचाएगा और अपेक्षा से कहीं अधिक तीखा होगा.”

'पाकिस्तान की विदेश नीति भारत की तरह संकीर्ण नहीं' 

मुनीर ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की विदेश नीति भारत की तरह संकीर्ण नहीं बल्कि सिद्धांत आधारित कूटनीति पर टिकी है, जिसने उसे क्षेत्र में एक 'स्थिरता कारक' के रूप में स्थापित किया है. उन्होंने कहा, “एक द्विपक्षीय सैन्य संघर्ष को बहुपक्षीय रूप देने की कोशिश सिर्फ कैंप पॉलिटिक्स खेलने की नाकाम कोशिश है.”

भारत ने क्या दावा किया था?

भारत के डिप्टी आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने हाल ही में दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था, “पिछले 5 वर्षों में पाकिस्तान को मिलने वाले 81% हथियार चीन से आते हैं. संघर्ष के दौरान चीन ने अपने हथियारों की तुलना करने के लिए पाकिस्तान को ‘लाइव लैब’ की तरह इस्तेमाल किया.” उन्होंने यह भी दावा किया कि तुर्किये ने भी पाकिस्तान को विशेष प्रकार का सहयोग दिया, जिससे यह लड़ाई सिर्फ पाकिस्तान के साथ नहीं बल्कि चीन और टर्की की मिलीभगत बन गई थी.

Similar News