कश्मीर गले की नस और फिर से देंगे जवाब, जनरल मुनीर ने खुले मंच पर दोबारा दी गीदड़भभकी, आतंकवाद पर कही ये बात
आसिम मुनीर ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर बात छेड़ी है. उन्होंने मंच पर दोबारा कहा कि यह क्षेत्र हमारे गले की नस था और हमेशा रहेगा. इतना ही नहीं, इस दौरान आसिम ने भारत को धमकी भी दी कि आगे अगर पड़ोसी मुल्क हमला करता है, तो वह चुपचाप नहीं बैठेंगे.

पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर गीदड़भभकियां देने से रास नहीं आते हैं. आसिम मुनीर को जब मौका मिलता है, तो वह एक ही राग अलापने से पीछे नहीं हटते हैं. यह जानते हुए कि पाकिस्तान भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. कराची में पाकिस्तान नेवल एकेडमी के एक कार्यक्रम में आसिम ने एक बार फिर भारत के खिलाफ ज़हर उगला.
कश्मीर को लेकर वही पुरानी ‘जुगुलर वेन’ की रट दोहराई और भारत को अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली. मुनीर ने मंच से कहा कि 'कश्मीर हमारी गले की नस है और यह हमेशा रहेगी. हम इसे कभी नहीं भूलेंगे.'
फिर से देंगे जवाब
आसिम मुनीर ने दावा किया कि पाकिस्तान संयम और परिपक्वता से हर बार भारत के हमले का जवाब देता आया है. मगर इस झूठी परिपक्वता के पर्दे के पीछे पाकिस्तान की करतूतें कुछ और ही कहती हैं.
आतंकवाद पर कही ये बात
मुनीर ने अपने भाषण में यह दावा भी किया कि पाकिस्तान अब आतंक के खिलाफ निर्णायक युद्ध के अंतिम चरण में था. ऐसे में भारत ने हमला कर अस्थिरता ला दी, लेकिन दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का जन्मदाता रहा है. सीमापार घुसपैठ आतंकियों को ट्रेनिंग देना, हथियार पहुंचाना, ये सब उसी की नीतियों का हिस्सा रहे हैं.
भारत का जवाब- ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम खूनी साजिश के बाद भारत ने पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाना शुरू किया. सबसे पहले सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की बात कही गई. फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उन आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, जो दशकों से भारत की शांति को निगलने की कोशिश कर रहे थे. भारत ने एक स्पष्ट संदेश दे दिया कि अब न आतंक बर्दाश्त होगा, न आतंकी सुरक्षित रहेंगे.
भारत की स्पष्ट नीति
जनरल मुनीर की गीदड़भभकी दरअसल एक गहरी बौखलाहट का संकेत है. भारत की नई रणनीति और आक्रामक रुख ने पाकिस्तान के होश उड़ा दिए हैं. कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अब पाकिस्तान की दाल नहीं गल रही और भारत ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि अब जो भी सीमा पार से उड़ेगा, वो लौटकर नहीं आएगा.