क्या अब होकर रहेगा तीसरा विश्व युद्ध? पुतिन की जवाबी कार्रवाई पर दुनिया की निगाहें, भारत देगा किसका साथ?
रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास संघर्ष, चीन-ताइवान टकराव और भारत-पाक तनाव के बीच तीसरे विश्व युद्ध की आहट तेज़ हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया अब युद्ध और शांति के दोराहे पर खड़ी है. ऐसे में अगर वर्ल्ड वॉर 3 शुरू होता है तो रूस के साथ ईरान, उत्तर कोरिया, बेलारूस जैसे देश होंगे, वहीं अमेरिका, नाटो, जापान, इज़राइल पश्चिमी गठबंधन में. भारत, ब्राज़ील, साउथ अफ्रीका जैसे देश शायद शांति के पक्षधर और 'मध्यस्थ' की भूमिका में हों.;
Are we heading towards World War Three: रूस की धरती पर ऐसा हमला दशकों में नहीं हुआ था. यूक्रेन के ड्रोन, रूस के भीतर हजारों किलोमीटर तक घुस गए और उन एयरबेसों को निशाना बनाया जहां रूस के सबसे घातक "डूम्सडे न्यूक्लियर बॉम्बर्स" खड़े थे. इसे रूस का 'पर्ल हार्बर मोमेंट' कहा जा रहा है, एक ऐसा झटका जिसने मॉस्को की सैन्य और रणनीतिक नींव हिला दी है.
इस हमले का नाम था ऑपरेशन स्पाइडर वेब (Operation Spider Web). यूक्रेन ने इस योजना को बेहद गोपनीयता से अंजाम दिया, जबकि दुनिया की निगाहें गाजा और ईरान पर टिकी थीं. लेकिन यूक्रेन के इस हमले के बाद दुनिया भर में यह चिंता उठ खड़ी हुई है कि रूस की जवाबी कार्रवाई क्या होगी और कहीं उसकी वजह से तीसरा विश्व युद्ध तो नहीं छिड़ जाएगा, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की जो इमेज है, उससे किसी भी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
तो क्या यह तीसरे विश्व युद्ध का ट्रिगर बन सकता है? अगर हां, तो कौन-किसके साथ खड़ा होगा? भारत क्या तटस्थ रहेगा या किसी गुट में जाएगा? इस पूरे परिदृश्य को समझने के लिए आइए गहराई से चलते हैं इस उबलती दुनिया के भीतर...
ऑपरेशन स्पाइडर वेब - रूस की धरती पर एक और पर्ल हार्बर
साल 2025, 31 मई की सुबह थी. रूस के पश्चिमी हिस्से में बसे एयरबेस एंगल्स, शायकावका और एनगल्स-2 अचानक भीषण धमाकों से दहल उठे. जमीन कांप उठी. आसमान में आग के गोले उड़ने लगे. और कुछ ही पलों में रूस के ‘परमाणु घोड़े’ यानी टुपोलोव-95 और टुपोलोव-160 बॉम्बर्स जलकर खाक हो गए.
यूक्रेन का अदृश्य जाल - Operation Spider Web
इस हमले को यूक्रेन ने ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ नाम दिया था. दर्जनों हाई-रेंज ड्रोन रूस की सीमा लांघकर गुपचुप तरीके से एयरबेस तक पहुंचे और वहां खड़ी रणनीतिक बमवर्षक विमानों को बर्बाद कर दिया. इन विमानों को "doomsday bombers" कहा जाता है, जो परमाणु हमला करने में सक्षम हैं.
मास्को में मची हलचल
रूस में इस हमले को ‘पर्ल हार्बर-2025’ कहा जा रहा है. दूसरे विश्व युद्ध की तरह, जब अमेरिका पर जापान ने अचानक हमला किया था, कुछ वैसी ही पीड़ा अब क्रेमलिन महसूस कर रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे "युद्ध की रेखा पार करने वाला हमला" बताया और संकेत दिए कि रूस जल्द ही "ऐसा जवाब देगा जिसे पूरी दुनिया याद रखेगी."
तीसरे विश्व युद्ध का ट्रिगर?
इस हमले ने एक सवाल फिर से जगा दिया है कि क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रही है? अब सबसे बड़ा डर यही है कि क्या रूस जवाबी कार्रवाई में परमाणु हथियारों की ओर बढ़ेगा? क्या अमेरिका सीधे तौर पर हस्तक्षेप करेगा? क्या चीन ताइवान पर आक्रमण कर इसी समय का फायदा उठाएगा? दुनिया एक बार फिर दो ध्रुवों में बंट रही है. और अगर यह युद्ध छिड़ा, तो इसका असर सिर्फ मैदान-ए-जंग पर नहीं, आपकी थाली, जेब, इंटरनेट और एयरस्पेस पर भी पड़ेगा.
क्या तीसरे विश्व युद्ध की उलटी गिनती शुरू हो गई है?
पिछले वर्ष ही पुतिन ने अपने 25 साल के शासन पर जारी वीडियो में जो चेतावनी दी थी, वो अब दुनिया को और डरा रही है. पुतिन ने कहा था, "हमारे पास वह सब कुछ है जिससे 2022 में शुरू किया गया युद्ध, रूस के पक्ष में खत्म होगा." यूक्रेन में NATO की दखलअंदाजी से पुतिन बुरी तरह भड़के हुए हैं. दूसरी ओर, जर्मनी Taurus मिसाइलें यूक्रेन को देकर रूस को खुली चुनौती दे रहा है और रूस से उसकी सबसे ज्यादा तनातनी चल रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और CIA प्रमुख विलियम बर्न्स पहले ही परमाणु युद्ध की आशंका जता चुके हैं. पुतिन की हालिया चेतावनी - "अब हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है, दुश्मन नष्ट होंगे" - दुनिया को एक नई दहलीज पर ला खड़ा करती है.
यूक्रेन के हमले के बाद पुतिन के पास अब क्या विकल्प बचे हैं?
यूक्रेन द्वारा रूस के एयरबेस पर किए गए हमले ने मास्को की सैन्य प्रतिष्ठा को गहरा झटका दिया है. 40 से अधिक रणनीतिक बमवर्षक जलते नजर आए, जिन्हें रूस अपनी "परमाणु शक्ति की रीढ़" मानता था. पुतिन के लिए अब यह सिर्फ युद्ध नहीं, प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. अब पुतिन के सामने दो रास्ते हैं, या तो रणनीतिक प्रतिक्रिया या निर्णायक बदला. रूस हाइपरसोनिक Kinzhal और Kalibr क्रूज मिसाइलों से यूक्रेन के रक्षा ठिकानों, ऊर्जा संरचनाओं और ड्रोन निर्माण इकाइयों को निशाना बना सकता है. हालांकि Yars और Satan 2 इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर मिसाइल का विकल्प मौजूद है, लेकिन उसका इस्तेमाल अंतिम विकल्प ही होगा. इस वक्त रूस का मकसद होगा यूक्रेन की सैन्य रीढ़ तोड़ना और NATO की सप्लाई लाइन को बाधित करना. सवाल है कि क्या पुतिन अब रुकेंगे या सबकुछ दांव पर लगाएंगे?
हाल के वैश्विक युद्धों की सूची
- रूस-यूक्रेन युद्ध : 2022 से जारी यह संघर्ष अब वैश्विक शक्ति संतुलन को चुनौती दे रहा है. हाल ही में यूक्रेन द्वारा रूस के एयरबेस पर बड़े हमले हुए हैं और माना जा रहा है कि रूसी की जवाबी कार्रवाई बेहद खतरनाक होगी.
- इज़राइल–हमास युद्ध : अक्टूबर 2023 से गाज़ा में जारी यह युद्ध अब भीषण मानवीय संकट में बदल गया है.
- ईरान-इज़राइल टकराव : पिछले दिनों दोनों देशों के बीच सीधी मिसाइलों की जंग हो चुकी है और तनाव अब भी बरकरा है, जो मध्य पूर्व को युद्ध में झोंक सकती है.
- अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा तनाव : TTP और तालिबान के बीच के झगड़े पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों को अस्थिर कर रहे हैं.
- अफ्रीका में गृह युद्ध : सूडान, माली, बुर्किना फासो, नाइजर, हैती जैसे देश आंतरिक संघर्ष और सैन्य तख्तापलट से जूझ रहे हैं.
- चीन–ताइवान तनाव : अमेरिका की मौजूदगी के बीच ताइवान पर चीन का सैन्य दबाव लगातार बढ़ रहा है.
आइए समझते हैं कि अगर तीसरे विश्व युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो कौन से देश किसका साथ दे सकते हैं.
- पश्चिमी गठबंधन: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इज़राइल, नाटो देश
- रूस समर्थक देश: ईरान, उत्तर कोरिया, सीरिया, बेलारूस, वेनेज़ुएला, क्यूबा. चीन भी रणनीतिक साझेदारी में शामिल हो सकता है
- तटस्थ या मध्यस्थ: भारत, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, UAE, सऊदी अरब
भारत की भूमिका - शांति की बिसात या रणनीति की चाल?
भारत के लिए यह क्षण बेहद संवेदनशील है. एक तरफ रूस उसका रणनीतिक मित्र है, दूसरी तरफ अमेरिका और यूरोप से भी मजबूत व्यापारिक व रक्षा संबंध हैं. ऐसे में भारत शायद ‘गुटनिरपेक्ष’ नहीं, बल्कि ‘रणनीतिक संतुलनकर्ता’ की भूमिका निभाएगा जो युद्ध से दूर रहकर शांति की पहल कर सकता है.