Amethi Police: Ex DG UP विक्रम सिंह बोले... पंडितजी’ को जेल भेजने को तमंचा तलाशने वाला दारोगा बर्बाद हो जाएगा…बशर्ते!
अमेठी के मुसाफिरखाना थाने में तैनात दारोगा हेम नारायण सिंह का एक शर्मनाक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पंडितजी को फर्जी मुकदमे में फंसाने के लिए तमंचा मंगाने की बात करता है. यूपी के पूर्व DGP विक्रम सिंह ने इसे खाकी की बेइज्जती बताया और आरोपी की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की मांग की. उन्होंने कोतवाली प्रभारी और मुखबिर दलाल पर भी समान कार्रवाई की बात कही. यदि जांच निष्पक्ष नहीं हुई तो पुलिस महकमे की बची-खुची साख भी खत्म हो सकती है.

कालांतर में जिस अमेठी ने देश को इंदिरा गांधी (PM Indira Gandhi) और राजीव गांधी (PM Rajeev Gandhi) जैसे मशहूर सांसद/प्रधानमंत्री दिए थे. आज वही अमेठी (Amethi Police) यहां की मुसाफिरखाना कोतवाली (Musafirkhana Kotwali Amethi) में तैनात बेकाबू दारोगा हेम नारायण सिंह (Sub Inspector Hem Narayan Singh) की शर्मनाक करतूत के कारण चर्चा में आ गया है.
वही दबंग दारोगा हेम नारायण सिंह जो किसी पंडितजी को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के लिए, 315 बोर का अवैध तमंचा किसी राहुल नाम के युवक से दो घंटे में मुहैया कराने की जिद कर रहा है. “इस एक वाहियात दारोगा ने न केवल अमेठी पुलिस की मिट्टी पलीद की-कराई है. पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे को भी मुहं दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा है. अगर कायदे से मामले की जांच हो गई तो खाकी वर्दी पहनकर बेहया-बेकाबू हुआ दारोगा हेम नारायण सिंह बर्बाद हो जाएगा. उसे न केवल महकमे से बर्खास्त किया जाएगा अपितु, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले उसके तमाम लाभ भी रोक दिए जाएंगे.” यह तमाम बेबाक बातें बयान की हैं डॉ. विक्रम सिंह (IPS Vikram Singh) ने. उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक (Retired DGP UP Police) डॉ. विक्रम सिंह, सोमवार को नई दिल्ली में स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बात कर रहे थे.
बदनाम दारोगा के खिलाफ मजबूत सबूत
1974 बैच यूपी कैडर के पूर्व वरिष्ठ आईपीएस डॉ. विक्रम सिंह ने आगे कहा, “जहां तक आरोपी और अब खुद तमाशा बनकर, राज्य पुलिस महकमे का जुलूस निकलवाने वाले दारोगा हेम नारायण सिंह के खिलाफ कठोरतम विभागीय कार्यवाही का सवाल है तो, मेरी नजर में उसके खिलाफ काफी मजबूत सबूत मौजूद हैं. उसका रिकॉर्डिड ऑडियो ही उसके खिलाफ (यूपी पुलिस की फजीहत कराने वाला दारोगा हेम नारायण सिंह) सबसे बड़ा सबूत सिद्ध होगा. बशर्ते कि राज्य पुलिस महकमा इस मामले की जांच किसी ईमानदार छवि के अधिकारी से करवा ले. जिस तरह से ऑडियो सुनने में आ रहा है, मुझे पूरी उम्मीद है कि वैज्ञानिक जांच के दौरान भी वह ऑडियो डॉक्टरेट नहीं पाया जाएगा.”
वरना जांच की लीपापोती कर डाली जाएगी
स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह ने कहा, “दारोगा ने न सिर्फ किसी बेकसूर को तमंचा यानी शस्त्र अधिनियम के फर्जी मुकदमे में, उसे जेल भेजकर उसकी जिंदगी तबाह करने का इंतजाम किया था. अपितु ऐसा करते वक्त वह (आरोपी दारोगा हेम नारायण सिंह) यह भूल गया कि उसकी भी ऑडियो रिकॉर्डिंग हो रही है. जोकि उसके खुद के लिए भी बबाल-ए-जान बन जाएगी. अब जहां तक आरोपी दारोगा के खिलाफ कार्यवाही की बात है तो, आरोप सिद्ध होने पर उसे महकमे से बर्खास्त भी किया जा सकता है. कायदे से तो आरोप सिद्ध होते ही दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जाना चाहिए. यह तभी संभव है जब उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय चाहेगा. इस बदनाम मामले में भी दारोगा को बचाने के फेर में जांच में लीपापोती की जा सकती है.”
हेम नारायण से दारोगा-सिपाही वर्दी को बदनाम करते
विशेष बातचीत के दौरान यूपी पुलिस के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक बोले, “यूपी पुलिस देश की सबसे बड़ी राज्य पुलिस है. जिसमें 99 फीसदी जवान-अफसरों की मेहनत पर पानी फेरने के लिए, अमेठी की मुसाफिरखाना कोतवाली में तैनात मास्टरमाइंड दारोगा हेम नारायण सिंह जैसे एक-दो बेशर्म-बेहया ही काफी हैं. ऐसों के खिलाफ वह सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो कानून की नजर और यूपी पुलिस महकमे में नजीर बन जाए. हेम नारायण सिंह दारोगा भी अगर जांच में बच निकला तो फिर ऐसे कई और हेम नारायण सिंह यूपी पुलिस महकमे को बदनाम करने के लिए पैदा हो जाएंगे.” क्या इस पूरे संगीन अपराध के लिए दारोगा हेम नारायण सिंह ही जिम्मेदार है? कोतवाली मुसाफिरखाने का कोतवाल इसके लिए जिम्मेदार नहीं है?
मुसाफिरखाना कोतवाल के खिलाफ एक्शन जरूरी
पूछे जाने पर विक्रम सिंह बोले, “दारोगा तो गिरफ्तार होकर जेल जाएगा ही. यूपी पुलिस महकमे से भी उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए. जहां तक सवाल कोतवाल का है तो संबंधित कोतवाली प्रभारी यानी कोतवाल के खिलाफ भी विभागीय जांच होनी चाहिए. ताकि उसका करेक्टर रोल (सीआर) खराब किया जा सके. इससे वह भी थाने की टीम लीड करने में अक्षम साबित होगा. आइंदा उसे सूबे में कहीं भी किसी थाना-कोतवाली का स्वतंत्र-प्रभार नहीं दिया जाएगा. उसकी नौकरी पर हमेशा के लिए धब्बा लग जाएगा कि उसमें, पुलिस थाना-कोतवाली टीम लीडर की योग्यता नहीं है.”
दलाल और दारोगा पर एक सी कार्रवाई हो
“मैं जब राज्य पुलिस का मुखिया था तब 500 से ज्यादा ऐसे ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की थी. उस एक्शन से यूपी पुलिस में हड़कंप जरूर मचा था. उन 500 के खिलाफ सख्त विभागीय एक्शन ने बाकी बिगड़े हुए पुलिसकर्मियों को खुद-ब-खुद ही पटरी पर ला दिया था. पुलिस का काम कानून की रखवाली, जनमानस की सुरक्षा करना है. न कि दारोगा हेम नारायण सिंह की तरह किसी को फर्जी मुकदमे में तमंचे के साथ जेल भेजने का पुलिस का काम है. जहां तक सवाल उस मुखबिर हिमांशु का है, जिसने संदिग्ध दारोगा हेम नारायण सिंह का ऑडियो रिकॉर्ड किया.
जिससे दारोगाजी किन्हीं पंडित जी को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने को तमंचे का बंदोबस्त करने को कह रहे हैं, तो वह दलाल सिर्फ इन दारोगा का ही दलाल नहीं है. वह अमेठी जिले की पूरी कोतवाली मुसाफिरखाने का दलाल होगा. दारोगा हेम नारायण सिंह और उसके मुखबिर हिमांशु या जो भी हो, उस पर एक सी ही कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए. वैसे जो आईपीएस राजीव कृष्ण कल ही सूबे के पुलिस महानिदेशक बने हैं, उन्हें मैं बेहद करीब से जानता हूं. उनकी पुलिस कार्य-प्रणाली में मैंने कभी कहीं भी दारोगा हेम नारायण सिंह जैसों के प्रति लचीचा व्यवहार नहीं देखा है. वह जीरो टॉलरेंस में विश्वास करने वाले अफसर हैं.” कहते हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के सेवानिवृत्त महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह.
दारोगा ने जिला पुलिस को मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा
अब सुना है कि ऑडियो वायरल होने के बाद से अमेठी जिला पुलिस के अफसरों ने खामोशी का लबादा ओढ़ लिया है. इससे क्या यह साबित होता है कि हमाम में सब नंगे हैं? सवाल के जवाब में डॉ. विक्रम सिंह बोले, “जब हेम नारायण सिंह जैसे दारोगा खुलेआम वर्दी की इज्जत चौराहे पर नीलाम करेंगे तो, जिला पुलिस अफसरों को क्या शर्म के मारे मुंह छिपाने का भी अधिकार नहीं है. कहां जाएं वह क्या करें, कैसे खुद की इज्जत बचाएं. खामोश न रहें तो क्या करें? करा-धरा तो सब कुछ दारोगा का है और बदनामी हो रही है पूरे जिला पुलिस की. अमेठी पुलिस अगर खाकी की इज्जत बचाने के प्रति ईमानदार है तो उसे, तत्काल 24 घंटे के भीतर जांच पूरी करके, आरोपी दारोगा को बर्खास्त करके, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार करके जेल में डाल देना चाहिए. जोकि मुझे बेहद संदिग्ध लगता है.”
तब तो समझो बची-खुची इज्जत भी चली जाएगी
अब सुना है कि अपना ऑडियो वायरल होने से बौखलाया दारोगा हेम नारायण सिंह और अमेठी जिले की मुसाफिरखाना कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मी, ऑडियो रिकॉर्ड करने वाले उस युवक हिमांशु को ही धमका रहे हैं, जिससे दारोगा हेम नारायण सिंह किसी भी कीमत पर पंडित जी को जेल भेजने के लिए तमंचा लाकर देने की जिद कर रहा था. मतलब चोरी की चोरी ऊपर से सीना जोरी? ऐसा क्यों क्या दारोगा को अभी भी कानून और खाकी का खौफ नही है?
पूछने पर उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक ने कहा, “इस वक्त दारोगा हेम नारायण सिंह के साथ कोतवाली मुसाफिरखाना के कई अन्य पुलिसकर्मियों की नींद उड़ी हुई होगी. हाल-फिलहाल वे अपने गले से फंदा निकालने के लिए किसी भी हद से नीचे गिर सकते हैं. ऑडियो रिकॉर्डिंग करने वाले यानी जिससे दारोगा देसी तमंचे का इंतजाम 2 घंटे के भीतर करने को कह रहा है, उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो अमेठी जिला पुलिस अफसरों की है. अगर अब इस मामले में आरोपी दारोगा बच गया तो समझिए कि, यूपी पुलिस की थोड़ी बहुत जो इज्जत बची भी थी, जनता की नजरों में वह इज्जत भी मिट्टी में मिलना तय है.”