बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की गोली मारकर हत्या, आखिर कब थमेगा पड़ोसी देश में हिंदुओं पर अत्याचार?
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार चिंता बढ़ा रही हैं. ताजा मामला मयमनसिंह जिले से सामने आया है, जहां ग्रामीण अर्धसैनिक बल के एक सदस्य की गोली लगने से मौत हो गई. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब इसी जिले में कुछ दिन पहले एक अन्य हिंदू नागरिक की हत्या की खबर ने पहले ही देशभर में आक्रोश पैदा किया था.;
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार चिंता बढ़ा रही हैं. ताजा मामला मयमनसिंह जिले से सामने आया है, जहां ग्रामीण अर्धसैनिक बल के एक सदस्य की गोली लगने से मौत हो गई. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब इसी जिले में कुछ दिन पहले एक अन्य हिंदू नागरिक की हत्या की खबर ने पहले ही देशभर में आक्रोश पैदा किया था.
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बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतक अंसार सदस्य की पहचान बृजेंद्र बिस्वास के रूप में हुई है. आरोप है कि उन्हीं के साथी नोमान मियां ने उन पर गोली चलाई. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच जारी है.
मयमनसिंह जिले में फैक्ट्री के भीतर हुई वारदात
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना सोमवार शाम करीब 6:30 बजे मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला स्थित मेहराबारी इलाके में सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड फैक्ट्री के अंदर हुई. फैक्ट्री की सुरक्षा के लिए वहां लगभग 20 अंसार सदस्यों की तैनाती थी. बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान बृजेंद्र बिस्वास और नोमान मियां एक साथ बैठे हुए थे, तभी अचानक विवाद के बाद गोली चलने की घटना हुई.
अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित
घटना के बाद घायल बृजेंद्र बिस्वास को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी उम्र करीब 40 वर्ष बताई जा रही है. बृजेंद्र बिस्वास, पिता पवित्र बिस्वास, सिलहट सदर उपजिला के कादिरपुर गांव के निवासी थे.
आरोपी नोमान मियां गिरफ्तार
इस मामले में आरोपी नोमान मियां को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह सुनामगंज जिले के ताहिरपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना के पीछे की वजहों की जांच की जा रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी हो चुकी है हिंसक घटना
गौरतलब है कि इसी मयमनसिंह जिले में कुछ दिन पहले दीपू चंद्र दास की हत्या की घटना सामने आई थी, जिसने पूरे इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया था। लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
अल्पसंख्यक सुरक्षा पर बढ़ी चिंता
इन घटनाओं के बाद मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग तेज हो गई है. प्रशासन की ओर से फिलहाल स्थिति पर नजर रखने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.