भारत से अल्लाह ने बचा लिया, पाकिस्तान को मिली ‘दैवीय मदद’; ऑपरेशन सिंदूर पर आसिम मुनीर का कबूलनामा
पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक टकराव को लेकर बड़ा बयान दिया है. इस्लामाबाद में नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दावा किया कि मई में भारत के साथ चार दिन चले सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को ‘दैवीय सहायता’ मिली. उन्होंने कुरान की आयतों का हवाला देते हुए कहा कि यह मदद उन्होंने खुद महसूस की. मुनीर ने अफगान तालिबान को TTP पर सख्त चेतावनी दी और कहा कि जिहाद का ऐलान केवल राज्य का अधिकार है.;
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक बयानबाज़ी लगातार चर्चा में बनी हुई है. अब इस कड़ी में पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज और फील्ड मार्शल Asim Munir का एक बयान नया विवाद खड़ा कर रहा है. इस्लामाबाद में आयोजित नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस के मंच से मुनीर ने दावा किया कि भारत के साथ मई में हुए सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तान को “दैवीय मदद” मिली, जिसे उन्होंने खुद महसूस किया.
मुनीर का यह बयान सिर्फ एक सैन्य टिप्पणी नहीं था, बल्कि इसमें धार्मिक संदर्भ, भारत-पाक संघर्ष, आतंकवाद, अफगानिस्तान और जिहाद जैसे संवेदनशील मुद्दों को एक साथ जोड़ दिया गया. उनके भाषण ने यह संकेत भी दिया कि पाकिस्तान की सेना अब सैन्य असफलताओं को आध्यात्मिक भाषा में ढकने की कोशिश कर रही है.
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नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस में ‘दैवीय मदद’ का दावा
इस्लामाबाद में हुई नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आसिम मुनीर ने कुरान की आयतें पढ़ीं और कहा कि भारत के साथ चार दिन चले संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की सेना को अल्लाह की विशेष मदद मिली. उन्होंने कहा, “हमने इसे देखा, हमने इसे महसूस किया. खुदा गवाह है कि उस कठिन समय में अल्लाह हमारे साथ था.”
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
भारत ने 7 मई को Operation Sindoor लॉन्च किया था. यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी. भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.
पाकिस्तान की बौखलाहट और भारत का जवाब
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा के पार नागरिक इलाकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. इसके जवाब में भारत ने कड़ा सैन्य प्रतिकार किया और पाकिस्तान के कई एयरबेस और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया. चार दिनों तक चले इस तनाव के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी.
आधुनिक पाकिस्तान की तुलना 1400 साल पुराने इस्लामिक राज्य से
अपने भाषण में आसिम मुनीर ने आधुनिक पाकिस्तान की तुलना 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद द्वारा अरब क्षेत्र में स्थापित इस्लामिक राज्य से की. उन्होंने कहा कि दुनिया में 57 मुस्लिम देश हैं, लेकिन पाकिस्तान को अल्लाह ने एक विशेष जिम्मेदारी दी है. उनके अनुसार, पाकिस्तान “हरमैन शरीफैन” यानी मक्का और मदीना के संरक्षकों में से एक है.
पाकिस्तान और इस्लाम को जोड़ने की कोशिश
मुनीर ने बार-बार कुरान और इस्लामी इतिहास का हवाला देकर कहा कि पाकिस्तान सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि इस्लाम के संरक्षण की एक अहम कड़ी है. आलोचकों का मानना है कि यह बयान सैन्य असफलताओं को धार्मिक भावनाओं के जरिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिश है.
अफगान तालिबान को खुली चेतावनी
पश्चिमी सीमा की सुरक्षा पर बोलते हुए मुनीर ने Tehrik-i-Taliban Pakistan (TTP) का मुद्दा उठाया. उन्होंने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से साफ कहा कि उसे पाकिस्तान और TTP में से किसी एक को चुनना होगा.
आतंकवाद में अफगान नागरिकों की भूमिका का आरोप
आसिम मुनीर ने दावा किया कि पाकिस्तान में घुसपैठ करने वाले आतंकियों में से करीब 70 प्रतिशत अफगान नागरिक हैं. उन्होंने सवाल उठाया, “क्या अफगानिस्तान हमारे बच्चों का खून नहीं बहा रहा?” इस बयान से पाकिस्तान-अफगानिस्तान रिश्तों में और तनाव बढ़ने के संकेत मिले हैं.
जिहाद पर फतवे को लेकर सख्त रुख
अपने भाषण के अंत में मुनीर ने कहा कि किसी भी इस्लामिक राज्य में जिहाद का ऐलान करने का अधिकार सिर्फ राज्य को होता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना सरकार और वैध सत्ता की अनुमति के कोई भी संगठन जिहाद का फतवा जारी नहीं कर सकता. यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान पर लंबे समय से आतंकवाद को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं.