कड़ाके की ठंड में ठिठुरते शेल्टर होम कितने सुरक्षित? कहीं बेड-कंबल तो कहीं बंद दरवाजे और मजबूरी, स्टेट मिरर की ग्राउंड रिपोर्ट
दिल्ली-एनसीआर में भीषण सर्दी के बीच सड़कों पर रहने वाले गरीबों के लिए Delhi Government ने शेल्टर होम बनाए हैं. लेकिन इनकी सुविधाओं पर सवाल उठते रहे हैं. स्टेट मिरर के जितेंद्र चौहान ने सराय काले खान, कश्मीरी गेट, कनॉट प्लेस और बंगला साहिब गुरुद्वारा सहित कई इलाकों में जाकर शेल्टर होम की जमीनी हकीकत देखी, कहीं बेड-कंबल और खाना, तो कहीं बंद दरवाजे और मजबूरी.
दिल्ली एनसीआर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. ऐसे में लोग घरों में रहकर सर्दी से बचाव कर लेते हैं लेकिन दिल्ली सड़कों पर रहने वाले गरीब लोगों को इस कड़ाके की सर्दी से बचाने के लिए राज्य सरकार ने दिल्ली के अलग अलग इलाकों में शेल्टर होम बनाएं हैं.
लेकिन दिल्ली के इन शेल्टर होम में मिलने वाली सुविधाओं पर अक्सर ये शिकायत मिलती रही है. ऐसे में स्टेट मिरर की टीम इस कड़ाके की ठंड में इन शेल्टर होम का जायजा लेने निकली है. आज हम आपकी दिखाएंगे दिल्ली के शेल्टर होम की सच्चाई और ज़मीनी हकीकत...
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सराय काले खां
सबके पहले स्टेट मिरर हिंदी की टीम दिल्ली के सराय काले खां इलाके में बने शेल्टर होम पहुंची और ज़्याज़ा लिया. इन शेल्टर होम की तस्वीरें ये बयां करने के लिए काफी है कि यहां रह रहे लोग इत्मीनान से सो रहे हैं. उनको सोने के लिए बेड और कंबल उचित मात्रा में दिया गया है. इन शेल्टर होम में रहने वाले लोगों को न सिर्फ रहने के लिए आश्रय दिया जाता है बल्कि दो टाइम का खाना भी मुहैया करवाया जाता है. हमने जब यहां रहने वाले लोगों से बात को तो उन्होंने शेल्टर होम में मिलने वालों सुविधा के बारे में बताया.
कश्मीरी गेट हनुमान मंदिर
यहां जब स्टेट मिरर की टीम पहुंची तो पहले हमें निराश हाथ लगी. शेल्टर होम का दरवाजा बंद पड़ा था बार बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी गेट नहीं खोला गया, कई बार प्रयास करने के बाद जब दूसरी तरफ बने दरवाजे को हमने खटखटाया तो अंदर से एक शख्स आया और फिर जो तस्वीर हमने देखी वो इस सेंटर की स्थिति बताने के लिए काफी है. एक ओर जहां दिल्ली में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जिससे बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. हालांकि इस ठंड में उनके पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है. हैरानी तो तब हुई जब ये लोग आग में प्लास्टिक जला रहे थे. उससे निकलने वाला काला धुआं बेहद ज़हरीला होता है और प्रदूषण को बढ़ाता है.
कनॉट प्लेस
दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में दिनभर गुब्बारे बेचकर अपना घर चलाने वाली पिंकी आज सड़क पर ही रात बिताने को मजबूर है. उसका कहना है कि वो दिनभर यहां गुब्बारे बेचती है और देर होने पर वो यहीं सड़क किनारे अपने घरवालों के साथ आग का सहारा लेकर सो जाती है. पिंकी का कहना है कि वो शेल्टर होम में नहीं जाती क्योंकि पहले एक बार किसी शेल्टर होम से उनके परिवार के बच्चे को किसी ने चुरा लिया था. अब पिंकी की बात में कितनी सच्चाई है वो जांच का विषय है. फिलहाल पिंकी इन सर्द रातों में अपने परिवार के साथ सड़क पर इन सर्द रात में अलाव के सहारे अपनी रात बिता रही है.
बांग्ला साहिब गुरुद्वारा
इसके साथ ही बांग्ला साहिब गुरुद्वारा में बने दिल्ली सरकार के शेल्टर होम में साफ सफाई, आग बुझाने के उपकरण, साफ पीने के पानी की सुविधा और साथ ही यहां रहने वाले लोगों के लिए प्राथमिक उपचार की भी सुविधा उपलब्ध है.
AIIMS दिल्ली
देश के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS में रोजाना हज़ारों की संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं. बाहर से अक्सर तस्वीरें सामने आती है कि इलाज करवाने के लिए जो लोग आते हैं उन्हें मजबूरन सड़क किनारे सोना पड़ता है. ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए शेल्टर होम लोगों के लिए नाकाफ़ी साबित होता है. लेकिन कुछ लोग खुश नसीब भी हैं जिन्हें इन शेल्टर होम में इन सर्द रातों में मरीज के साथ रहने के लिए आशियाना मिला गया है.