उत्तराखंड में अब सिर्फ स्थायी निवासी ही चला सकेंगे होमस्टे, बाहरी लोगों की चालबाजी पर लगेगी लगाम

उत्तराखंड सरकार ने होमस्टे योजना में गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए इसे केवल स्थायी निवासियों तक सीमित करने का फैसला किया है. कई बाहरी लोग होमस्टे रजिस्ट्रेशन लेकर उन्हें कमर्शियल तरीके से चला रहे थे, जिससे स्थानीय परिवारों को लाभ नहीं मिल पा रहा था. नए नियमों में होमस्टे को गैर-वाणिज्यिक श्रेणी में रखकर बिजली-पानी कर में छूट, पांच साल का रजिस्ट्रेशन और सख्त मॉनिटरिंग का प्रावधान किया गया है। 60 दिन में पंजीकरण न कराने वालों पर ₹1 लाख जुर्माना लगाया जाएगा.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 Sept 2025 6:11 PM IST

उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने अपनी होमस्टे योजना में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है. अब इस योजना का लाभ केवल राज्य के स्थायी निवासियों को मिलेगा. यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया है जिनमें सामने आया कि अन्य राज्यों के लोग यहां संपत्तियां खरीदकर उन्हें होमस्टे के नाम पर रजिस्टर करवा रहे थे, जबकि असल में वे उन्हें कमर्शियल प्रतिष्ठानों की तरह चला रहे थे.

पर्यटन विभाग के सचिव ने स्पष्ट किया कि कई ऑपरेटरों ने होमस्टे के नाम पर प्रॉपर्टी तो रजिस्टर करा ली, लेकिन न तो वे स्वयं वहां रहते हैं और न ही पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति का अनुभव करा पाते हैं. इसके बजाय वे वाणिज्यिक स्तर पर संचालन कर रहे हैं, बिजली-पानी के घरेलू कनेक्शन का गलत उपयोग कर रहे हैं और बाहर से स्टाफ रखकर इसे होटल की तरह चला रहे हैं.

नियमों में प्रस्तावित संशोधन

इससे उस मूल उद्देश्य को चोट पहुंच रही है, जिसके लिए यह योजना शुरू की गई थी यानी स्थानीय परिवारों को आय का साधन देना और पर्यटकों को असली गढ़वाली और कुमाऊंनी संस्कृति का अनुभव कराना. इन गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने उत्तराखंड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय पंजीकरण विनियमावली 2014 (संशोधित 2016) में बदलाव का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत,

  • होमस्टे को अब गैर-वाणिज्यिक इकाई माना जाएगा और इन्हें बिजली-पानी के करों से छूट मिलेगी.
  • होमस्टे का पंजीकरण अब पांच साल के लिए मान्य होगा और तय शुल्क देकर इसे आगे बढ़ाया जा सकेगा.
  • सख्त निगरानी तंत्र लागू किया जाएगा ताकि कोई भी योजना का दुरुपयोग न कर सके.

कार्रवाई की समय सीमा और दंड

जो होमस्टे अभी तक पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें 60 दिन की मोहलत दी गई है. इस अवधि में उन्हें नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यदि कोई इसका पालन नहीं करता है तो उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. लगातार उल्लंघन पर और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे.

राज्य में 5000 से अधिक होमस्टे

वर्तमान में उत्तराखंड में 5,000 से अधिक होमस्टे पंजीकृत हैं. पर्यटन विभाग ने इस सुधार प्रक्रिया में होमस्टे मालिकों, होटल एसोसिएशनों, टूर ऑपरेटरों और सरकारी अधिकारियों से व्यापक परामर्श किया है. जल्द ही इन संशोधनों को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा.

'इन बदलावों से योजना का मूल उद्देश्य फिर से जीवित होगा'

पर्यटन विभाग का मानना है कि इन बदलावों से योजना का मूल उद्देश्य फिर से जीवित होगा. स्थानीय परिवारों को स्थायी आय का स्रोत मिलेगा और पर्यटकों को उत्तराखंड की सच्ची सांस्कृतिक विरासत का अनुभव होगा. वहीं, बाहरी लोगों द्वारा हो रहे दुरुपयोग पर भी प्रभावी तरीके से रोक लग सकेगी.

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