उत्तराखंड में मानसून की मार! 79 मौतें, 90 लापता; सड़कें-पुल और घर बर्बाद, राज्य सरकार ने केंद्र से मांगे 5702 करोड़
उत्तराखंड सरकार ने इस साल मानसून से हुई भारी तबाही को लेकर केंद्र से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता मांगी है. राज्य में अब तक 79 लोगों की मौत, 115 घायल और 90 लापता हैं, जबकि हजारों मकान व व्यावसायिक इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं. आपदा से सार्वजनिक संपत्ति और विभागों को करीब 1944 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ है. सरकार का कहना है कि यह मदद न केवल पुनर्निर्माण बल्कि भविष्य में संभावित बाढ़ से बचाव के लिए भी ज़रूरी है.;
Uttarakhand disaster relief fund: उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से इस साल की बरसात से हुई तबाही की भरपाई और भविष्य में ढांचागत संरचनाओं को नुकसान से बचाने के लिए ₹5,702.15 करोड़ की विशेष सहायता मांगी है. आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग के अतिरिक्त सचिव को विस्तृत ज्ञापन भेजा है.
सुमन ने बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से राज्य के विभिन्न विभागों को भारी नुकसान पहुंचा है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग और सड़कों को हुआ है.
किस विभाग को कितना नुकसान हुआ?
- लोक निर्माण विभाग और सड़कों को लगभग ₹1,163.84 करोड़ का नुकसान
- सिंचाई विभाग को ₹266.65 करोड़,
- ऊर्जा विभाग को ₹123.17 करोड़,
- स्वास्थ्य विभाग को ₹4.57 करोड़,
- स्कूल शिक्षा विभाग को ₹68.28 करोड़,
- उच्च शिक्षा विभाग को ₹9.04 करोड़,
- मत्स्य विभाग को ₹2.55 करोड़,
- ग्रामीण विकास विभाग को ₹65.50 करोड़,
- शहरी विकास विभाग को ₹4 करोड़,
- पशुपालन विभाग को ₹23.06 करोड़ और
- अन्य विभागों को ₹213.46 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है।
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सभी विभागों को ₹1944 करोड़ का सीधा नुकसान
कुल मिलाकर सभी विभागों को लगभग ₹1,944.15 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है. इसके अलावा, राज्य सरकार ने केंद्र से ₹3,758 करोड़ अतिरिक्त सहायता मांगी है ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, आबादी वाले इलाकों और अन्य बुनियादी ढांचों को स्थिर किया जा सके. इस तरह कुल ₹5,702.15 करोड़ की मदद उत्तराखंड ने केंद्र से मांगी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 के बीच प्राकृतिक आपदाओं में 79 लोगों की मौत हुई, 115 लोग घायल हुए और 90 लोग लापता हैं. साथ ही, 3,953 छोटे-बड़े पशुओं की मौत हुई है.
इमारतों को भी पहुंचा व्यापक नुकसान
इमारतों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है. इसमें 238 पक्के भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए, 2 कच्चे मकान पूरी तरह ध्वस्त, 2835 पक्के भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त और 402 कच्चे मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा, बड़ी संख्या में दुकानें, होटल, होमस्टे, रेस्टोरेंट और वाणिज्यिक भवन भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.