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क्या उत्तराखंड में आने वाली है भयानक प्राकृतिक आपदा? वैज्ञानिकों ने भूकंप को लेकर दी बड़ी चेतावनी

Uttarakhand News: वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में अब जो भी भूकंप आएगा, उसकी तीव्रता करीब 7.0 होगी. 4.0 तीव्रता के भूकंप से जो वेव निकलती है, उससे करीब 32 गुना ज्यादा होगी. उत्तराखंड का भू-भाग पहले से ही भूकंप--जोन्स में शामिल है.

क्या उत्तराखंड में आने वाली है भयानक प्राकृतिक आपदा? वैज्ञानिकों ने भूकंप को लेकर दी बड़ी चेतावनी
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( Image Source:  canava )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 14 July 2025 12:34 PM IST

Uttarakhand News: उत्तराखंड में अक्सर बारिश से लैंडस्लाइड और बादल फटने की खबरें सामने आती हैं. मानसून में यहां के हालात और खराब हो जाते हैं. पिछले कुछ दिनों से रास्ते में पहाड़ से मलबा गिरने और नदी में बस गिरने की घटनाएं घटी. इस बीच वैज्ञानिकों ने बड़ी चेतावनी दी है. एक शोध में पता चला कि उत्तराखंड में बहुत भयानक भूकंप आ सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में कहा, हिमालयी क्षेत्र में प्लेटों के घर्षण के कारण ऊजा इकट्ठा हो रही है. इसलिए राज्य और आसपास के क्षेत्र में भूकंप के झटके महससू किए जा रहे हैं, लेकिन अगली बार जब भूकंप आएगा तो स्थिति बहुत खराब हो सकती है.

भूकंप को लेकर चेतावनी

देहरादून में वैज्ञानिकों ने भूकंप के मुद्दे पर मंथन किया है. वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG) के अनुसार, उत्तराखंड में अब जो भी भूकंप आएगा, उसकी तीव्रता करीब 7.0 होगी. 4.0 तीव्रता के भूकंप से जो वेव निकलती है, उससे करीब 32 गुना ज्यादा होगी. अभी जो भूकंप आ रहे हैं उनकी संख्या इतनी ज्यादा नहीं है, लेकिन जो अगली बार आएगा उससे प्रभाव बहुत ज्यादा हो सकता है.

राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार छोटे भूकंप आ रहे हैं. इस पर वैज्ञानिकों का मानना है कि बड़े भूकंप आने से कुछ साल या महीने पहले छोटे भूकंप आते हैं. जैसा उत्तराखंड में अभी हो रहा है.

6 महीने में इतनी बार आए भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, उत्तराखंड में पिछले 6 महीने में 22 बार भूकंप आए हैं, जिसकी रिक्टेल स्केल पर तीव्रता 1.8 से 3.6 तक मापी गई. इनसे उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भकूंप के झटके महससू किए गए. प्रदेश में 4 से 5 भूकंप के जोन हैं. वैज्ञानिक जल्द की बड़े भूकंप की आशंका जता रहे हैं.

बता दें कि उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों में 169 जगहों पर सेंसर लगाए गए हैं, जिनकी मदद से 5 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आने से 15 से 30 सेकंड पहले अलर्ट कर देगा कि भूंकप जैसी घटनाएं घट सकती हैं. लोगों को मोबाइल पर भूदेव ऐप के जरिए नोटिफिकेशन मिल जाएगा. बता दें कि 19 जून 2025 को डिवाइस में दर्ज हुआ कि उत्तराखंड का 250 किमी लंबा भू-क्षेत्र (कुमायूं से देहरादून तक) एक जोन बन चुका है. यहां पर भूकंप आने का सबसे ज्यादा खतरा है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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