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केदारनाथ-हेमकुंड की चढ़ाई अब होगी आसान, रोपवे से सीधे पहुंचेंगे भक्त, धामी सरकार का श्रद्धालुओं को तोहफा

उत्तराखंड सरकार और एनएचएलएमएल की साझेदारी से बनने वाले ये रोपवे परियोजनाएं राज्य के धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी. ये परियोजनाएं न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि रोजगार और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगी.

केदारनाथ-हेमकुंड की चढ़ाई अब होगी आसान, रोपवे से सीधे पहुंचेंगे भक्त, धामी सरकार का श्रद्धालुओं को तोहफा
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 19 Oct 2025 6:11 PM IST

उत्तराखंड की खूबसूरत पहाड़ियां, नदियां और धार्मिक स्थल हमेशा से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. अब यहां आने वाली यात्राएं और भी आसान और सुरक्षित होने वाली हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में मंगलवार को राज्य सरकार और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ.

इस समझौते के तहत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब तक आधुनिक रोपवे बनाए जाएंगे. इन रोपवे की मदद से श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा और सुरक्षा मिलेगी, साथ ही पर्यटन को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी.

साझेदारी और निवेश का विवरण

इस प्रोजेक्ट में एनएचएलएमएल की 51% और उत्तराखंड सरकार की 49% हिस्सेदारी होगी. राजस्व से मिलने वाली राशि का 90% हिस्सा राज्य के पर्यटन, परिवहन और गतिशीलता से जुड़े कामों में लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी दी कि सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा, जिस पर करीब 4100 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर का रोपवे बनेगा, जिसकी लागत 2700 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी.

धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये रोपवे प्रोजेक्ट्स सिर्फ धार्मिक यात्रा को आसान नहीं बनाएंगी, बल्कि राज्य की संस्कृति और पर्यटन धरोहर को भी नई पहचान देंगी. साथ ही, ये प्रोजेक्ट रोजगार के नए अवसर और पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार साबित होंगे. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इसे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि चारधाम ऑलवेदर रोड, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, सितारगंज-टनकपुर मोटर मार्ग और पौंटा साहिब-देहरादून मार्ग जैसी योजनाओं के बाद ये रोपवे प्रोजेक्ट्स राज्य में रेल, सड़क और रोपवे कनेक्टिविटी को और ज्यादा मजबूत करेंगे.

केंद्रीय और राज्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि इन रोपवे परियोजनाओं से श्रद्धालुओं को सुविधा और सुरक्षा दोनों मिलेंगी. अधिकारियों और विशेषज्ञों की मौजूदगी में हुए इस समझौते को उत्तराखंड के पर्यटन और धार्मिक यात्रा के लिए नए युग की शुरुआत माना जा रहा है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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