BBA स्टूडेंट की हत्या में बड़ा खुलासा, आरोपी एक साल बाद मिला जिंदा, पुलिस ने मान लिया था मरा
उत्तराखंड से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. मामला यह है कि धारचूला में बीबीए स्टूडेंट की हत्या के एक साल बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. जबकि शुरुआती रिपोर्ट में पुलिस ने कहा था कि युवक ने उफनती नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. अब जांच में सामने आया कि छात्र की हत्या साजिश थी.;
उत्तराखंड के धारचूला कस्बे में बीबीए की पढ़ाई कर रही छात्र की हत्या ने प्रदेश को हिलाकर रख दिया था. एक साल तक यह मामला रहस्य बना रहा, लेकिन अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. धारचूला पुलिस ने शुरू में कहा गया था कि मृतक ने उफनती नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. अब सच्चाई कुछ और ही सामने आई है. जानिए, क्या है पूरा मामला.
उत्तराखंड के धारचूला में एक साल पहले बीबीए की पढ़ाई कर रही छात्र की हत्या हुई थी. उस समय स्थानीय लोगों और पुलिस को जानकारी मिली थी कि आरोपी युवक उफनती नदी में कूदकर भागने की कोशिश की, लेकिन उसकी भी तेज बहाव वाले पानी में डूबकर मौत हो गई. पुलिस ने भी अपनी शुरुआती रिपोर्ट में आरोपी को मरा मान लिया, लेकिन जब सच सामने आया तो सभी भौचक्के रह गए. फिलहाल, आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस आगे जांच में जुटी है. आरोपी के बाकी साथियों या साजिश में शामिल लोगों की भी पहचान की जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
15 जून, 2024 को उत्तराखंड के धारचूला में अपनी दुकान पर बैठी ममता देवी को अपने पड़ोसी का फोन आया. फोन पर पड़ोसी ने बताया कि उसके 17 वर्षीय भतीजे को चाकू मार दिया गया है. उसकी गर्दन से बहुत खून बह रहा है. उस समय 17 वर्षीय आरोपी को भी पीड़िता की बहन के साथ खून का बहाव रोकने की कोशिश करते देखा गया.
कुछ देर बाद वह घर से भाग गया, लेकिन तब तक लोग बाहर जमा हो गए थे. आरोपी ने बचने की कोशिश में गौरी गंगा नदी के उफनते पानी में कूद गया. उस समय आरोपी का कुछ पता नहीं चला. पुलिस और स्थानीय लोगों ने उसे मरा मान लिया था. आरोपी एक साल से ज्यादा समय तक लापता रहा.
हत्या के वक्त नाबालिग था आरोपी
धारचूला थाने के प्रभारी निरीक्षक हरिंदर नेगी ने बताया कि अब 18 वर्षीय आरोपी ने किशोर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. जब उसके वकील ने यह साबित कर दिया कि अपराध के समय वह नाबालिग था, जैसा कि उसके दसवीं कक्षा के प्रमाण पत्र से पता चलता है. एक महीने पहले स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 84 (किसी फरार व्यक्ति के खिलाफ सार्वजनिक उद्घोषणा नोटिस जारी करना) के तहत एक नोटिस जारी किया था. पुलिस ने जब्ती के लिए उसकी पारिवारिक संपत्ति की भी पहचान की थी.
थाना प्रभारी हरिंदर नेगी ने कहा, "पीड़ित के परिवार ने हमें बताया था कि वह जिंदा है और नेपाल में छिपा है. बाद में हमने नोटिस जारी किया और वह वापस आ गया." बीते शनिवार को आरोपी अपने वकील के साथ मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुआ. नेगी ने कहा, "हमने अपराध के मकसद का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ करने के लिए उसकी हिरासत मांगी है." पुलिस अभी तक घटनाओं का क्रम और मकसद पता नहीं लगा पाई है.
इस मामले में पीड़ित जो देहरादून में बीबीए की पढ़ाई कर रहा था, ने पिछले साल अपनी मौसी ममता देवी को फोन करके उत्तराखंड की राजधानी में पड़ रही भीषण गर्मी की शिकायत की थी. मौसी ने उसे पिथौरागढ़ के धारचूला में कुछ समय के लिए उनके साथ रहने के लिए आने को कहा था. उसकी बहन पहले से ही ममता देवी के साथ रह रही थी.
ममता देवी के अनुसार, "वह देहरादून में अकेला था और हॉस्टल में रहने के कारण उसे घर की याद आ रही थी. हम उसके साथ खुश थे, क्योंकि उसकी बहन भी हमारे साथ रहती है. 11 जून को वह घर आया."
चार दिन बाद सुबह करीब 10.25 बजे देवी अपनी दुकान पर थी, तभी उसे अपने पड़ोसी का फोन आया. देवी की पुलिस शिकायत के अनुसार, "उसने मुझे बताया कि मेरे भतीजे पर चाकू से हमला हुआ है और उसका खून बहुत ज्यादा बह रहा है. जब मैं घर पहुंची, तो मेरी भतीजी वहां थी. मैंने देखा कि मेरा भतीजा खून से लथपथ था.
स्थानीय लोगों की मदद से मैं उसे सरकारी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया." शिकायत के आधार पर हत्या के आरोपों के तहत पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
ममता देवी ने अपनी शिकायत में कहा था कि जब उसकी भतीजी मौके पर पहुंची तो उसने देखा कि आरोपी उसके भाई के ऊपर घुटनों के बल बैठा खून बहने से रोकने की कोशिश कर रहा था. उसने शिकायत में आगे कहा, "मेरी भतीजी को देखकर आरोपी मौके से भाग गया."