बिना दूध खरीदे कंपनी ने बनाए करोड़ों के नकली घी, 5 साल तक तिरुपति मंदिर को किया सप्लाई... SIT की जांच में चौंकाने वाले खुलासे

CBI की SIT जांच में खुलासा हुआ कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी ने पांच साल तक तिरुपति मंदिर को लगभग 68 लाख किलो नकली घी सप्लाई किया. कंपनी ने दूध खरीदे बिना रासायनिक मिश्रण से घी तैयार किया और 250 करोड़ रुपये का घोटाला किया. जांच में फर्जी दस्तावेज, नकली यूनिट्स और तेल-केमिकल सप्लाई चेन का खुलासा हुआ है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 10 Nov 2025 5:34 PM IST

Tirupati Mandir Laddu Scam, Bhole Baba Dairy, Fake Ghee Case:  देश के सबसे धनी और प्रतिष्ठित मंदिर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में श्रद्धालुओं को मिलने वाले प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है. CBI की विशेष जांच टीम (SIT) ने खुलासा किया है कि उत्तराखंड स्थित ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’ नाम की कंपनी ने पांच साल तक मंदिर को नकली घी की सप्लाई की. जांच में सामने आया है कि कंपनी ने 2019 से 2024 के बीच लगभग 68 लाख किलो नकली घी मंदिर को सप्लाई किया, जिसकी कुल कीमत करीब 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

SIT ने अजय कुमार सुगंध नामक सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया. सुगंध कंपनी को मोनोडिग्लिसराइड्स, एसेटिक एसिड एस्टर और अन्य केमिकल सप्लाई करता था. जांच में सामने आया कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी, जिसे पोमिल जैन और विपिन जैन ने उत्तराखंड के भगवानपुर में स्थापित किया था, ने कभी दूध या मक्खन की एक बूंद भी नहीं खरीदी. इसके बावजूद कंपनी ने TTD को लाखों किलो घी की सप्लाई की.


कैसे रचा गया ‘फर्जी घी’ का जाल?

SIT के अनुसार, जैन बंधुओं ने एक बीमार (सिक) डेयरी यूनिट को खरीदकर उसका नाम हर्ष फ्रेश डेयरी रखा, जो भोले बाबा डेयरी से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर थी. इसी के नाम पर उन्होंने दिल्ली की Budges and Budges Company से पाम ऑयल और पाम कर्नेल ऑयल की भारी मात्रा में खरीद की. साथ ही उन्होंने अजॉय सुगंध और दिल्ली की Aristo Chemicals जैसी कंपनियों से रासायनिक पदार्थ, जैसे- लैक्टिक एसिड, बीटा कैरोटीन, कृत्रिम घी एसेंस आदि मंगवाए.


इन सभी तेलों और केमिकल्स को हर्ष फ्रेश डेयरी से भोले बाबा डेयरी प्लांट में लाया जाता था, जहां इनका मिश्रण कर नकली देशी घी बनाया जाता था. इस फर्जी घी को TTD को “ऑर्गेनिक घी” बताकर बेचा जाता था.

जांच में सामने आई फर्जी दस्तावेज़बाज़ी

SIT की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने दूध खरीद और भुगतान के फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए थे. जब जांच टीम ने स्थानीय किसानों से पूछताछ की, तो यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी ने कभी उनसे दूध खरीदा ही नहीं. फिलहाल CBI और ACB कोर्ट के निर्देश पर SIT इस पूरे घोटाले की गहराई से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है, जिन्होंने इस घोटाले को छुपाने में भूमिका निभाई.

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