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भगवान के घर चोरी! तिरुपति बालाजी मंदिर का क्‍लर्क कैसे बन गया करोड़पति?

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के क्लर्क रवि कुमार ने 20 सालों तक श्रद्धालुओं के चढ़ावे से करोड़ों रुपये चुराए. उन्होंने ₹14 करोड़ की संपत्तियां खरीदी, जो अब ₹140 करोड़ की हैं. 2023 में कुछ संपत्तियां TTD को दान की गईं और लोक अदालत में समझौते के बाद रवि कुमार को बरी कर दिया गया. मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

भगवान के घर चोरी! तिरुपति बालाजी मंदिर का क्‍लर्क कैसे बन गया करोड़पति?
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( Image Source:  X/@nitin_gadkari )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 29 Sept 2025 12:54 PM

तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के शांत गलियारों में दशकों तक एक रहस्य छिपा था, जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. हर दिन 60,000 से 1 लाख भक्त मंदिर आते हैं और श्रीवरी हुंडी में पैसे, सोना, आभूषण और यहां तक कि मोबाइल फोन भी चढ़ाते हैं. लेकिन अधिकांश भक्तों को यह नहीं पता था कि मंदिर का एक लोअर लेवल का क्लर्क, रवि कुमार, इन चढ़ावे से लंबे समय तक करोड़ों रुपये चुरा रहा था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 20 साल से कुछ ज्‍यादा की उम्र में रवि कुमार ने पेड्डा जीयनागार मठ में काम शुरू किया. उन्हें मंदिर के सबसे संवेदनशील कार्यों में से एक - दैनिक चढ़ावे की गिनती - की जिम्मेदारी दी गई थी, जो ₹4 करोड़ से ₹16 करोड़ तक प्रतिदिन होती थी. तीन दशकों तक, उन्होंने खुद को कड़ी मेहनत करने वाले, निष्ठावान कर्मचारी के रूप में प्रस्तुत किया. लेकिन 29 अप्रैल 2023 को उनकी यह इमेज बदल गई. मंदिर के सीसीटीवी निगरानी अधिकारी ने देखा कि रवि कुमार नए स्थानांतरित पराकमणी परिसर में अजीब व्यवहार कर रहे थे. 22,000 वर्ग फुट के इस परिसर की 108 कैमरों से निगरानी की जाती है और इसमें मंदिर की सभी हुंडियों का प्रबंधन होता है. सुरक्षा जांच में रवि के पास नौ अमेरिकी $100 बिल छिपे हुए पाए गए.

सुरक्षा अधिकारियों के लिए यह केवल एक छोटे स्तर की गलती नहीं थी. रवि कुमार ने सिर्फ 20 सालों से चोरी कर रहे होने की बात स्वीकार कर अधिकारियों को चौंका दिया.

नकदी से करोड़ों तक - छिपा हुआ खजाना

चुराए गए पैसों का इस्तेमाल कर, रवि कुमार ने तिरुपति, चेन्नई और हैदराबाद में कई संपत्तियां खरीदी. शुरुआत में इनकी कीमत ₹14 करोड़ थी, लेकिन 2023 तक इनकी कीमत लगभग ₹140 करोड़ पहुंच गई. हालांकि, मामला और भी पेचीदा हो गया. 19 मई 2023 को रवि कुमार और उनकी पत्नी ने तिरुपति में पांच और चेन्नई में दो संपत्तियां TTD को दान कर दीं. TTD अध्यक्ष YV सुब्बा रेड्डी ने इसे स्वीकार किया. 30 मई को तिरुपति पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, लेकिन सितंबर में रवि कुमार और शिकायतकर्ता TTD सहायक निगरानी अधिकारी Y सतिश कुमार ने लोक अदालत में समझौता करने का अनुरोध किया. इसके बाद मामला निर्विरोध रूप से निपटा, और रवि कुमार जेल में एक रात भी नहीं गुजारे.

राजनीतिक ट्विस्ट

2024 में, जब चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने आंध्र प्रदेश की सत्ता संभाली, मंदिर में कथित दुराचार और भ्रष्टाचार की जांच तेज़ हो गई. इसमें तिरुपति लड्डू मिलावट जैसे आरोप भी शामिल थे. सतिश कुमार ने बाद में कहा कि उन्हें पुलिस से अत्यधिक दबाव में समझौता करना पड़ा. तिरुपति के पत्रकार एम. श्रीनिवास राव ने लोक अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की. 19 सितंबर 2025 को हाई कोर्ट ने यह आदेश रद्द कर दिया और CID को सभी केस रिकॉर्ड्स जब्त करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 13 अक्टूबर 2025 को होगी.

TTD अधिकारियों की प्रतिक्रिया

पूर्व TTD अधिकारियों ने समझौते का बचाव किया, यह दावा करते हुए कि यह मानवीय कारणों से किया गया. उनका कहना था कि रवि कुमार का परिवार आत्महत्या की कगार पर था और संपत्तियों का दान भक्ति का संकेत था. पूर्व अध्यक्ष भुमाना करुणाकर रेड्डी ने कहा कि ₹40 करोड़ की संपत्ति का दान इन परिस्थितियों में उचित था.

लेकिन वर्तमान TTD अध्यक्ष बीआर नायडू और BJP बोर्ड सदस्य जी. भानुप्रकाश रेड्डी ने निर्णय की कड़ी आलोचना की. उनका कहना है कि गहन जांच क्यों नहीं हुई और रवि कुमार के पास अभी भी सात अन्य संपत्तियां और लग्जरी वाहन जैसे मर्सिडीज़ और वोल्वो मौजूद हैं. भानुप्रकाश ने विजयनगर साम्राज्य के ऐतिहासिक उदाहरण भी दिए, जब मंदिर के आभूषण चुराने वाले दोषियों को मृत्युदंड दिया जाता था.

हुंडी जिसने रहस्य छुपाया

रवि कुमार की कहानी तिरुपति मंदिर में चढ़ावे के विशाल पैमाने की याद दिलाती है. प्रतिदिन 13 हुंडियां, कभी-कभी हर दो घंटे में भरी जाती हैं, जिनमें सिक्के, नोट और विदेशी मुद्रा शामिल होती है. इन चढ़ावों की गिनती, वर्गीकरण और बैंक में हस्तांतरण 250 से अधिक कर्मचारियों की टीम द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद, एक व्यक्ति ने दशकों तक इस प्रणाली का लाभ उठाकर चोरी की और पकड़ में नहीं आया.

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