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तिरुपति लड्डू विवाद: घी की शुद्धता पर सवाल! टीटीडी ने दी सफाई

तिरूपति लड्डू के बीच टीटीडी ने दावा किया कि आपूर्तिकर्ता ने कम कीमतों के लिए बोली का लाभ उठाया है. इससे पहले, Karnataka Milk Federation(KMF) ने कम कीमतों पर घी की आपूर्ति करने में असमर्थता का हवाला देते हुए इससे इंकार कर दिया था.

तिरुपति लड्डू विवाद: घी की शुद्धता पर सवाल! टीटीडी ने दी सफाई
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Tirumala Mandir Pic Credit- Social Media
प्रिया पांडे
By: प्रिया पांडे

Published on: 22 Sept 2024 4:19 PM

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शनिवार को कहा कि श्रीवारी लड्डू की शुद्धता "बरकरार" है. इससे पहले, मंदिर बोर्ड ने लड्डू में मिलावट की जांच के लिए "इन-हाउस मिलावट जांच मशीन" स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी, ताकि मंदिर में खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया जा सके.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान मंदिर में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया, जिसमें जानवरों की चर्बी मिली थी. नायडू ने गुजरात की एक लैब रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि घी में मछली का तेल, बीफ टैलो और सूअर की चर्बी के निशान पाए गए.

बीफ टैलो क्या है?

बीफ टैलो गोमांस के टुकड़ों से निकाली गई वसा से बनाई जाती है. इसे मांस से वसा को गर्म करके निकाला जाता है, जो ठंडा होने पर मक्खन जैसी स्थिरता में बदल जाती है.

क्या कम कीमतों की वजह से हुई मिलावट?

तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर फूड्स कंपनी इस विवाद के केंद्र में है. इस कंपनी ने ₹320 प्रति लीटर की सबसे कम बोली लगाई थी. कंपनी की प्रवक्ता ने तमिल चैनल से बात करते हुए कहा, "हमने जून-जुलाई तक टीटीडी को घी की आपूर्ति की थी, उसके बाद बंद कर दी. हमारा 30 साल का इतिहास है और हम किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं करते."

कंपनी ने यह भी कहा कि उन्होंने टीटीडी को आपूर्ति की गई मात्रा का केवल 0.1% घी ही दिया था और इसके लिए सभी आवश्यक परीक्षण किए थे. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मछली के तेल का उपयोग घी में मिलावट के रूप में नहीं हो सकता क्योंकि वह घी से महंगा है और गंध से तुरंत पहचाना जा सकता है.

टीटीडी की जांच और कार्रवाई

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने कहा कि लैब परीक्षणों ने घी में जानवरों की चर्बी की मिलावट की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि आपूर्तिकर्ता ने ₹320 से ₹411 प्रति लीटर के मूल्य पर घी की आपूर्ति की, जिसे शुद्ध गाय के घी के लिए अनुपयुक्त बताया गया.

घी आपूर्ति में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का असहमति

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने भी 2023 में कम कीमतों पर घी की आपूर्ति को अव्यवहारिक बताते हुए कॉन्ट्रेक्ट से बाहर हो गया था. हालांकि, नायडू के निर्देशों के बाद केएमएफ ने पिछले महीने से टीटीडी को फिर से घी की आपूर्ति शुरू की.

राजनीतिक विवाद और कोर्ट का हस्तक्षेप

नायडू के आरोपों पर वाईएसआरसीपी ने पलटवार करते हुए कहा कि नायडू इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं ताकि बाढ़ राहत में उनकी सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाया जा सके. वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में इस मुद्दे की जांच के लिए याचिका भी दायर की है. अदालत ने 25 सितंबर को इस पर सुनवाई की तारीख तय की है.

आगे की कार्रवाई

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि उनकी सरकार पुजारियों और हिंदू धर्म विशेषज्ञों से परामर्श करेगी ताकि यह निर्णय लिया जा सके कि आगे क्या कदम उठाए जाएं और धार्मिक शुद्धिकरण कैसे किया जाए.

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