उत्तराखंड के मदरसों में घोटाले का पर्दाफाश, मिड डे मील के नाम पर लाखों रुपये हो रहे गबन, छापेमारी में खुले कई राज़

उत्तराखंड सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड को भंग करने की घोषणा के बाद प्रदेशभर के मदरसों में हलचल तेज हो गई है. इसी माहौल में रुड़की में एक चौंकाने वाली कार्रवाई हुई. बुधवार को शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों ने चार मदरसों में औचक छापेमारी कर कई बड़े अनियमितताओं का पर्दाफाश किया.;

( Image Source:  AI Perplexity )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 9 Oct 2025 1:23 PM IST

उत्तराखंड के मदरसों में मिड डे मील और अन्य सरकारी सुविधाओं के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. राज्य सरकार के मदरसा बोर्ड भंग करने की घोषणा के बाद शिक्षा विभाग ने रुड़की के चार मदरसों में अचानक छापेमारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए.

जांच में पता चला कि कई ऐसे छात्र जिनकी पढ़ाई सालों पहले ही बंद हो चुकी थी, उनके नाम पर मिड डे मील का पैसा लिया जा रहा था, जो सीधे मैनेजर के खातों में जमा हो रहा था.

मिड डे मिल के नाम पर फर्जीवाड़ा

तूल आलीम पब्लिक स्कूल में दस्तावेजों की जांच के दौरान मदरसे से पढ़े हुए पुराने बच्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है. आज भी उनके नाम रजिस्टर में लिखे गए हैं. इन्ही बच्चों के नाम पर मिड मिल योजना के तहत पैसों का घोटाला किया जा रहा है. करीब तीन लाख रुपये के चेक सीधे मदरसा मैनेजर के खाते में जमा किए जा चुके हैं. इसके अलावा, राशन और बिल से जुड़े किसी भी तरह के दस्तावेज वहां मौजूद नहीं थे, जिससे गड़बड़ी साफ जाहिर हो गई.

75 बच्चों में से सिर्फ 2 थे0 मौजूद

दूसरी टीम ने ग्रीन पार्क स्थित मदरसा जामिया फैज-ए-आम में छापेमारी की. जहां 75 बच्चों में से केवल 20 से 25 छात्र ही नजर आए. सबसे हैरानी की बात यह है कि पूछताछ के दौरान इनमें से भी किसी को बाकी साथियों के बारे में जानकारी नहीं थी. इतना ही नहीं, सरकार द्वारा बच्चों को दिए गए मिड डे मील के बर्तन तक गायब थे. 

सोत मोहल्ले में सब व्यवस्था दुरुस्त

सोत मोहल्ला स्थित मदरसा मकदूम बक्श में टीम ने जब निरीक्षण किया, तो सभी व्यवस्थाएं सही पाई गईं. यहां दस्तावेज, छात्र उपस्थिति और मिड डे मील से जुड़ी व्यवस्था पूरी तरह से नियमों के अनुसार थी.

आगे की कार्रवाई

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट ने बताया कि छापेमारी की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और फिर सीनियर ऑफिशियल को भेजने का काम किया जाएगा. यह छापेमारी न केवल मिड डे मील योजना में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सरकारी योजनाओं की सही निगरानी कितनी जरूरी है. आने वाले दिनों में इन मदरसों पर प्रशासन की और सख्त नजर रहेगी.

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