हाथों में किताबों की जगह बजरी का तसला ढोते स्कूली छात्र! देहरादून के स्कूल से वीडियो हुआ वायरल, मौन रहे शिक्षा मंत्री
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के बंजरवाला से चाइल्ड लेबर का एक वीडियो सामने आया है. जहां स्कूल में पढ़ने गए छात्र मजदूरी करते नजर आए. किस ने इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. अब इस तरह की लापरवाही की जमकर आलोचना हो रही है.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. यहां एक स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही थी, और इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो बंजारा वाला क्षेत्र के एक स्कूल का है. किसी व्यक्ति ने अपने घर की छत से यह वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डाल दिया, जिसके बाद यह वायरल हो गया.
वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कम उम्र के मासूम बच्चे बजरी (रेत-पत्थर) को परातों में भरकर ढोने का काम कर रहे हैं, जैसे कोई मजदूर काम करता है. इन बच्चों की उम्र इतनी कम है कि उन्हें स्कूल में खेलते-कूदते और पढ़ते हुए होना चाहिए था, लेकिन वे भारी भरकम काम करने पर मजबूर दिख रहे हैं.
शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
जब यह मामला सामने आया, तो एबीपी लाइव की टीम ने इस पर उत्तराखंड के डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन मुकुल सती से बात की. उन्होंने कहा कि यह वीडियो अब उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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धन सिंह रावत ने बात करने से किया इंकार
वहीं, जब चैनल ने इस मुद्दे पर राज्य के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया. मंत्री ने कहा, 'इस बारे में आप डायरेक्टर एजुकेशन से बात कर लीजिए, मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहूंगा.' उनका यह बयान लोगों के बीच और भी सवाल खड़े कर रहा है कि आखिर जब मामला शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के शोषण से जुड़ा है, तो मंत्री जी क्यों चुप हैं?.
छात्रों से गाड़ी धुलवाते है शिक्षक
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब उत्तराखंड से बालश्रम (Child Labour) से जुड़ा वीडियो सामने आया है. इससे पहले भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक शिक्षक स्कूल के बच्चों से अपनी गाड़ी धुलवा रहा था. ऐसे मामलों ने प्रदेश की शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार और प्रशासन की तरफ से समय-समय पर बालश्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान और सख्त निर्देश जारी किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. राजधानी देहरादून जैसे शहर से इस तरह का वीडियो सामने आना यह साबित करता है कि इन अभियानों का प्रभाव बहुत सीमित है.
शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसे मामलों में जिम्मेदारी किसकी है? क्या शिक्षा विभाग निगरानी में नाकाम हो रहा है? क्या मंत्री की चुप्पी इस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश है? इन सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन इतना जरूर है कि इस घटना ने उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था पर एक गहरा सवालिया निशान लगा दिया है.