देहरादून के सरकारी टीचर ने कैसे कर दी 15000 लोगों के साथ धोखाधड़ी? ठग लिए 47 करोड़ रुपये
आरोपी शिक्षक का नाम विनोद कुमार है. वह पौड़ी गढ़वाल का निवासी है और देहरादून के कुंज विहार, पटेलनगर में रहते हैं. उनके दो बच्चे हैं, जो उत्तराखंड के एक नामी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं.

देहरादून से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक सरकारी शिक्षक पर 15 हजार लोगों को निवेश के नाम पर ठगने का आरोप है. बताया जा रहा है कि इस शिक्षक ने अपनी पत्नी और परिवार के सदस्यों के नाम पर बनाई तीन कंपनियों के माध्यम से लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद एसएसपी अजय सिंह ने पूरी जांच शुरू कर दी है. पीड़ितों का कहना है कि आरोपी शिक्षक ने सर्व माइक्रो फाइनेंस इंडिया एसोसिएशन कंपनी, दून समृद्धि निधि लिमिटेड और दून इन्फ्राटेक कंपनी के जरिये यह ठगी की.
इन कंपनियों की स्थापना 2021 में की गई थी. लोगों को इन कंपनियों में दैनिक जमा, आवृत्ति जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, मंथली इन्वेस्टमेंट और सुकन्या योजना में पैसे लगाने के लिए अतिरिक्त ब्याज या मुनाफे का प्रलोभन दिया गया. कई निवेशकों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों का पैसा भी जमा कर दिया. चार साल में इन कंपनियों के माध्यम से लगभग 150 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ और लोगों को कुल मिलाकर 47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
पीड़ितों की हालत
शनिवार को 50 से अधिक लोग एसएसपी से मिलने पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई. कई निवेशक बैंक से लोन लेकर पैसा निवेश कर चुके थे और अभी भी उसकी किश्त चुकाते रहे हैं. कुछ महिलाएं रोते-रोते बताती रहीं कि उन्हें गिरफ्तारी का डर लग रहा है और घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. एसएसपी अजय सिंह ने उन्हें निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया.
आरोपी और परिवार
जानकारी के मुताबिक, आरोपी शिक्षक का नाम विनोद कुमार है. वह पौड़ी गढ़वाल का निवासी है और देहरादून के कुंज विहार, पटेलनगर में रहते हैं. उनके दो बच्चे हैं, जो उत्तराखंड के एक नामी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं. पीड़ितों ने बताया कि आरोपी ने उन्हें कुमाऊं में रियल एस्टेट में निवेश करने का दावा किया. आरोप है कि जमा रकम का कुछ हिस्सा फ्लैट निर्माण में लगाया गया, जबकि शेष पैसा लोगों को लौटाया नहीं गया.
एसएसपी की कार्रवाई
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है. उनके निर्देश पर इन कंपनियों के दो बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, जबकि अन्य छह बैंक खातों का पता लगाकर कार्रवाई की जा रही है. एसएसपी ने यह भी बताया कि मुख्य संचालकों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.