गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो का करीबी, 46 मुकदमे... फिल्मी अंदाज में मारी गई गोली, 16 साल की उम्र में पहला अपराध करने वाले विनय त्यागी की कुंडली

अपराध जगत में जिस नाम से डर और दहशत जुड़ी रही है, वह है गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो का करीबी विनय त्यागी 46 आपराधिक मुकदमों वाला यह शख्स एक बार फिर सुर्खियों में है, जब रुड़की में पेशी पर ले जाते वक्त उस पर फिल्मी अंदाज में गोलियां बरसाई गईं. यह हमला सिर्फ एक वारदात नहीं, बल्कि उस लंबी आपराधिक यात्रा का हिस्सा है, जिसकी जड़ें दशकों पीछे तक फैली हुई हैं.;

( Image Source:  x-@gharkekalesh )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 25 Dec 2025 2:17 PM IST

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में बुधवार दोपहर जो हुआ, उसने एक बार फिर उत्तर भारत की अंडरवर्ल्ड राजनीति और गैंगवार की पुरानी कहानी को सतह पर ला दिया. पेशी के लिए ले जाए जा रहे कुख्यात अपराधी विनय त्यागी पर दिनदहाड़े गोलियों की बरसात हुई. 

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यह हमला सिर्फ एक कैदी पर नहीं था, बल्कि उस अपराध गाथा का नया अध्याय था, जिसकी शुरुआत महज 16 साल की उम्र में हो चुकी थी. विनय त्यागी को फिल्मी स्टाइल में मौत के घाट उतारा गया. जहां अचानक से ब्रिज पर जाम लग गया और फिर अंधाधुंध फायरिंग हुई. 

पेशी पर हमला: जाम में फंसा वाहन और ताबड़तोड़ फायरिंग

बुधवार दोपहर रुड़की कारागार से लक्सर कोर्ट ले जाए जा रहे पुलिस वाहन पर अचानक हमला हुआ. टाटा सुमो में छह पुलिसकर्मियों के साथ सवार विनय त्यागी जैसे ही लक्सर के रेलवे ओवरब्रिज पर ट्रैफिक जाम में फंसा, दो बाइक सवार नकाबपोश बदमाश वहां आ धमके. पलक झपकते ही उन्होंने पुलिस वाहन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. इस जानलेवा हमले में विनय त्यागी को तीन गोलियां लगीं, जबकि दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. बदमाश हथियार लहराते हुए फिल्मी अंदाज में फरार हो गए.

एम्स ऋषिकेश में जिंदगी और मौत की जंग

हमले के बाद गंभीर रूप से घायल विनय त्यागी को पहले नजदीकी अस्पताल और फिर एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया. घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल खुद अस्पताल पहुंचे और हालात का जायजा लिया. पुलिस का मानना है कि हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था और इसके पीछे पुरानी दुश्मनी या गैंगवार की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता.

कौन है विनय त्यागी उर्फ टिंकू?

विनय त्यागी, जिसे अपराध जगत में टिंकू के नाम से भी जाना जाता है, मूल रूप से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव खाईखेड़ी का रहने वाला है. वह सीएमएस से सेवानिवृत्त सेवाराम त्यागी का बेटा है. बाहरी तौर पर एक सामान्य परिवार से आने वाला यह युवक कम उम्र में ही अपराध की राह पर चल पड़ा. आज उसका नाम कुख्यात बदन सिंह बद्दो से जुड़े शूटरों की सूची में गिना जाता है.

16 साल की उम्र में अपराध की शुरुआत

विनय की आपराधिक कहानी की शुरुआत स्कूल के भीतर हुई. महज 16 वर्ष की उम्र में उसने कक्षा के अंदर ही अपने सहपाठी पर जानलेवा हमला कर दिया. इस घटना के बाद उसे बाल सुधार गृह भेजा गया. लेकिन वहां से रिहा होने के बाद वह सुधरने के बजाय और ज्यादा खतरनाक रास्ते पर बढ़ गया.

गैंग से जुड़ाव और पहली बड़ी हत्या

साल 1985 में विनय शरद त्यागी के गिरोह से जुड़ गया. इसके बाद उसने रंगदारी न देने पर मेरठ में अरोड़ा बेकरी के मालिक की हत्या कर दी, जिसने उसे अपराध की दुनिया में पहचान दिला दी. साल 2005 में उसने बदन सिंह बद्दो, नीरज भाटी और धर्मेंद्र सिरोही के साथ मिलकर पांडवनगर में केबल कारोबारी और अधिवक्ता शैलेंद्र पाल की गोली मारकर हत्या कर दी.

हत्याएं, अपहरण और फिरौती

विनय त्यागी का नाम 2015 में अजय जडेजा गैंग के शूटर प्रवीण शर्मा और राजीव टिर्री की हत्या में भी सामने आया. 2016 में उसने महिला ममता मसीह की मदद से मनोज गुप्ता का अपहरण कराया और एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. यह मामला भी काफी चर्चा में रहा.

46 मुकदमे और कई राज्यों में दहशत

विनय त्यागी पर मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और देहरादून में लूट, हत्या, रंगदारी और अपहरण जैसे कुल 46 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. वह मेरठ के मेडिकल थाने का घोषित हिस्ट्रीशीटर है. जागृति विहार सेक्टर-1 के मकान नंबर 139 में उसका ठिकाना बताया जाता है. उसकी पत्नी निशी पुरकाजी से ब्लॉक प्रमुख रह चुकी है, जिससे उसका सामाजिक और राजनीतिक रसूख भी चर्चा में रहा.

गिरफ्तारियां और जेल का सफर

चार जून 2024 को मेरठ पुलिस ने उसे दिल्ली के कृष्णा नगर से गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया. करीब डेढ़ महीने पहले देहरादून पुलिस ने उसे चोरी के एक मामले में फिर से दबोचा. एक अक्टूबर को लाखों की नकदी और जेवर चोरी के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद, हरिद्वार के पुराने मामलों के चलते उसे 12 दिसंबर को रुड़की जेल शिफ्ट किया गया था.

अब आगे क्या?

पुलिस हमलावरों की तलाश में हरिद्वार जिले में कांबिंग अभियान चला रही है. यह हमला सिर्फ एक अपराधी पर हमला नहीं, बल्कि उस गैंगवार की आहट है, जो आने वाले दिनों में कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है. विनय त्यागी की कहानी बताती है कि कैसे एक किशोर का गलत मोड़, दशकों तक चलने वाले खौफ का चेहरा बन जाता है.

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