गदा लिए हनुमान और गुस्से में रावण पहुंचे पुलिस स्टेशन! ऋषिकेष में 'राम बारात' निकालने की परमिशन न मिलने पर खोला मोर्चा

Rishikesh News: ऋषिकेश में पुलिस प्रशासन से'राम बारात' निकालने की परमिशन न मिलने पर रामलीला बनखंडी समिति ने विरोध प्रदर्शन किया. समिति के कलाकारों ने प्रशासन से राम बारात निकाने के लिए परमिशन मांगी, लेकिन उनकी अपील को रद्द कर दिया. फिर उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया.;

( Image Source:  @SachinGuptaUP )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 24 Sept 2025 1:39 PM IST

Rishikesh News: देश भर में धूमधाम से शारदीय नवरात्रि मनाई जा रही है और विजयादशमी की तैयारी चल रही है. कई जगहों पर राललीला और गरबा का आयोजन हो रहा है. वहीं त्योहारों में विवाद भी देखने को मिल रहा है. अब देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश में हंगामा देखने को मिला. यहां पर राम बारात निकालने की परमिशन नहीं मिली और लोग नाराज हो गए.

पुलिस प्रशासन ने राम लीला आयोजक समिति को राम बारात निकाले की मंजूरी देने से मना कर दिया. इसके बाद बनखंडी रामलीला में दो पक्षों में विवाद हो गया. इसके बाद राम, रावण और रामलीला के सभी पात्र पुलिस स्टेशन विरोध जताने पहुंच गए. इलाके में काफी तनाव देखने को मिल रहा है.

राम बारात निकालने पर रोक

ऋषिकेश की प्राचीन रामलीला बनखंडी समिति के कलाकारों ने प्रशासन से राम बारात निकाने के लिए परमिशन मांगी, लेकिन उनकी अपील को रद्द कर दिया. फिर उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. बता दें कि समिति ने सीता स्वयंवर के बाद राम बरात निकालने की योजना बनाई थी. इससे नाराज राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान समेत सभी पात्र वेशभूषा में पुलिस स्टेशन पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रशासन पर लगाए आरोप

कलाकारों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के कारण राम बरात और रावण दहन की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि यह 70 साल पुरानी परंपरा है. समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में उचित कदम नहीं उठाते तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. समिति ने कहा कि प्रशासन की ओर से बार-बार झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे कलाकारों में आक्रोश है. परंपरा को बचाने की लड़ाई अभी जारी रहने वाली है.

क्यों निकाली जाती है राम बारात?

राम बारात भगवान राम और माता सीता के विवाह का प्रतीक है. रामायण के अनुसार, भगवान राम ने राजा जनक के शिव धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह का प्रस्ताव स्वीकार किया था. इस विवाह के उपलक्ष्य में नवरात्रि में राम बारात का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य पात्रों की शोभायात्रा निकाली जाती है.

ऋषिकेश की रामलीला में राम बारात का आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है. यह आयोजन न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है.

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