नवरात्रि से पहले तनाव का तांडव! जानें वडोदरा में सोशल मीडिया के एक पोस्ट ने कैसे बिगाड़ा माहौल
Vadodara Violence: वडोदरा में शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर तनाव फैल गया। ज़ुनिगढ़ी इलाके में हुई इस घटना में भीड़ ने नवरात्रि पंडाल पर हमला कर तोड़फोड़ की और कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस ने इस मामले में 50 लोगों को हिरासत में लिया. अब मामले की जांच की जा रही है.

Vadodara Violence: गुजरात के वडोदरा में एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से हिंसक विवाद हो गया. शुक्रवार की देर रात एक पोस्ट वायरल हुई और पूरा शहर आगजनी का सामना करने लगा. यहां तक की नवरात्रि पंडाल में भी तोड़फोड़ की गई और पुलिस ने इस मामले में 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है.
यह हिंसा ज़ुनिगढ़ी इलाके में हुई, जिसमें उद्रवादियों ने नवरात्रि से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. पंडाल पर हमला किया और कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. पथराव में पुलिस का एक जवान भी घायल हो गए. हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
क्यों भड़की हिंसा?
पुलिस के मुताबिक, एक समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया, जिसे देखकर दूसरा वर्ग भड़क उठा और पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. भारी संख्या में लोग पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए और हंगामा करने लगे. इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की गई. इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने पंडाल और आसपास खड़ी गाड़ियों पर हमला करना शुरू कर दिया.
50 लोगों पर एक्शन
विवाद को नियंत्रित करने के लिए पुलिस वालों ने कार्रवाई की. इस हिंसा में शामिल अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वडोदरा डीसीपी एंड्रयू मैक्वान ने कहा कि हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है और पूरी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हिंसा के बाद इलाके में तनाव फैला हुआ है और लोग काफी डरे हुए हैं. हालांकि पुलिस ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है. पुलिस का कहना है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और कुछ भी परेशानी होने पर सीधे हम से संपर्क करें.
गणेश चतुर्थी पर हुआ था विवाद
इससे पहले अगस्त में गणेश चतुर्थी पर भी वडोदरा में तनाव देखने को मिला था. शोभायात्रा के दौरान भगवान गणेश की प्रतिमा पर अंडे फेंके गए थे. पुलिस ने दो आरोपियों सुफियान मंसूरी (20) और शाहनवाज कुरैशी (29) को गिरफ्तार किया था और एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया था. हालांकि बाद में दोनों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी, लेकिन भगवान का अपमान करने से हिंदू समुदाय आक्रोश में आ गया था.