अयोध्या में क्यों किया गया कुर्मी महाकुम्भ का आयोजन? बीजेपी हो या कांग्रेस, सभी आए एक साथ

Kurmi Mahakumbh: अयोध्या में 29 दिसंबर को कुर्मी महाकुम्भ का आयोजन किया गया. इसमें बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी शामिल हुए. पूरे काशीनाथ गांव में कुर्मी महाकुम्भ सुबह 11 बजे शुरू हुआ और शाम 4.30 बजे समाप्त हुआ. इसमें लगभग 50 हजार लोगों ने भाग लिया. यह आयोजन मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले हुआ है.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 30 Dec 2024 4:19 PM IST

Kurmi Mahakumb in Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में कुर्मी महाकुम्भ का आयोजन किया गया. अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से आने वाले कुर्मी समुदाय का कहना है कि जिले में राजनीतिक हलकों में उनकी उपेक्षा की गई है और उन्हें नजर अंदाज किया गया है. कांग्रेस, भाजपा और अन्य नेताओं ने रविवार के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम किया, जिससे पार्टी लाइन धुंधली हो गई.

आबादी ज्यादा होने के बावजूद पिछले दो दशकों से कुर्मी ओबीसी समुदाय का विधानसभा या संसद में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहा है. आखिरी बार समुदाय का कोई सदस्य 1999 में लोकसभा पहुंचा था. हालांकि, यह आयोजन अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले हुआ है. जून में सपा विधायक अवधेश प्रसाद के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई है.

कुर्मी महाकुम्भ का मुख्य उद्देश्य क्या है?

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और AICC सदस्य जय करण वर्मा ने कहा कि कुर्मी महाकुम्भ का मुख्य उद्देश्य हमारी एकता और ताकत को प्रदर्शित करना है. उन्होंने कहा कि अयोध्या की राजनीति में हमारे समुदाय को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, जबकि इस क्षेत्र में कुल 18 लाख से अधिक मतदाताओं में से 2.38 लाख से अधिक कुर्मी मतदाता हैं. 

अयोध्या में कुर्मी मुख्य रूप से किसान हैं. लखनऊ-अयोध्या राजमार्ग पर शहर से लगभग 5 किमी दूर स्थित पूरे काशीनाथ गांव (Poorey Kasinath Village) में कुर्मी महाकुम्भ सुबह 11 बजे शुरू हुआ और शाम 4.30 बजे समाप्त हुआ. इसमें लगभग 50 हजार लोगों ने भाग लिया. यह अयोध्या में आयोजित पहला कुर्मी महाकुम्भ था.

पिछले दो दशकों से नहीं मिला प्रतिनिधित्व

भाजपा नेता डॉ. अवधेश वर्मा ने कहा कि महाकुम्भ समुदाय की उपेक्षा के मुद्दे को हल करने और अयोध्या में कुर्मियों के लिए अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग करने के लिए आयोजित किया गया था. उन्होंने कहा कि आज सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि किसी भी समुदाय के सदस्य को टिकट मिलता है, तो हम पार्टी लाइन की परवाह किए बिना उनका समर्थन करेंगे. हमें यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि पिछले दो दशकों से हमारे समुदाय का कोई भी सदस्य अयोध्या से विधानसभा या संसद में प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया है.

विनय कटियार आखिरी बार 1999 में बने थे सांसद

डॉ. अवधेश वर्मा ने बताया कि कुर्मी समुदाय के सदस्य विनय कटियार ने आखिरी बार 1999 में फैजाबाद सीट (अब अयोध्या) से लोकसभा चुनाव जीता था. उनकी जीत के बाद से किसी अन्य कुर्मी नेता को यहां से टिकट नहीं मिला है. इसके अलावा, जिले की आबादी में हमारे समुदाय की लगभग 15% हिस्सेदारी होने के बावजूद, किसी भी कुर्मी ने किसी भी राजनीतिक दल के जिला अध्यक्ष के रूप में काम नहीं किया है. रविवार के महाकुम्भ में कुर्मियों के साथ अन्य ओबीसी समुदायों को शामिल करने की प्रतिबद्धता जताई गई है.

पिछले साल नहीं हो पाया था कुर्मी महाकुम्भ

अवधेश वर्मा ने बताया कि अन्य जिलों से कई कुर्मी समुदाय के सदस्य भी सभा में शामिल हुए, जिनमें से ज्यादातर फैजाबाद के थे. उन्होंने कहा कि मैंने पिछले साल महाकुम्भ आयोजित करने का इरादा किया था, लेकिन विभिन्न कारणों से ऐसा नहीं हो सका. वर्मा ने कहा कि 18 अक्टूबर को मैंने समुदाय के सदस्यों के साथ बैठक की, जिसमें 29 नवंबर को महाकुम्भ आयोजित करने का निर्णय लिया गया. गैर-राजनीतिक महासभा की तैयारी के लिए इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए कोई समिति या संगठन नहीं बनाया गया था. वर्मा ने कहा कि पिछले दो महीनों में हमने शहर के हर गांव का दौरा किया और समुदाय के सदस्यों को बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए राजी किया, जिससे यह महाकुम्भ सफल हुआ.

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