कौन हैं अजीत प्रसाद, जिन्हें सपा ने मिल्कीपुर से दिया टिकट? बीजेपी के चंद्रभान पासवान से है मुकाबला
सपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव में अजीत प्रसाद को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. उनका मुकाबला बीजेपी के चंद्रभान पासवान से होगा. पिछली बार इस सीट से सपा को जीत मिली थी. वहीं, बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. यहां से विधायक रहे अवधेश प्रसाद के 2024 में लोकसभा सांसद चुने जाने के चलते इस सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है, जिसके लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे.;
Ajeet Prasad: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद बीजेपी और सपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में बीजेपी ने चद्रभान पासवान और सपा ने अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है. यहां 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे.
मिल्कीपुर सीट सपा के पास थी. अवधेश प्रसाद विधायक थे. उनके सांसद चुने जाने से यह सीट खाली हो गई है. आइए, आपको अजीत प्रसाद के बारे में बताते हैं.
कौन हैं अजीत प्रसाद?
अजीत प्रसाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं. उन्हें सपा ने इस बार अवधेश प्रसाद की जगह चुनावी मैदान में उतारा है. अजीत पासी समुदाय से आते हैं. उनके पिता अवधेश प्रसाद 9 बार विधायक रहे हैं. अजीत 2010 से समाजवादी पार्टी में सक्रिय हैं. वे सपा की प्रदेश कार्यकारिणी के भी सदस्य रह चुके हैं. पिता के चुनाव प्रचार की बागडोर उन्होंने ही संभाली थी. अजीत को जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को क्यों उतारा?
अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव के दौरान नारा दिया था- अयोध्या न काशी, अबकी बार चलेगा पासी. इसी को देखते हुए बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को चुनाव मैदान में उतारा है. वे रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. इस समय उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं.
साड़ी का व्यापार करते हैं चंद्रभान
चंद्रभान साड़ी का व्यापार करते हैं. बीते दो सालों से वे मिल्कीपुर क्षेत्र में सक्रिय हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है.वे सपा के पीडीए की काट माने जा रहे हैं.
मिल्कीपुर से केवल दो बार ही जीत सकी है बीजेपी
बता दें कि 1991 से अब तक के चुनाव में मिल्कीपुर से केवल दो बार ही बीजेपी जीत सकी है. यहां कुल 3 लाख 58 हजार मतदाता हैं, जिनमें 55 हजार पासी, 55 हजार से ज्यादा यादव, 60 हजार ब्राह्मण, 20 हजार ठाकुर और 50 हजार ओबीसी वोटर हैं. वहीं, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 हजार है.
2023 में बाबा गोरखनाथ को मिली हार
पिछली बार 2023 में बीजेपी ने पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें 13 हजार 338 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. अवधेश प्रसाद को 1 लाख 3 हजार 905 वोट मिले, जबकि गोरखनाथ को 90 हजार 567 वोट ही हासिल हुए.