'मैं जिंदा हूं....जमीन विवाद में मृत घोषित की गई महिला पहुंची डीएम ऑफिस, लगाई इंसाफ की गुहार

Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 21 Jun 2025 8:33 AM IST

उत्तर प्रदेश से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को जमीन विवाद के चलते सरकारी दस्तावेज़ों में मृत घोषित कर दिया गया. लेकिन इस महिला ने हार नहीं मानी, उसने अपने हक और अस्तित्व की लड़ाई खुद लड़ी और सबूतों के साथ जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर खुद के जीवित होने का प्रमाण दिया.

इस महिला का नाम है शारदा देवी, जो कि अपने दिवंगत पिता की इकलौती संतान हैं. शारदा देवी जब जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचीं तो उनके हाथ में एक कागज था, जिस पर साफ़-साफ़ लिखा था – 'मैं जिंदा हूं.' यह दृश्य न केवल प्रशासन के लिए शर्मनाक था, बल्कि समाज में फैले भ्रष्ट तंत्र और जमीन हड़पने की साजिशों की एक और कड़ी मिसाल भी. 

चचेरे भाइयों ने रची साजिश 

शारदा देवी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनके पिता की मृत्यु से पहले उन्होंने एक कानूनी वसीयत तैयार करवाई थी, जिसमें अपनी सारी संपत्ति शारदा के नाम की गई थी. वसीयत के आधार पर शुरू में संपत्ति शारदा देवी के नाम स्थानांतरित भी कर दी गई थी और सभी दस्तावेज़ी कार्यवाही ठीक तरीके से पूरी हुई थी. लेकिन कुछ सालों बाद परिस्थितियां पूरी तरह बदल गईं. उनके पिता के बड़े भाई के बेटे – यानी शारदा देवी के चचेरे भाइयों ने उनके खिलाफ एक शातिर साजिश रच डाली. उन्होंने कथित रूप से सरकारी रिकार्ड्स में हेरफेर करके शारदा देवी को कागजों में मृत घोषित करवा दिया.

रिकार्ड में फर्जीवाड़ा

जैसे ही शारदा को सरकारी दस्तावेज़ों में मृत दिखाया गया, उनकी सारी संपत्ति उनके चचेरे भाइयों के नाम पर स्थानांतरित कर दी गई. उन्होंने संपत्ति के रिकार्ड में फर्जीवाड़ा करके यह साबित कर दिया कि शारदा का अब कोई अस्तित्व नहीं है, और वे ही जमीन के वैध उत्तराधिकारी हैं. शारदा देवी का कहना है कि यह सब पूरी तरह से सोची समझी साजिश थी, ताकि उन्हें उनकी ही विरासत से बेदखल किया जा सके. यह न सिर्फ एक पारिवारिक विश्वासघात था, बल्कि कानून और व्यवस्था की विफलता भी.

मेरी ही संपत्ति मुझसे छीन ली

इस पूरे मामले में सबसे मार्मिक दृश्य तब सामने आया जब शारदा देवी जिला अधिकारी कार्यालय में एक हाथ से दस्तावेज़ और दूसरे हाथ में 'मैं जिंदा हूं' लिखा पोस्टर लेकर पहुंची. उन्होंने अधिकारियों से विनती की कि उन्हें न्याय दिलाया जाए और उन्हें फिर से दस्तावेज़ों में जीवित दिखाया जाए. शारदा देवी ने कहा, 'मैं जिन्दा हूं, अपनी आंखों से देखिए लेकिन कागजों में मुझे मार दिया गया है. मेरी ही संपत्ति मुझसे छीन ली गई है, मुझे इंसाफ चाहिए.' 

लैंड रिकार्ड्स की दोबारा जांच

शारदा देवी के इस साहसिक कदम के बाद अब स्थानीय प्रशासन हरकत में आया है. जिला अधिकारी कार्यालय ने मामले की प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए हैं और संबंधित लैंड रिकार्ड्स की दोबारा जांच की जा रही है. यह देखा जा रहा है कि आखिर किस स्तर पर यह फर्जीवाड़ा हुआ, और किन अधिकारियों की मिलीभगत से यह संभव हो पाया. शारदा देवी के मामले ने राज्य भर में कई ऐसे पीड़ितों की याद दिला दी है, जिन्हें कागजों में मरा हुआ दिखाकर उनकी संपत्तियाँ हड़प ली गईं. यह एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बनता जा रहा है. 

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