मस्जिद से बाजार खोलने का एलान, इंटरनेट बंद होने से कारोबार ठप; पढ़ें संभल हिंसा के Updates
संभल में बाजार तो खुले हैं लेकिन इंटरनेट बंद होने की वजह से पेमेंट में दिक्कत हो रही है. दोषियों की पहचान के लिए पुलिस ने 100 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की है. लगातार गिरफ़्तारी हो रही है. दंगाइयों की पहचान के लिए लोगों से भी मदद मांगी जा रही है. अब संभल की जामा मस्जिद से सलमानों के लिए ऐलान किया गया है.;
संभल में हिंसा के बाद अब हालात काबू में हैं. दुकानें खुल रही है जिसकी वजह से आम जनजीवन सामान्य हो रहा है. लेकिन इंटरनेट बंद होने की वजह से पेमेंट समेत कई सरकारी कामों पर असर पड़ रहा है. पुलिस सुरक्षा को लेकर क्षेत्रों में गश्त कर रही है. इस हिंसा को लेकर पुलिस और योगी सरकार एक्शन मोड में है.
दोषियों की पहचान के लिए पुलिस ने 100 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की है. लगातार गिरफ़्तारी हो रही है. दंगाइयों की पहचान के लिए लोगों से भी मदद मांगी जा रही है. अब शुक्रवार को जुम्मे की नमाज है. इसे लेकर संभल की जामा मस्जिद से सलमानों के लिए ऐलान किया गया है.
मस्जिद से क्या हुआ एलान?
जामा मस्जिद के सदर एडवोकेट जफर अली ने संभल के मुसलमानों से एक अपील की है. उन्होंने सभी से अपनी दुकानें खोलने और शांति बनाए रखने की आग्रह किया है. अपील में यह भी कहा गया है कि जुम्मे की नमाज के दिन सभी लोग अपने-अपने मोहल्ले की मस्जिदों में ही नमाज अदा करें. साथ ही मस्जिद के आसपास भीड़ न लगाने और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी गई है.
इंटरनेट बंद होने से कारोबार पर असर
पिछले चार दिनों से इंटरनेट बंद होने के कारण अब कारोबार पर भी असर दिखना शुरू हो गया है. इसका असर अब सरकारी कामों पर दिखना शुरू हो गया है. बाजार में ज्यादातर लोग खरीदारी के बाद ऑनलाइन भुगतान करते हैं लेकिन अब वह पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं. यही स्थिति वहां के पेट्रोल पंप पर भी है. संभाल के एलडीएम अमित विश्नोई ने कहा कि ऑनलाइन भुगतान पर इंटरनेट बंद होने का असर है. बैंक के सभी काम चल रहे हैं. ग्राहकों की संख्या अभी भी कम है.
निराश लौट रहे किसान और कारोबारी
रजिस्ट्ररी कार्यालय के सभी काम बंद हैं. बैनामा प्रक्रिया बंद हो गई है. किसान और कारोबारी दो दिन से इंटरनेट बंद होने के चलते लौट रहे हैं. चार दिन से कोई रजिस्ट्री नहीं हुई है, इससे करोड़ों का नुकसान हुआ है. बताया जाता है कि रजिस्ट्री कार्यालय में लगभग 50 लाख की रजिस्ट्री औसतन एक दिन में होती है.
पुलिस इन एंगल से कर रही जांच
- हिंसा वाले दिन जामा मस्जिद के आसपास भीड़ किसके कहने पर इकट्ठा हुई थी?
- मौके पर मौजूद भीड़ को हिंसा के लिए किसने उकसाया?
- क्या दंगों की प्लानिंग पहले से की गई थी? 27 मोबाइल फोन को भेजा गया फोरेंसिक लैब
- सोशल मीडिया हैंडल, व्हाट्सएप चैट और ग्रुप्स की चल रही जांच
- वीडियो फुटेज को खंगालने के लिए बनाई स्पेशल टीम
- दंगाइयों की पहचान के लिए तोड़े गए CCTV कैमरों के DVR जब्त कर फुटेज कर रही रिकवर
जो पत्थर उठाया वो जेल जाएगा: SP
एसपी कृष्ण कुमार ने कहा है कि जिसने भी पुलिस पर पत्थर उठाया है उसे जेल ज़रूर भेजा जाएगा. किसी भी निर्दोष के खिलाफ एक्शन नहीं होगा. पुलिस कई सवालों को ध्यान में रखकर जांच को आगे बढ़ा रही है. पुलिस ने अब तक मोबाइल, CCTV और ड्रोन कैमरों से मिले वीडियो में 100 से ज्यादा पत्थरबाजों की पहचान की है.