2027 की तैयारी में बाहुबली करवरिया परिवार! बेटी की शादी में दिखाया जनबल, विधानसभा चुनाव में करेंगे ‘ट्रिपल धमाका’?

प्रयागराज में बसपा के पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया की बेटी मीनाक्षी की शादी सिर्फ पारिवारिक उत्सव नहीं रही, बल्कि एक बड़े सियासी शक्ति प्रदर्शन में बदल गई. 25 हजार से ज़्यादा लोगों की भीड़, ब्राह्मण नेताओं का जमावड़ा और करवरिया भाइयों की मौजूदगी ने इसे किसी राजनीतिक रैली जैसा बना दिया. पैरोल पर बाहर आए कपिल मुनि और उदयभान करवरिया ने समर्थकों के बीच अपनी ताकत फिर साबित की. इस आयोजन ने 2027 की राजनीति को लेकर कई नए संकेत दे दिए हैं.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 2 Dec 2025 4:04 PM IST

प्रयागराज में बीते हफ्ते जो हुआ, वह सिर्फ एक शादी नहीं थी वह एक ऐसा सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रदर्शन था जिसे कई लोग करवरिया परिवार का शक्ति प्रदर्शन कह रहे हैं. 29 नवंबर को हुई यह शादी समारोह उतनी ही भव्य थी जितनी सूक्ष्मता से राजनीतिक संकेतों से भरी हुई. बसपा के पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया की बेटी मीनाक्षी की शादी ने जिस तरह प्रयागराज की गलियों से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक चर्चा छेड़ दी है, उसने साफ कर दिया कि करवरिया परिवार सिर्फ परंपरा निभाने नहीं, बल्कि पुनः खुद को स्थापित करने मैदान में उतरा है.

जिस विवाह समारोह की दहलीज़ पर कदम रखने हजारों लोग उमड़ पड़े, वह अचानक से प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक आयोजनों जैसा दिखने लगा. करीब 25–30 हज़ार लोगों की उपस्थिति ने इसे एक तरह की ‘वैवाहिक रैली’ में बदल दिया. एक ऐसा दृश्य जिसने न सिर्फ जनबल, बल्कि करवरिया परिवार की सामाजिक पकड़ और राजनीतिक संभावनाओं को भी दिखा दिया. सवाल अब सिर्फ यह है कि क्या यह आयोजन महज़ पारिवारिक खुशी था, या फिर करवरिया वंश की अगली पीढ़ी के प्रवेश का ‘ग्रेट लॉन्च’?

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प्रयागराज की धरती पर जन शक्ति का प्रदर्शन

कल्याणी देवी स्थित करवरिया कोठी में चार दिनों तक चले उत्सव में जिस तरह भीड़ उमड़ी, उसने इस आयोजन को साधारण विवाह की परिभाषा से कहीं आगे पहुंचा दिया. सुबह से रात तक मेहमानों का रेला चलता रहा और भोजन परोसने की व्यवस्था लगातार 12 घंटे से अधिक चली. इस भीड़ में राजनीतिक हस्तियों से लेकर गांव-कस्बों से आए आम समर्थक थे. सब मिलकर एक अनोखा सामाजिक संगम बना रहे थे.

ब्राह्मण क्षत्रपों की एकजुटता या सियासत का नया गठजोड़?

समारोह में एक साथ कई ब्राह्मण चेहरे दिखे विनय शंकर तिवारी, राकेश धर त्रिपाठी, हर्षवर्धन वाजपेयी, पदुम नारायण द्विवेदी, प्रकाश द्विवेदी और दर्जनों नेता. यह महज़ संयोग नहीं कहा जा सकता. प्रयागराज की राजनीति में वर्षों से फैला ब्राह्मण मतदाताओं का असंतोष और उनकी राजनीतिक घर वापसी की इच्छा इस भीड़ में साफ छलकती दिखी. करवरिया बंधुओं ने इस मंच को एक संकेत के तौर पर इस्तेमाल किया कि गठजोड़ के नए युग में ब्राह्मण नेतृत्व फिर केंद्र में लौट सकता है.

हम खत्म नहीं हुए, हम वापस लौट आए हैं: उदयभान

पूर्व विधायक उदयभान करवरिया का शादी के बीच दिया गया बयान शायद पूरे आयोजन का सबसे बड़ा राजनीतिक संकेत था. उन्होंने कहा कि जो लोग समझते थे कि करवरिया परिवार का सामाजिक और राजनीतिक वजूद कमजोर हो गया है, उन्हें अब यह भीड़ जवाब देगी. इसे सुनकर समर्थकों में जोश बढ़ना स्वाभाविक था. यह एक तरह का ऐलान था कि करवरिया परिवार 2027 की तैयारी में है.

करवरिया परिवार की नजरों में VIP कौन?

जब मीडिया ने पूछा कि इस शादी में कितने VIP आए, तो जवाब हैरान कर देने वाला था, “हमारे लिए तो हमारा कार्यकर्ता ही सबसे बड़ा VIP है.” करवरिया बंधुओं के साथ फोटो लेने, सेल्फियां खिंचवाने और आशीर्वाद लेने वालों की भीड़ खुद इस बात का प्रमाण थी कि प्रयागराज के पूर्व राजनैतिक शक्ति केंद्रों में करवरिया परिवार अभी भी भारी प्रभाव रखता है.

पैरोल बढ़ना और जेल वापसी

कपिल मुनि करवरिया को बेटी की शादी के लिए 30 दिन की पैरोल मिली थी, लेकिन शादी के तुरंत बाद उनकी पैरोल और एक महीने के लिए बढ़ा दी गई. यह फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बन गया. वहीं छोटे भाई सूरजभान करवरिया तीन दिन की पैरोल पूरी करके वापस जेल लौट गए. शादी में दोनों की मौजूदगी ने परिवार का मनोबल और माहौल दोनों जीवंत बनाए रखा.

कल्याणी कोठी जैसे किसी फिल्म का शाही सेट

फूलों की महक, रंग-बिरंगे पर्दे, पारंपरिक गीत, मेहंदी और हल्दी की रस्मों के बीच पूरा करवरिया परिवार उत्सव में डूबा था. महिलाएं सोलह श्रृंगार में व्यस्त, बच्चे जोश में, और परिवार के पुरुष मेहमानों का स्वागत करते हुए एक बड़े राजनीतिक घराने की झलक पेश कर रहे थे. शादी की थीम ‘रामायण’ पर आधारित थी, जिससे पूरा आयोजन सांस्कृतिक भव्यता से और निखर उठा.

फिर चरम पर क्यों दिखी लोकप्रियता?

शादी के भीतर जितनी चहल-पहल थी, उतनी ही बाहर चर्चा. समर्थकों का सपोर्ट, युवाओं का उत्साह और नेताओं का जमावड़ा बता रहा था कि करवरिया परिवार की पकड़ अभी ढीली नहीं पड़ी. 2019 में आजीवन कारावास की सजा के बावजूद कपिल मुनि करवरिया की जनसभा जैसी लोकप्रियता आज भी जस की तस है. पैरोल के दौरान उनसे मिलने वालों की लंबी कतार इसका प्रमाण है.

क्या 2027 में करवरिया परिवार ‘ट्रिपल धमाका’ करेगा?

परिवार के तीन युवराज वैभव करवरिया, सक्षम करवरिया और गौरव करवरिया अब पूरी तरह सार्वजनिक जीवन में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. मंच संचालन, भीड़ प्रबंधन, नेताओं से मुलाकात और समर्थकों के साथ जुड़ने की उनकी शैली साफ बताती है कि करवरिया परिवार की अगली पीढ़ी राजनीति की तैयारी में व्यस्त है. प्रयागराज की राजनीति में वर्षों तक तीनों भाइयों का दबदबा रहा, और अब वही तिकड़ी नए स्वरूप में सामने आती दिख रही है.

सोशल मीडिया पर वायरल माहौल

शादी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, स्टेज पर गाते उदयभान, लोगों से मिलते कपिल मुनि और नाचते हुए समर्थक. इन वीडियो ने करवरिया परिवार की इमोशनल ब्रांडिंग को मजबूत किया. वायरल सामग्री ने दिखाया कि जनता के बीच आज भी इनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई.

क्या यह शादी 2027 की राजनीति का ट्रेलर थी?

जितने लोग आए, जितनी चर्चा हुई, जितने नेता जुटे इन सबको देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह आयोजन भविष्य के सियासी समीकरणों का सूक्ष्म संकेत था. ब्राह्मण मतदाताओं को जोड़ने का प्रयास, राजनीतिक चेहरों का जमावड़ा और युवाओं की सक्रियता बताती है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में करवरिया परिवार कोई बड़ा दांव चल सकता है.

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