Cough Syrup कांड से सुर्खियों में आया कौन है अमित टाटा, धनंजय सिंह को लेकर क्यूं मच गया सोशल में हल्ला?
Benylin Cough Syrup Scandal: कफ सिरप कांड में आरोपी अमित टाटा की गिरफ्तारी के जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने वायरल तस्वीरों को लेकर खुद पर लगे आरोप खारिज कर दिया है. उन्होंने इसे साजिश बताते हुए केंद्र से CBI जांच की मांग की है. जानिए अमित टाटा की गिरफ्तारी और वायरल तस्वीर विवाद और आगे की कार्रवाई के संदर्भ में पूरा मामला क्या है?
Benylin Cough Syrup Scandal News: उत्तर प्रदेश में हाल ही में कफ सिरप कांड से लाइमलाइट में आए अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा की गिरफ्तारी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है. अब इस मामले में अमित टाटा के साथ कथित तस्वीर वायरल होने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी चारों तरफ से घिर गए हैं. कफ सिरप कांड में उनका हाथ भी बताया जा रहा है. खुद को इस कांड में घसीटे जाने से नाराज धनंजय सिंह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लंबा पोस्ट लिखकर सफाई पेश की है. उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. साथ ही केंद्र सरकार से पूरे मामले में सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग की है.
कौन है अमित सिंह टाटा?
कफ सिरप कांड से चर्चा में अमित सिंह टाटा जौनपुर के सुरेरी थाना इलाके के भोड़ा सीतूपुर गांव के निवासी हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि अमित टाटा सिर्फ तस्करी में नहीं बल्कि राजनीतिक जमीन तैयार करने में भी जुटा हुआ था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमित टाटा रामपुर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख चुनाव लड़ने का मन बना चुका था. यानी ड्रग्स की काली कमाई को राजनीतिक ताकत में बदलने की उसकी योजना लगभग तय थी.
100 करोड़ के अवैध ड्रग नेटवर्क का खिलाड़ी
सूत्रों के मुताबिक जांच में ये बातें भी सामने आई है कि अमित टाटा पूर्वांचल के एक बाहुबली का करीबी है. बाहुबली के साथ उसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. अमित सिंह टाटा सिर्फ एक सप्लायर ही नहीं, बल्कि 100 करोड़ के अवैध ड्रग नेटवर्क का अहम खिलाड़ी है.
इस बीच कफ सिरप कांड की जांच में एसटीएफ को पता चला कि इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल है, जो कुछ माह पहले अपने पूरे परिवार के साथ दुबई भाग चुका है. इसी क्रम में एसटीएफ ने अमित टाटा का नाम आने के बाद गिरफ्तार कर लिया.
धनंजय सिंह ने क्यों पेश की सफाई?
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा है, 'मुझे पता है कि कफ सिरफ कांड में मेरे कुछ राजनीतिक विरोधियों ने पत्रकार बंधुओं को गुमराह कर मेरे बारे में भ्रम फैलाने का काम किया है. यह प्रकरण काशी और वाराणसी से जुड़ा होने के कारण कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं के द्वारा झूठे आरोप लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.'
कफ सिरप कांड की जांच राज्य सरकार द्वारा गहनता से विभिन्न एजेंसियों के द्वारा कराई जा रही है, जिससे प्रकरण की सत्यता सबके सामने आ जाएगी. चूँकि यह मामला अंतर्राज्यीय है, इसलिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि इस मामले की व्यापक जांच सीबीआई से कराई जाए. ताकि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित हो और गलत आरोपों और झूठी खबरों पर विराम लगे.
इस मसले पर धनंजय सिंह यही नहीं रुके, उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर भ्रामक खबर चलाने तथा राज्य सरकार की छवि धूमिल करने वालों का चेहरा उजागर करने की भी अपील की है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यूपी एसटीएफ और ड्रग विभाग की जांच में पता चला है कि अमित कुमार सिंह (अमित टाटा) कोडीन युक्त फेन्सिडिल कफ सिरप तस्करी रैकेट का प्रमुख सदस्य है. उसके बाद एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि यह रैकेट उत्तर प्रदेश के कई जिलों, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों के अलावा बांग्लादेश तक अवैध सप्लाई करता था. इसका अवैध कारोबार करोड़ो रुपये में है.
इस मामले में वायरल तस्वीरों में धनंजय सिंह को अमित टाटा के साथ दिखाया गया है. जिसे लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में तेज बहस शुरू हो गई है कि जौनपुर के पूर्व सांसद भी इस रैकेट में शामिल हैं. खुद का नाम आने पर धनंजय सिंह पे सफाई पेश कर दी है.
फर्जी फर्मों और वित्तीय लेन-देन खंगालने में जुटी STF
कफ सिरप कांड की जांच में जुटी एसटीएफ और ड्रग निरीक्षण एवं प्रशासनिक विभाग कफ सिरप कांड रैकेट के अन्य सदस्यों, फर्जी फर्मों और उनसे जुड़े वित्तीय खाते-चालन की पड़ताल कर रही हैं.
चौंकाने वाली बात यह है कि अमित टाटा के पास से बरामद फार्च्यूनर गाड़ी का नंबर 9777 बेहद खास है. इस नंबर की गाड़ी पूर्वांचल के बाहुबली के काफिले में होताी है. अमित टाटा की गिरफ्तारी के बाद अब आजाद अधिकार सेना ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका की जांच की मांग की है.





