नेता जी की जमीन के साथ फर्जीवाड़ा! MP कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की कैसे बेची गई पैतृक संपत्ति?
Digvijay Singh's land in UP: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की पैतृक संपत्ति को यूपी में बेच दिया गया. जांच में पता चला कि उनकी जमीन किसी ने धोखे से बेच दी. जमीन बेचने के मामले में शिकायत की गई, जिसमें कहा गया कि आलापुर के केवतली गांव के रहने वाले राम हरक चौहान को सीएम साहब की पैतृक संपत्ति 0.152 हेक्टेयर जमीन (प्लॉट संख्या 1335 के) बेच दी गई. यह डील फर्जी तरीके से हुई.;
Digvijay Singh's land in UP: देश में धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाकर उनसे लाखों की लूट की जा रही है. अब ताजा मामला मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से जुड़ा हुआ है. उनकी जमीन को धोखाधड़ी करके यूपी के अंबेडकरनगर जिले में बेच दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद दिग्विजय सिंह की प्रॉपर्टी की देखरेख अनिल यादव करते हैं. शुक्रवार को जब वह वहां पहुंचे तो नजारा हैरान कर देने वाला था, वहां पर निर्माण कार्य चल रहा था. इसके बाद उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, उप-जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जांच में पता चला कि उनकी जमीन किसी ने धोखे से बेच दी.
कैसे बेची जमीन?
जमीन बेचने के मामले में शिकायत की गई, जिसमें कहा गया कि आलापुर के केवतली गांव के रहने वाले राम हरक चौहान को सीएम साहब की पैतृक संपत्ति 0.152 हेक्टेयर जमीन (प्लॉट संख्या 1335 के) बेच दी गई. यह डील फर्जी तरीके से हुई. साल 1989 में प्रॉपर्टी को रिटायर्ड एडिशनल एसपी जियालाल और रामनगर महुवार के राजबहादुर व मंगली ने खरीदा था. निर्माण कार्य को रोक दिया गया है और पुलिस जांच में लगी हुई है. एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जमीन दिग्विजय सिंह के नाम पर ही है.
सिंह के मां के नाम पर थी जमीन
अनिल यादव बताया कि पहले यह जमीन दिग्विजय सिंह की मां अपर्णा देवी के नाम पर रजिस्टर थी, जिनकी 1986 में मृत्यु हो गई थी. इसके बाद सिंह ने उत्तराधिकार के लिए आवेदन किया और 18 मई, 2024 को जमीन उनके नाम पर रजिस्टर कर दी गई. कथित जिन लोगों ने जमीन खरीदी थी, उन्होंने सभी पेपर बनवा लिए थे, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में इसकी कोई जानकारी नहीं थी.
कौन हैं दिग्विजय सिंह?
दिग्विजय सिंह वर्तमान में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं. वह 1951 के चुनाव में बलभद्र सिंह राघोगढ़ विधानसभा से उम्मीदवार बनाए गए. 1985 में राजीव गांधी ने उन्हें एमपी कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया. जहां वह 1988 तक रहे. फिर 1992 में अध्यक्ष चुने गए. 1984 के आम चुनाव में 8वीं लोकसभा के सदस्य बने. इसके बाद 19991 में वह 10वीं लोकसभा चुनाव जीते और संसद पहुंच गए. साल 1993 में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दिया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त हुए. वह 1993 से 2023 तक सीएम बने रहे. साल 2018 वह कमलनाथ की सरकार में वह शहरी विकास और आवास कैबिनेट मंत्री रहे.