10 साल की बच्ची की अचानक स्कूल में हुई मौत, अब इमोशनल होते हुए मां ने मांगा प्रशासन से जवाब, जानें क्या है पूरा मामला
नोएडा के एक स्कूल में अचानक एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गई. अब 19 दिन बाद बेटी की मां ने प्रशासन से जवाब मांगते हुए पूछा है कि आखिर उन आखिरी पलों में क्या हुआ था. दरअसल बेटी की मौत पर स्टाफ अलग-अलग कहानी बता चुका है.;
नोएडा के सेक्टर-31 स्थित एक नामी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 6 की छात्रा तानिश्का शर्मा की अचानक मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. 10 साल की यह बच्ची 4 सितंबर को स्कूल गई थी, लेकिन कुछ घंटों बाद उसकी मां को फोन आया कि तानिश्का को अस्पताल ले जाया जा रहा है.
अस्पताल पहुंचते ही मां को बताया गया कि 'आपकी बेटी को मृत अवस्था में लाया गया है.' इस खबर ने पूरे परिवार की दुनिया पलट दी.अब उसकी मां त्रिप्ता शर्मा ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर स्कूल प्रशासन से जवाब मांगते हुए कहा है कि उन्हें बस यह जानना है कि उनकी बेटी के आखिरी पलों में क्या हुआ.
घर से बिल्कुल ठीक गई थी मेरी बेटी
मां त्रिप्ता शर्मा ने वीडियो में बताया कि जिस दिन यह हादसा हुआ, तानिश्का सुबह बिल्कुल हेल्दी थी. वह घर से खुशी-खुशी स्कूल गई थी और टीचर्स डे के इवेंट में हिस्सा लेने वाली थी. लेकिन सुबह 11:30 बजे स्कूल से फोन आया कि बच्ची बेहोश हो गई है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है. अस्पताल पहुंचने पर जो सच्चाई सामने आई, उसने पूरे परिवार को तोड़ दिया.
हादसा कब और कहां हुआ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तानिश्का लंच ब्रेक के बाद स्कूल के वॉशरूम के बाहर अचानक गिर गई. स्कूल मैनेजमेंट ने तुरंत उसे पास के कैलाश अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस की शुरुआती जांच में किसी बाहरी चोट का पता नहीं चला. हालांकि, पोस्टमार्टम के दौरान गंभीर ब्रेन हैमरेज पाया गया. रिपोर्ट में साफ हुआ कि दिमाग के निचले हिस्से और वेंट्रिकल्स में खून जमा था. इतना ही नहीं, फेफड़ों में भी खून जमा होने से सांस लेने में दिक्कत या दम घुटने जैसी स्थिति बनी होगी.
परिवार ने स्कूल पर लगाया लापरवाही का आरोप
परिवार का कहना है कि स्कूल ने बच्ची की देखभाल और उसे अस्पताल ले जाने में गंभीर लापरवाही की. उनके अनुसार, स्टाफ ने घटना को लेकर अलग-अलग कहानियां सुनाईं. पहले कहा गया कि बच्ची खाना खाते हुए बेहोश हुई, फिर कहा गया कि वह सीढ़ियों से उतरते समय गिर पड़ी. तानिश्का के परिवाल वालों का आरोप है कि स्कूल ने पहले उसे मेडिकल रूम में ही इलाज देने की कोशिश की और अस्पताल ले जाने में देरी की. उनका मानना है कि यही देरी बच्ची की जान ले गई.
'कहीं सच्चाई छुपाने की कोशिश तो नहीं?'
तानिश्का के रिश्तेदार वैभव शर्मा ने कहा कि स्टाफ की विरोधाभासी बातें शक करने पर मजबूर करती हैं. उन्होंने दावा किया कि यह सब स्कूल की लापरवाही को छुपाने की कोशिश लगती है. उनका सवाल था कि अगर बच्ची अचानक बेहोश हुई थी तो उसे तुरंत अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? मेडिकल रूम में देरी करना उसकी जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हुआ.
स्कूल प्रशासन का बचाव
दूसरी ओर, स्कूल की प्रिंसिपल मानवता शारदा ने कहा कि बच्ची अचानक बीमार हुई और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस को सीसीटीवी की DVR सौंप दी गई है और स्कूल जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहा है.
पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट
पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं और मामला संदिग्ध है. बच्ची के शरीर का विसरा सुरक्षित रखकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने हालांकि कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इसमें साफ कहा गया कि बच्ची के दिमाग और फेफड़ों में गंभीर खून जमा था, लेकिन गले की हड्डी (हायॉइड बोन) सुरक्षित थी, यानी गला दबाने या हत्या जैसी बात सामने नहीं आई.
मां की अपील
अपनी मासूम बेटी को खो चुकी मां त्रिप्ता शर्मा ने कहा कि उन्हें सिर्फ सच चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया वीडियो में इमोशनल होकर कहा कि 'मैंने अपनी बेटी को हंसते हुए स्कूल छोड़ा था, लेकिन कुछ घंटों बाद मुझे उसकी मौत की खबर मिली. मैं जानना चाहती हूं कि उसकी आखिरी घड़ी में उसके साथ क्या हुआ.'
सवालों में घिरी मौत
तानिश्का की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. क्या यह स्कूल प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है? क्या समय पर इलाज न मिलने से बच्ची की जान गई? या फिर यह किसी अंदरूनी बीमारी का मामला था, जिसका पता पहले नहीं चल पाया? इन सब सवालों का जवाब अब फॉरेंसिक रिपोर्ट और पुलिस की जांच से ही मिलेगा.