UP सरकार में मंत्री दिनेश खटीक ने कहा- मुझे श्रापित भूमि हस्तिनापुर से तीसरी बार MLA नहीं बनना | VIDEO
योगी आदित्यनाथ की सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने एक चौंकाने वाला बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने सार्वजनिक मंच से घोषणा की कि वह अब 'श्रापित' मानी जाने वाली हस्तिनापुर विधानसभा सीट से तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. जिसका वीडियो सोशल मीडिया काफी तेजी से वायरल हो रहा है.;
योगी आदित्यनाथ की सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने एक चौंकाने वाला बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने सार्वजनिक मंच से घोषणा की कि वह अब 'श्रापित' मानी जाने वाली हस्तिनापुर विधानसभा सीट से तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. यह एलान उन्होंने मेरठ के खरखौदा स्थित एक निजी कॉलेज के वार्षिकोत्सव के दौरान, कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की मौजूदगी में किया.
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राज्यमंत्री के इस बयान ने न सिर्फ उनके समर्थकों को हैरान किया है, बल्कि विपक्षी दलों में भी चर्चा का नया मुद्दा पैदा कर दिया है. दिनेश खटीक ने अपने इस फैसले को हस्तिनापुर के पुराने राजनीतिक मिथक और महाभारत काल में द्रौपदी के श्राप से जोड़ा है.
हस्तिनापुर की 'श्रापित' सीट
दिनेश खटीक ने कहा "पता नहीं क्यों मेरे मन में एक बात आती है कि एक बार विधायक बनने के बाद हस्तिनापुर से कभी दोबारा कोई एमएलए नहीं बना. लोग मुझसे पूछते थे कि क्या आप दोबारा जीतेंगे? कुदरती बात है कि मैं दो बार विधायक बना और दो बार मंत्री भी बना, लेकिन अब मुझे इस श्रापित भूमि से तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ना है." उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि हस्तिनापुर सीट को लेकर एक पुराना राजनीतिक मिथक मौजूद है, जिसे वे अपने अनुभवों के आधार पर साझा कर रहे हैं.
मोदी और योगी के प्रभाव से टूटा मिथक
राज्यमंत्री ने यह भी माना कि हस्तिनापुर की इस 'श्रापित' छवि को तोड़ने में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रभाव का बहुत योगदान मिला. उन्होंने कहा "जब यहां कोई दोबारा नहीं जीत पाया, तो दिनेश खटीक की क्या औकात थी? लेकिन देश में मोदी और प्रदेश में योगी जैसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने मेरी नैया पार लगाई और मुझे दोबारा विधायक बनाया."
सोशल मीडिया पर वायरल बयान
दिनेश खटीक का यह एलान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. आचार्य प्रमोद कृष्णम की मौजूदगी में किए गए इस बयान ने राजनीतिक चर्चाओं को नई दिशा दे दी है. लोग और विश्लेषक अब यह कयास लगा रहे हैं कि क्या खटीक अगले चुनाव में अपनी सीट बदलेंगे या सक्रिय राजनीति से विश्राम लेंगे.